Sonam Wangchuk Arrested : केंद्र शासित प्रदेश लद्दाख को राज्य का दर्जा लौटाने और इसे संविधान की छठी अनुसूची में शामिल करने के लिए आंदोलन कर रहे पर्यावरण कार्यकर्ता सोनम वांगचुक को गिरफ्तार कर लिया गया है. सोनम वांगचुक को पुलिस ने लेह में धरनास्थल से गिरफ्तार किया.
Sonam Wangchuk Arrested : लेह में हिंसक तोड़-फोड़ के बाद हुई गिरफ्तारी
लेह पुलिस ने ये गिरफ्तारी 24 सितंबर को विरोध प्रदर्शन के दौरान हुए तोड़-फोड़ और आगजनी के बाद किया है. 59 साल के सोनम वांगचुक की गिरफ्तारी लेह शहर में हिंसक प्रदर्शन शुरू होने के दो दिन बाद की गई है.शहर में तनाव की स्थिति बनी हुई है. एहतियात के तौर पर पूरे शहर में आज दूसरे दिन भी कड़ा कर्फ्यू जारी रहा. इसके साथ ही पूरे शहर में इंटरनेट सेवा बंद कर दी गई है. अधिकारियों के मुताबिक 27 सितंबर तक लेह शहर के सभी स्कूलों और कॉलेजों को बंद कर दिया गया है.
24 सिंतबर को कहां हुई हिंसा
पर्यावरण के लिए काम करने वाले रेमन मैग्सेसे आवार्ड से सम्मानित कार्यकर्ता सोनम वांगचुक 2019 से लद्दाख के लिए पूर्ण राज्य का दर्जा मांगते हुए आंदोलन कर रहे हैं.लगातार कभी पैदल यात्रा करके तो कभी प्रदर्शन करके सरकार से लद्दाख को राज्य का दर्जा वापस करने की मांग कर रहे हैं. इस मांग के साथ सोनम वांगचुक लेह में पिछले 15 दिन से धरने पर बैठे थे. सोनम के इस आदोन को छात्रों का जोरदार समर्थन मिल रहा था. 24 सितंबर को धरने के दौरान लेह सङर के बीच पुलिस और आंदोलनकारी छात्रों के बीच हिंसक झड़प हुई जिसमें 4 आम लोग मारे गये.
पुलिस की कार्रवाई से नाराज छात्रों ने लेह में मौजूद भाजपा कार्यालय और लद्दाख स्वायत्त पहाड़ी विकास परिषद-लेह (एलएएचडीसी-लेह) के सचिवालय में जबर्दस्त तोड़-फोड़ की. आगजनी और तोड़-फोड़ को नियंत्रित करने के क्रम में सुरक्षा बलों ने प्रदर्शनकारियों ताबड़तोड़ कार्रवाई की जिसमें चार आम नागरिकों की मौत हो गई और 90 ज्यादा लोग घायल हो गए.
हिंसा के लिए सोनम वांगचुक ठहराये गये जिम्मेदार
24 सितंबर को हुई हिंसा के लिए पुलिस ने सोनम वांगचुक को जिम्मेदार ठहराया. सोनम वांगचुक पिछले 15 दिनों से लेह में धरने पर बैठे थे. इसी आंदोलन को अधिक प्रभावी बनाने के लिए लद्दाख के छात्र भी सोनम वांगुचक के समर्थन में उतर आये थे लेकिन सोनम वांगचुक का कहना है कि हिंसा और तोड़ फोड़ कि ना तो इजाजत थी और ना ही उन्हें इसके बारे मे कोई जानकारी थी.सोनम वांगचुक ने हिंसा की वारदात के बाद कई बार शांति की अपील की लेकिन जब स्थिति बेकाबू हो गई तब उन्होने अपने भूख हड़ताल समाप्त करने की घोषणा कर दी और अपने समर्थकों से क्षेत्र में शांति की अपील की.
वांगचुक की गिरफ्तारी की आलोचना
शांतिपूर्ण प्रदर्शनकर रहे समाजिक कार्यकर्ता की गिरफ्तारी से लेह में भारी आक्रोश है. लद्दाख के सांसद हाजी हनीफा ने गिरफ्तारी की निंदा करते हुए कहा कि हनीफा ने कहा, “अगर श्री वांगचुक को शांतिपूर्ण आंदोलन के लिए गिरफ्तार किया गया है, तो हम इसकी निंदा करते हैं.
वहीं जम्मू-कश्मीर के सीएम उमर अब्दुल्ला ने वांगचुक की गिरफ्तारी की निंदा करते हुए कहा कि ये बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है लेकिन हैरानी की बात नहीं है. उमर अब्दुल्ला ने कहा कि ये समझना समझना मुश्किल है कि केंद्र सरकार अपने वादे क्यों नहीं निभा पाई.
कांग्रेस ने नेता जी.ए. मीर ने कहा कि “सम्मानित और गांधीवादी कार्यकर्ता” को गिरफ्तार करने का कदम गलत है.