PM Modi Manipur Visit Update : प्रधानमंत्री मोदी की मणिपुर यात्रा को लेकर तैयारियां तेज हैं. पीएम मोदी के मणिपुर जाने से पहले गृहमंत्रालय की कोशिश है कि वहां स्थिति सामान्य रहे. इसी सिलसिले में गृह मंत्रालय ने मणिपुर सरकार, यूनाइटेड पीपुल्स फ्रंट (यूपीएफ) और कुकी राष्ट्रीय संगठन (केएनओ) के प्रतिनिधियों के साथ दिल्ली में एक त्रिपक्षीय बैठक की जिसमें कुछ बड़े फैसले हुए.
PM Modi Manipur Visit : नेशनल हाइवे-2 खोलने का फैसला
बैठक के दौरान ‘कुकी-जो’ काउंसिल ने नेशनल हाइवे-2 को आम लोगों और आवश्यक वस्तुओं की आवाजाही के लिए खोलने का फैसला किया है.कुकी जो परिषद का ये कदम पीएम मोदी के मणिपुर आगमन के लिए एक गुडविल के तौर पर देखा जा रहा है.
इस समय केंद्र सरकार की कोशिश है कि पीएम मोदी की यात्रा से पहले और यात्रा के दौरान राज्य में हालात स्थिर और सामान्य रहें. कुकी-जो परिषद ने ये फैसला गृह मंत्रालय के अधिकारियों के साथ हुई कई बैठकों के बाद लिया है. बैठक के दौरान कुकी-जो ने गृह मंत्रालय को नेशनल हाइवे-2 पर शांति बनाए रखने और सुरक्षा बलों के साथ सहयोग करने का वादा किया है
बैठक के बाद गृहमंत्रालय ने जारी किया बयान
यूपीएफ और कुकी राष्ट्रीय संगठन (KNF) के साथ बैठक के बाद गृह मंत्रालय ने अपने बयान में कहा कि “कुकी-जो परिषद ने नेशनल हाइवे -2 पर शांति बनाए रखने में सुरक्षा बलों के साथ सहयोग करने की प्रतिबद्धता जताई है. नेशनल हाइवे-2 के बंद हो जाने के काऱण राज्य को नागालैंड और पूर्वोत्तर से जोड़ेने वाली महत्वपूर्ण जीवनरेखा मई 2023 में से बंद है.
नेशनल हाइवे को फिर से खोलना राज्य में विश्वास बहाली और हिंसा प्रभावित राज्य में सामान्य स्थिति बहाल करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है. इस फैसले के बाद माना जा रहा है कि आवश्यक वस्तुओं की आपूर्ति आसान होने से विस्थापित परिवारों और राहत शिविरों में रह रहे लोगों की मुश्किलें थोड़ी कम होंगी.
गृहमंत्रालय ने अपने बयान में बताया है कि नई दिल्ली में गृह मंत्रालय, मणिपुर सरकार, केएनओ और यूपीएफ के प्रतिनिधियों के बीच एक त्रिपक्षीय बैठक हुई, जिसमें त्रिपक्षीय परिचालन निलंबन (SOO) समझौते पर हस्ताक्षर के साथ हुआ, जिसमें फिर से बातचीत की गई शर्तों और नियमों (आधारभूत नियमों) को हस्ताक्षर की तिथि से एक वर्ष के लिए प्रभावी माना जाएगा. मंत्रालय ने कहा कि संशोधित आधारभूत नियमों में दो प्रमुख बिंदुओं पर बल दिया गया है। मणिपुर की क्षेत्रीय अखंडता और मणिपुर में स्थायी शांति व स्थिरता के लिए बातचीत के माध्यम से समाधान की आवश्यकता.
साथ ही, गृह मंत्रालय ने बताया कि केएनओ और यूपीएफ ने संघर्ष की आशंका वाले क्षेत्रों से सात निर्दिष्ट शिविरों में स्थानांतरण, शिविरों की संख्या कम करने, हथियारों को निकटतम सीआरपीएफ और बीएसएफ शिविरों में स्थानांतरित करने, और सुरक्षा बलों द्वारा कैडरों का कठोर भौतिक सत्यापन करने पर सहमति जताई है, ताकि विदेशी नागरिकों (यदि कोई हों) को सूची से हटाया जा सके.