दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच की साइबर सेल ने डिजिटल गिरफ्तारी फ्रॉड के एक बड़े मामले का पर्दाफाश करते हुए तीन आरोपियों को गिरफ्तार किया है. आरोपियों ने एक 80 साल के रिटायर्ड सरकारी कर्मचारी को धमकाकर करीब 42.49 लाख रुपये की ठगी की थी. पुलिस ने आरोपियों के खातों से 8.49 लाख रुपये की रकम ट्रेस की है. गिरफ्तार आरोपियों की पहचान महेंद्र कुमार वैष्णव, विशाल कुमार और श्याम दास, सभी निवासी पाली, राजस्थान, के रूप में हुई है.
साइबर ठगी किस तरह की गई?
पुलिस के अनुसार, पीड़ित बुजुर्ग को अज्ञात व्हाट्सएप नंबरों से कॉल आई जिसमें कॉल करने वालों ने खुद को ईडी और सीबीआई अधिकारी बताया. उन्होंने बुजुर्ग पर मनी लॉन्ड्रिंग में शामिल होने का झूठा आरोप लगाकर घंटों तक फोन पर रोके रखा. डर के माहौल में पीड़ित से व्यक्तिगत जानकारी, बैंक डिटेल और पैसे ट्रांसफर करवा लिए गए.
आरोपियों की भूमिका
जांच में खुलासा हुआ कि आरोपी साइबर ठगों को अपने बैंक खाते इस्तेमाल करने के लिए देते थे और बदले में दस हजार रुपये प्रति खाते लेते थे. महेंद्र का बैंक खाता धोखाधड़ी की रकम को घुमाने और छिपाने के लिए मुख्य रूप से इस्तेमाल किया गया. आरोपियों ने अपने बैंक खाते, एटीएम, चेकबुक, सिम कार्ड और इंटरनेट बैंकिंग की जानकारी ठगों को सौंप दी थी, जिससे देशभर में ठगी का जाल फैला हुआ था.
इस मामले में आगे की जांच क्या है?
दिल्ली पुलिस के अनुसार, यह गिरोह पेशेवर तरीके से संगठित साइबर सिंडिकेट्स के लिए काम करता था. पुलिस की जांच में अन्य सहयोगियों और मास्टरमाइंड्स की तलाश जारी है. पुलिस ने कहा है कि जल्द ही इस मामले में और भी गिरफ्तारी हो सकती है.