लंदन । उद्यमी सोफिया चौधरी (Sophia Choudhary) ने दावा किया है कि लंदन की एक ट्रेन में कुछ बच्चों ने उनके साथ नस्लीय अपमान (Racial abuse) किया। यह घटना इस महीने की शुरुआत में घटी। 47 वर्षीय सोफिया ने अपनी पीड़ा लिंक्डइन पर एक भावुक पोस्ट और वीडियो के जरिए साझा की, जिसमें उन्होंने बताया कि कैसे उन्हे नस्लवादी गालियां दी गईं। सोफिया ने अपनी पोस्ट में विस्तार से घटना का जिक्र किया है।
सोफिया ने अपनी पोस्ट में लिखा कि मैंने कभी कल्पना भी नहीं की थी कि ये शब्द दोबारा मेरे कानों में गूंजेंगे। उन्होंने आगे लिखा कि वह अकेली थीं, हेडफोन्स लगाए फोन पर स्क्रॉल कर रही थीं। उनके सामने चार बच्चे बैठे थे। अचानक चीखने-चिल्लाने की आवाज आई। वे बार-बार अपमानजनक शब्द दोहरा रहे थे। हंसी-ठहाके के बीच उनकी बेशर्मी देखकर मैं स्तब्ध रह गई। मैंने आसपास देखा कि कोई और भी तो परेशान है, लेकिन किसी ने कुछ न कहा। मुझे एहसास हो गया कि मैं इस लड़ाई में अकेली हूं।
सोफिया ने तुरंत सबूत जुटाने के लिए वीडियो रिकॉर्डिंग शुरू कर दी। जब उन्होंने बच्चों को चेतावनी दी कि वह पुलिस में शिकायत करेंगी, तो वे अगले स्टेशन पर उतरकर भाग निकले। सबसे ज्यादा उन्हें सहयात्रियों की उदासीनता पर आश्चर्य हुआ। एक यात्री ने पूछा कि पुलिस क्यों बुला रही हो? जब सोफिया ने कहा कि वे नस्लवादी थे, तो उसने बेपरवाही से कहा- तो क्या? वहीं, एक अन्य यात्री ने टिप्पणी की कि वे तो सिर्फ बच्चे हैं, और वीडियो बनाने पर उन्हें ‘बाल शोषक’ तक कह डाला।
सोफिया ने बताया कि पिछले 25 वर्षों में उन्हें कभी ऐसा अपमान नहीं झेलना पड़ा, जो उन्हें सुंदरलैंड में गुजारे बचपन की याद दिला गया, जहां उन्होंने वर्षों तक नस्लवाद का दंश सहा। उन्होंने लिखा कि ये केवल शब्द नहीं हैं। इनमें दर्द, इतिहास और गहरे आघात समाए हैं। जब हम इन्हें अनदेखा करते हैं, तो हम इन्हें सामान्य बना देते हैं।
बीबीसी की रिपोर्ट के मुताबिक, सोफिया ने हेज एंड हर्लिंगटन स्टेशन पर युवकों के उतरने से ठीक पहले पुलिस को कॉल किया था। ब्रिटिश ट्रांसपोर्ट पुलिस (बीटीपी) ने कहा कि जांच जारी है। बीटीपी के एक अधिकारी ने बताया कि वे हम इस तरह के अपराधों के प्रति जीरो टॉलरेंस की नीति अपनाते हैं। ट्रांसपोर्ट फॉर लंदन (टीएफएल) ने भी खेद जताते हुए कहा कि उन्हें गहरा दुख है और वे यह जांच कर रहे हैं कि सोफिया को समय पर मदद क्यों नहीं मिली।