इंदौर : महू स्थित एक प्राइवेट कंपनी पर ईडी ने शिकंजा कस दिया. मंगलवार सुबह 6 बजे 5 वाहनों से प्रवर्तन निदेशालय (ED) की टीमों ने निजी कंपनी के दफ्तरों व निदेशकों आवासों पर दबिश दी. टीमों ने दफ्तरों व आवासों पर दस्तावेजों की तलाशी शुरू की. इस दौरान दस्तावेज, कंप्यूटर और डिजिटल डिवाइस जब्त किए गए. इस कंपनी पर हवाला और मनी लॉन्ड्रिंग जैसे गड़बड़ी की आशंका है.
सड़क निर्माण प्रोजेक्ट्स पर काम करती है कंपनी
जिस कंपनी पर दबिश दी गई, वह सड़क निर्माण, टोल कंपनी के अलावा कई प्रोजेक्ट्स पर काम करती है. इस निजी कंपनी द्वारा कई ट्रांजेक्शन किए जाने की जानकारी ईडी को मिली थी. इसके अलावा आर्थिक अनियमितता की शिकायतें भी ईडी को लगातार मिल रही थीं. बताया जाता है कि कार्रवाई के दौरान ईडी की टीमों ने कंपनी के दफ्तर से कंप्यूटर, लैपटॉप के साथ ही कई प्रकार के दस्तावेज अपने कब्जे में लिए हैं.
10 साल पहले इनकम टैक्स का छापा पड़ा था
करीब 10 साल पहले भी इस कंपनी पर इनकम टैक्स की कार्रवाई हो चुकी है. उस दौरान हाईवे निर्माण प्रोजेक्ट्स में गड़बड़ियां सामने आई थीं. मंगलवार को हुई कर्रवाई के दौरान दफ्तर व आवासों पर किसी भी व्यक्ति को अंदर से बाहर और बाहर से अंदर जाने की मनाही है. इस छापे के पीछे इस निजी कंपनी द्वारा बैंक लोन घोटाले को भी माना जा रही है. हालांकि ईडी की ओर से अभी तक कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है. ईडी टीमों की कार्रवाई को देखते हुए माना जा रहा है कि शाम तक सर्चिंग चलेगी. मीडिया को भी कार्रवाई के दौरान आसपास नहीं आने की हिदायत है.
करोड़ों रुपए की हेराफेरी का शक
कंपनी के निदेशकों के आवासों से तलाशी के दौरान मिले दस्तावेजों और लेनदेन की गहन जांच के बाद ईडी की ओर से कुछ बयान आने की संभावना है. ईडी को शक है कि इस कंपनी द्वारा करोड़ों रुपए की हेराफेरी की गई है. इस कंपनी के निदेशकों के तार मुंबई के एक बड़े उद्योगपति से जुड़े हैं. आशंका है कि इन सबने मिलकर बैंक लोन घोटाले को अंजाम दिया. इसके साथ ही हवाला और मनी लॉन्ड्रिंग जैसे एंगल पर भी ईडी की नजर है. ईडी को संदेह है कि सड़क निर्माण परियोजनाओं के लिए हुए समझौतों के माध्यम से करोड़ों रुपये का ट्रांजेक्शन हुआ है.