3200 crore liquor scam रायपुर: प्रदेश में हुए 32 सौ करोड़ के शराब घोटाले मामले में बुधवार को आर्थिक अपराध शाखा (EOW) के विशेष न्यायाधीश की अदालत में अनुपस्थित रहने वाले 28 आबकारी अधिकारियों के खिलाफ 500-500 रुपये के जमानती वारंट जारी किए हैं. आरोपी अधिकारियों को सुनवाई के दौरान अदालत में उपस्थित होना था लेकिन गिरफ्तारी की आशंका के चलते कोई भी पेश नहीं हुआ. अदालत ने अनुपस्थिति को गंभीर मानते हुए सभी के खिलाफ वारंट जारी किया.
3200 crore liquor scam : 26 अक्टूबर को है अगली सुनवाई
इस मामले की अगली सुनवाई 26 अक्टूबर को तय की गई है. घोटाले में 15 आरोपी पहले से जेल में बंद हैं. इस घोटाले में शामिल अधिकारियों के खिलाफ ईओडब्ल्यू ने चालान पेश कर दिया है और हाईकोर्ट उनकी अग्रिम जमानत याचिका खारिज कर चुका है.
जिन अधिकारियों पर वारंट जारी हुआ है उनमें प्रमोद नेताम, नीतू नोतानी, एलएस ध्रुव, इकबाल अहमद खान, जनार्दन सिंह कौरव, अरविंद पाटले, दिनकर वासनिक, नोहर ठाकुर, नवीन तोमर, विकास गोस्वामी, रामकृष्ण मिश्रा, मंजूश्री कसेर, विजय सेन, मोहित जायसवाल, गंभीर सिंह नुरूटी, नीतिन खंडूजा, अश्वनी अनंत, अंनत सिंह, सोनल नेताम, गरीब पाल सिंह, सौरभ बक्शी, जेठूराम मंडावी, देवलाल वैद्य, प्रकाश पाल, आशीष कोसम और राजेश जायसवाल शामिल हैं.
अधिकारियों को सरकार ने कर दिया है सस्पेंड
शराब घोटाले के आरोप में ईओडब्ल्यू ने 29 अधिकारियों के खिलाफ केस दर्ज है. इसमें एक की मौत हो गई है. छह सेवानिवृत्त हो चुके हैं. कार्यरत 22 आबकारी अधिकारियों को राज्य सरकार ने सस्पेंड भी कर दिया है. इन सभी पर आरोप है कि प्रदेश में हुए घोटाले में सिंडिकेट में यह लोग शामिल थे. सिंडिकेट में काम कर रहे अफसरों को 88 करोड़ से ज्यादा की रकम मिली थी.

