Friday, September 19, 2025

भारत आ रहे हैं अमेरिकी वार्ताकार,क्या भारत-अमेरिका के बीच ट्रेड डील होगी फाइनल ?

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US-India Trade Deal : ट्रंप के हाई टैरिफ के बाद भारत और अमेरिका के संबंधों में आये तनाव के घटने के आसार दिखाई दे रहे हैं. खबर है कि व्यापार को लेकर दोनों देशों के बीच बड़ी डील हो सकती है. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक सोमवार की रात कुछ अमेरिकी अधिकारी भारत पहुंच रहे हैं.

US-India Trade Deal पर बनेगी दोनों देशों के बीच बात ? 

माना जा रहा है कि अमेरिकी अधिकारी ब्रेंडन लिंच (Brendan Lynch) दोनो देशो के बीच चल रहे व्यापार समझौतों को अंतिम रुप देने आ रहे हैं. हालांकि  अभी ये साफ नहीं है कि भारत पर लगे हाई टैरिफ को लेकर अमेरिका का क्या रुख रहेगा. अमेरिका के टैरिफ को लेकर भारत ने पहले ही साफ कर दिया है कि भारत अपने किसानों के हितों के साथ समझौता नहीं करेगा.वहीं अमेरिकी राष्ट्रपति की तरफ से लगातार लव-हेट वाले बयान आ रहे हैं.

सोमवार रात अमेरिकी अधिकारी पहुंच रहे हैं भारत

सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक अमेरिकी नेगोशिएटर ब्रेंडन लिंच सोमवार रात भारत पहुंच रहे हैं. मंगलवार को दोनों देशों के बीच व्यापारिक वार्ता होने जा रही है. ये वार्ता ऐसे समय पर हो रही है, जब अमेरिका लगातार भारत पर रुस से सस्ता तेल खरीदने के फैसले को वापस लेने का दवाब बना रहा है. रुस के साथ तेल-व्यापार समझौता रद्द ना करने पर अमेरिका ने भारत के खिलाफ 50 प्रतिशत का टैरिफ लगाया है , जिससे भारतीय बाजार पर तो बुरा असर पड़ा ही है अमेरिकी बाजार में भी भारतीय उत्पादों की बेहद कमी हो गई है.

दिल्ली आने से पहले भारतीय अधिकारियों से मिले थे अमेरिकी अधिकारी

भारत के साथ तनावपूर्ण वातावरण के बीच अमेरिका अधिकारियों ने दिल्ली आने से पहले अमेरिका मे भारत के राजदूत विनय मोहन क्वात्रा और दूसरे वरिष्ठ अधिकारियों से मुलाकात की थी. इस दौरान दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय व्यापार संबंधों पर भी बात हुई.सोशल मीडिया एक्स पोस्ट से बताया कि संसद के सदस्य जेम्स मोयलान को भारत-अमेरिका के बीच व्यापार साझेदारी और ऊर्जा सहयोग को लेकर हाल के दिनों में हुए घटनाक्रमों के बारे में जानकारी मिली.

भारतीय राजदूत विनय मोहन क्वात्रा के किये सोशल मीडिया पोस्ट में बताया गया कि “हमने हिंद-प्रशांत क्षेत्र में आपसी हितों के मुद्दों पर भी विचार साझा किए. बातचीत और कूटनीति के जरिये यूक्रेन संघर्ष के समाधान के लिए भारत के समर्थन को दोहराया.’

अब G7 देशों को भी भड़का रहे हैं राष्ट्रपति ट्रंप

समाचार एजेंसी पीटीआई के मुताबिक अमेरिका लगातार उन देशों पर शुल्क बढाने के लिए उकसा रहा है जो रुस के साथ तेल खरीदने या व्यापारिक संबंधो से जुड़े हैं. अमेरिका ने जी-7 देशों से रूस से तेल खरीदने वाले मुल्कों पर टैक्स लगाने की बात कही है. अमेरिका लगातार अपने टैरिफ सही ठहराने की कोशिश में इस बात पर जोर देने में लगा है कि एक साथ मिलकर ही रुस को यूक्रेन के साथ युद्ध करने से रोक जा सकता है . रुस के साथ व्यापार बंद करके ही मॉस्को की युद्धमशीनों को धन मुहैया कराने वाले स्रोत को बंद किया जा सकता है. अमेरिकी वित्त मंत्री स्कॉट बेसेंट और व्यापार प्रतिनिधि राजदूत जैमीसन ग्रीर ने बीते शुक्रवार को जी7 के वित्त मंत्रियों के साथ बातचीत की और राष्ट्रपति ट्रंप की अपील के बारे में बताया.  इस बार तो अमेरिका ने चीन पर भी टैरिफ लगाने की बात कही है.अमेरिका ने NATO देशों से अपील की है कि वो चीन पर 50 से 100 फीसदी टैरिफ लगाये.

हलांकि यहां खास बात ये है कि भारत और चीन दोनो ही रुस तेल के बड़े खरीददार हैं लेकिन अमेरिकी ने भारत पर 50 प्रतिशत टैरिफ लगाया है वहीं चीन पर कोई टैरिफ नहीं लगाया है.

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