Saturday, November 15, 2025

सीएम हेमंत सोरेन का पैतृक गांव नेमरा दौरा, गलियों और पगडंडियों पर किया सैर

- Advertisement -

रामगढ़ः नेमरा गांव के रास्तों पर चलते हुए, किसानों से मिलते हुए, जल-जंगल-जमीन के मुद्दों पर बोलते हुए — हर जगह मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन में पिता शिबू सोरेन की विरासत जीवित दिखाई देती है। हेमंत सोरेन का प्रकृति से गहरा लगाव है। यह लगाव केवल शब्दों में नहीं, बल्कि उनके जीवनशैली और नीतियों में साफ़ दिखाई देता है। गांव के प्राकृतिक वातावरण में पले-बढ़े मुख्यमंत्री आज भी अपने व्यस्त राजनीतिक जीवन में प्रकृति के साथ समय बिताना नहीं भूलते। इसी क्रम में बुधवार को मुख्यमंत्री अपने पैतृक गांव नेमरा में सादगीपूर्ण अंदाज में गांव की गलियों और पगडंडियों पर घूमते हुए नजर आए। निरीक्षण के दौरान मुख्यमंत्री ने ग्रामीणों से बातचीत की और उनकी समस्याओं एवं सुझावों को सुना।

बेटे में झलकती है पिता की परछाई

हेमंत सोरेन को लोग सिर्फ राज्य का मुख्यमंत्री नहीं, बल्कि अपने पिता दिशोम गुरु दिवंगत शिबू सोरेन की परछाई के रूप में भी देखते हैं। चाहे ग्रामीण इलाकों का दौरा हो, गरीब और वंचितों की समस्याएं सुनना हो या जल, जंगल और जमीन की रक्षा के लिए ठोस कदम उठाना, हर कार्य में गुरुजी की सोच और आदर्श साफ़ झलकते हैं। जनसेवा, सरल स्वभाव और लोगों से गहरे जुड़ाव की वही विरासत, जिसे गुरुजी ने दशकों तक निभाया, आज मुख्यमंत्री अपने कार्यों से आगे बढ़ा रहे हैं। मुख्यमंत्री के व्यक्तित्व में वही सादगी, वही संघर्ष और वहीं अटूट समर्पण झलकता है, जिसने गुरुजी को लोगों के दिलों में अमर कर दिया। मुख्यमंत्री ने कहा कि उनके जीवन का हर कदम पिता की सीख और आशीर्वाद से प्रेरित है। "गुरुजी ने सिखाया कि राजनीति का अर्थ केवल सत्ता नहीं, बल्कि जनता की सेवा और अधिकारों की रक्षा है।"

जल, जंगल और जमीन से है गहरा जुड़ाव

मुख्यमंत्री ने कहा कि जल, जंगल और जमीन राज्य की पहचान और अस्तित्व का आधार हैं। उन्होंने स्पष्ट किया कि सरकार इन तीनों संसाधनों के संरक्षण और संवर्धन को अपनी प्राथमिकता में रखकर कार्य कर रही है। उन्होंने कहा कि यह केवल प्राकृतिक संसाधनों की रक्षा का विषय नहीं है, बल्कि आने वाली पीढ़ियों के लिए एक सुरक्षित और समृद्ध झारखंड बनाने का संकल्प है।

गांव और प्रकृति से जुड़ी हैं बचपन की यादें

मुख्यमंत्री का बचपन गांव की गोद में बीता, जहां सुबह की ठंडी हवा, खेतों की हरियाली और नदी की कलकल ध्वनि उनका रोज़ का साथी था। इसी वातावरण में पला-बढ़ा मन आज भी प्रकृति की गोद में सुकून पाता है। मुख्यमंत्री का सपना है कि झारखंड आने वाली पीढ़ियों के लिए भी उतना ही हरा-भरा, स्वच्छ और जीवनदायी बना रहे जितना यह आज है। वे मानते हैं कि विकास तभी सार्थक है, जब वह पर्यावरण और स्थानीय संस्कृति के साथ तालमेल बिठाए। मुख्यमंत्री का मानना है कि जल, जंगल और जमीन केवल प्राकृतिक संसाधन नहीं, बल्कि झारखंड की आत्मा हैं। ये लोकगीतों, त्योहारों और पारंपरिक रीति-रिवाजों में रचे-बसे हैं। इसलिए, इनके संरक्षण को सांस्कृतिक संरक्षण के रूप में भी देखा जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि गांव का विकास राज्य के सर्वांगीण विकास की बुनियाद है और हमारी सरकार ग्रामीण बुनियादी सुविधाओं को मजबूत बनाने के लिए प्रतिबद्ध है।

फोन और वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से संवाद

गांव के खुले आंगन, मिट्टी की महक और अपनत्व से भरे वातावरण में रहते हुए भी मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की प्राथमिकता जनता की सेवा ही है। इन दिनों अपने पैतृक गांव नेमरा में रहकर एक साथ पुत्र धर्म और राज्य धर्म का निर्वहन कर रहे हैं। एक ओर जहां वे दिवंगत पिता दिशोम गुरु शिबू सोरेन के श्राद्ध कर्म की स्थानीय परंपराओं और रीति-रिवाजों का निर्वाह कर रहे हैं वहीं राज्य के विकास और प्रशासनिक कार्यों के प्रति पूरी तरह सक्रिय हैं। गांव के सादगीपूर्ण माहौल में रहते हुए वे लगातार विभिन्न विभागों से प्राप्त फाइलों और प्रस्तावों पर निर्णय ले रहे हैं। अधिकारियों से फोन और वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से संवाद कर रहे हैं।

मुख्यमंत्री ने स्पष्ट किया है कि जनहित से जुड़े कार्यों में किसी भी प्रकार की कोताही न हो और योजनाओं का गुणवत्तापूर्ण क्रियान्वयन निर्धारित टाईमलाईन से किया जाए। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिया है कि ग्रामीण इलाकों से लेकर शहरी क्षेत्रों तक, जनता की समस्याओं के प्रति संवेदनशील रहते हुए उनके समाधान में पूरी तत्परता बरती जाए।

कांग्रेस नेताओं ने सीएम से मुलाकात की

मुख्यमंत्री से आज नेमरा स्थित पैतृक आवास में मंत्री इरफान अंसारी, दीपिका पाण्डेय, शिल्पी नेहा तिर्की, झारखंड प्रदेश प्रभारी के. राजू, प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष केशव महतो कमलेश और विधायक प्रदीप यादव ने मुलाकात की।

मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन से आज फिल्म निर्माता- निर्देशक प्रकाश झा ने मुलाकात की। मौके पर उन्होंने ईश्वर से दिवंगत आत्मा की शांति एवं शोकाकुल परिजनों को इस विकट दुःख को सहन करने शक्ति प्रदान करने की प्रार्थना की। पैतृक गांव में "कुड़मालि भाखी चारि आखड़ा" के सदस्यों ने मुलाकात कर उनके प्रति गहरी संवेदनाएं व्यक्त की। इस अवसर पर संगठन के वरिष्ठ सदस्यों ने गुरुजी के जीवन, विचारों और समाज के प्रति उनके योगदान को याद करते हुए कहा कि गुरुजी ने सदैव शिक्षा, सेवा और एकता का संदेश दिया। उनका मार्गदर्शन और प्रेरणा हमेशा समाज को दिशा देता रहेगा। सभा में उपस्थित लोगों ने गुरुजी की आत्मा की शांति के लिए प्रार्थना की और उनके बताए मार्ग पर चलने का संकल्प लिया।

Html code here! Replace this with any non empty raw html code and that's it.

Latest news

Related news