नेपाल के आंदोलन की तर्ज पर सोशल मीडिया प्रोटेस्ट की तैयारी; 5 सीनियर छात्रों पर केस दर्ज
इंदौर । इंदौर के देवी अहिल्या विश्वविद्यालय (DAVV) की जांच समिति ने चौंकाने वाला खुलासा किया है। समिति ने पाया है कि इंजीनियरिंग के पाँच सीनियर छात्रों ने कथित तौर पर नेपाल के जनरेशन Z आंदोलन की तर्ज पर विश्वविद्यालय के खिलाफ सोशल मीडिया पर विरोध प्रदर्शन शुरू करने की साजिश रची थी, जिसके तहत उन्होंने अपने जूनियर्स पर फेक जीमेल और एक्स (X) अकाउंट खोलने का दबाव बनाया।
जनरेशन Z (Gen Z) से तात्पर्य 1997 से 2012 के बीच पैदा हुए लोगों से है। यह संदर्भ इसलिए महत्वपूर्ण है क्योंकि नेपाल में इसी महीने बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार विरोधी प्रदर्शन हुए थे, जिन्हें मुख्य रूप से Gen Z छात्रों और युवाओं ने सोशल मीडिया पर प्लेटफॉर्मों के निलंबन के बाद भी संगठित किया था।
:: रैगिंग और धमकी का मामला दर्ज ::
अतिरिक्त पुलिस उपायुक्त राजेश दंडोतिया ने मंगलवार को बताया कि, देवी अहिल्या विश्वविद्यालय के इंस्टीट्यूट ऑफ इंजीनियरिंग एंड टेक्नोलॉजी (IET) के प्रशासनिक अधिकारी ने पाँच सीनियर छात्रों के खिलाफ भंवरकुआं पुलिस स्टेशन में रैगिंग और जूनियर छात्रों को धमकाने की शिकायत दर्ज कराई है। यह शिकायत विश्वविद्यालय की एंटी-रैगिंग कमेटी की सिफारिश पर आधारित है।
शिकायत में कमेटी की जांच रिपोर्ट का हवाला देते हुए कहा गया है कि कुछ सीनियर छात्र नेपाल के Gen Z आंदोलन की तरह ही विश्वविद्यालय के खिलाफ सोशल मीडिया पर विरोध प्रदर्शन शुरू करने की तैयारी कर रहे थे।
पुलिस अधिकारी दंडोतिया ने स्पष्ट किया, नेपाल के Gen Z आंदोलन के संदर्भ का आधार हमें अभी तक ज्ञात नहीं है। हम DAVV एंटी-रैगिंग कमेटी के सदस्यों से पूछताछ करेंगे और दस्तावेज़ मांगेंगे। इसके बाद ही उचित कानूनी कार्रवाई की जाएगी।
:: फेक अकाउंट से मैसेज फैलाने का दबाव ::
अधिकारियों के अनुसार, एंटी-रैगिंग कमेटी की रिपोर्ट में यह भी बताया गया है कि सीनियर छात्रों ने कथित तौर पर जूनियर छात्रों पर अनुचित दबाव डाला, उन्हें फेक जीमेल और एक्स अकाउंट खोलने के लिए मजबूर किया। सीनियर छात्रों ने जूनियर्स से कहा कि वे इन अकाउंट्स का इस्तेमाल अपने संदेशों और संबंधित हैशटैग को फैलाने के लिए करेंगे।
अधिकारियों ने बताया कि छात्रों ने निर्देश न मानने पर जूनियर्स को बैच आउट (अन्य छात्रों द्वारा बहिष्कार) करने की धमकी भी दी थी।
DAVV के कुलपति डॉ. राकेश सिंहाई ने इस मामले पर बात करते हुए कहा, IET के कुछ सीनियर छात्रों ने 40-50 जूनियर छात्रों को कैंपस के बाहर एक रेस्टोरेंट में बुलाया और उन्हें फेक अकाउंट बनाने और अपने संदेशों को प्रसारित करने के लिए अनुचित निर्देश दिए।
कुलपति ने आशंका जताई कि विश्वविद्यालय ने हाल ही में कुछ सीनियर छात्रों के खिलाफ रैगिंग के मामले में अनुशासनात्मक कार्रवाई की थी और ऐसा लगता है कि उन्होंने नाराजगी के चलते जूनियर छात्रों पर अनुचित दबाव बनाने और विश्वविद्यालय के खिलाफ अनुचित गतिविधियाँ शुरू करने की कोशिश की। उन्होंने कहा कि विस्तृत जांच के बाद ही किसी निष्कर्ष पर पहुंचा जा सकता है।