फरीदाबाद: सेक्टर-31 स्प्रिंग फील्ड कॉलोनी में चल रहे एक स्किल ट्रेनिंग सेंटर के प्रबंधन पर मुंबई की एक फाइनैंस कंपनी कसे एजुकेशन लोन के नाम पर चार करोड़ से अधिक राशि ठगने का आरोप लगा है। सेंटर ने अपने यहां पढ़ने वाले दिल्ली-एनसीआर के 400 से अधिक छात्रों के नाम पर यह लोन लिया। उनसे यह कहकर एग्रीमेंट भी साइन कराया गया कि इस राशि से उन्हें स्किल ट्रेनिंग भी दी जाएगी। लेकिन जब छात्रों के पास फाइनैंस कंपनी के नोटिस आने लगे तो उन्होंने सेंटर से ऐतराज जताया। इसके बाद सेंटर ने कंपनी को बैंक गारंटी दी, लेकिन जांच में कागजात फर्जी पाए गए। फाइनैंस कंपनी प्रबंधन ने डीसीपी सेंट्रल से शिकायत दर्ज कराई। इसके बाद केस दर्ज कर लिया गया। फिलहाल मामले में जांच जारी
कंपनी के साथ किए गए समझौते का पालन नहीं हुआ
ट्रेनिंग सेंटर ने साल 2020 में फाइनैंस कंपनी से व्यावसायिक समझौते के लिए संपर्क किया था। लेकिन सेंटर प्रबंधन ने कंपनी के साथ किए गए समझौते का पालन नहीं किया। अंधेरी ईस्ट मुंबई स्थित फाइनैंस कंपनी के एडवोकेट ध्रुव राजपाल की ओर से दी गई शिकायत में बताया गया है कि सेक्टर-31 स्थित स्प्रिंग फील्ड कॉलोनी में एक रिसोर्स कंसलटेंट संस्था है। रौनक राठौर नामक व्यक्ति खुद को इस संस्था का मालिक बताया। पुलिस को दी शिकायत में फाइनैंस कंपनी के एडवोकेट ने बताया कि उक्त संस्था के मालिक रौनक राठौर ने छात्रों की फीस के लिए एजुकेशन लोन देने की मांग की।
फीस के लिए मांगा सहयोग
कंपनी का आरोप है कि संस्था ने 400 से अधिक छात्रों की लिस्ट उन्हें उपलब्ध करवाई थी। कंपनी ने कई चरणों में चार करोड़ 35 लाख रुपये से अधिकर राशि का लोन ले लिया। लेकिन कंपनी और संस्था के बीचे हुए समझौते का पालन नहीं किया। कंपनी का आरोप है कि संस्थान ने समय पर एजुकेशन लोन की अदायगी नहीं की। कंपनी के एक अधिकारी श्याम झा ने बताया की संस्थान को लोन लेने के बाद दो साथ में उसकी अदायगी करनी थी, लेकिन उसने ऐसा नहीं किया।
छात्रों को भेजा नोटिस तो खुली पोल
शिकायतकर्ता ने बताया कि जब संस्थान ने एजुकेशन लोन की अदायगी निर्धारित समय और शर्तों के अनुसार नहीं की तो संस्थान के छात्रों को नोटिस भेजे जाने लगे। छात्रों ने संस्थान से ऐतराज ताया और कहां कि उन्हें तो कोई ऐसी ट्रेनिंग दी ही नहीं गई। इसके बाद संस्थान ने बैंक में दिसंबर 2021 में 30 फीसदी की गारंती दे दी। संस्थान ने दक्षिण भारतीय बैंक से 40 लाख रुपये की बैंक गारंटी जमा कराई थी। आरोप है कि एक दो किश्त जमा करने के बाद संस्थान ने बकाया जमा करने से इनकार कर दिया। संदेह होने पर जम कंपनी ने बैंक को पत्र लिखकर बैंक गारंटी का सत्यापन कराया तो पता चला कि सब फर्जी है। इसके बाद पुलिस को शिकायत दी गई।