Sunday, November 16, 2025

जस्टिस यशवंत वर्मा के खिलाफ लोकसभा में महाभियोग प्रस्ताव स्वीकार,जांच के लिए बनाई गई 3 सदस्यीय कमिटी

- Advertisement -

Justice Verma Impeachment : कैशकांड में घिरे जस्टिस यशवंत वर्मा के खिलाफ महाभियोग का प्रस्ताव लोकसभा में पेश किया गया और इसे स्वीकार भी कर लिया गया है. लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने जस्टिस वर्मा पर लगे कैश कांड की जांच के लिए 3 सदस्यों की एक कमेटी बनाई है. इस कमिटी में जस्टिस अरविंद कुमार, जस्टिस मनिंदर मोहन श्रीवास्तव और बी. वी. आचार्य शामिल हैं.

Justice Verma Impeachment:लोकसभा में प्रस्ताव पेश  

लोकसभा में ये प्रस्ताव 146 सांसदों के हस्ताक्षर के साथ पेश किया गया. जस्टिस वर्मा के खिलाफ शिकायत को स्पीकर ओम बिरला ने गंभीर प्रकृति का मानते हुए इसकी जांच के लिए 3 सदस्यीय कमेटी के गठन की घोषणा कर दी है.

लोकसभा स्पीकर ने सदन को बताया कि सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस के राय में इस मामले दी गहन जांच जरुरी है. इसके साथ ही शिकायत की गंभीरता को देखते हुए जस्टिस वर्मा को पद से हटाने के लिए नियमों के अनुसार प्रक्रिया शुरू करने की आवश्यकता है. ओम बिरला ने कहा कि उन्होंने प्रस्ताव को उचित पाते हुए इसकी स्वीकृति प्रदान की है और उन्हें पद से हटाने के अनुरोध पर जांच समिति बनाई है.

जांच समिति के तीन सदस्यों पर टिका जस्टिस वर्मा का भविष्य  

संसद ने जस्टिस वर्मा के मामले की जांच के लिए तीन वरिष्ठ न्यायधीशों की एक कमिटी बनाई है जिसमें सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस अरविंद कुमार, कर्नाटक उच्च न्यायालय के पूर्व मुख्य न्यायाधीश और वरिष्ठ कानूनविद बी. वी. आचार्य  और मद्रास हाईकोर्ट के जस्टिस मनिंदर मोहन श्रीवास्तव को शामिल किया गया है. लोकसभा अध्यक्ष ने कहा कि इन तीन जजों की जांच रिपोर्ट के आधार पर ही आगे की कार्रवाई तय होगी.

जस्टिस वर्मा के खिलाफ क्यो की गई है महाभियोग की सिफारिश ?

मामला आकूत धन से जुड़ा हुआ है, जिसके बारे में किसी को जानकारी नहीं है कि ये धन कहां से आया था. दरअसल इसी साल मार्च के महीने में होली के दिन दिल्ली हाईकोर्ट के पूर्व न्यायधीश जस्टिस यशवंत वर्मा के दिल्ली स्थित सरकारी आवास पर आग लग गई थी. आग रात करीब साढे 9 बजे लगी. जब आग बुझाने फायर ब्रिगेड की गाडियां पहुंची तो कर्मचारी और वहां मौजूद लोग वहां का नजारा देखकर दंग रह गये. वहां जस्टिस वर्मा के बंगले के आउट हाउस में करोड़ों रुपये के कैश आग में जलकर खाक हो रहे थे. कुछ जल गये और कुछ आधे जले थे.इसके बाद मीडिया रिपोर्ट के बाद मामला उछला और फिर इसकी गूंज सुप्रीम कोर्ट तक गई. चीफ जस्टिस की निगरानी में बनी सुप्रीम कोर्ट की अंतरिक जांच टीम ने जस्टिस वर्मा के खिलाफ लगे आरोपों में गंभीर रुप से संलिपत्ता पाई, इसके बाद रिपोर्ट राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री को सौंपी गई. इस जांच रिपोर्ट में सुप्रीम कोर्ट चीफ जस्टिस संजीव खन्ना की तरफ से महाभियोग की सिफारिश की गई थी.सुप्रीम कोर्ट कोलेजियम ने जस्टिस वर्मा का तबादला इलाहाबाद हाईकोर्ट में कर दिया. जस्टिस वर्मा को इलाहाबाद हाईकोर्ट में फिलहाल कोई काम नहीं दिया गया है.

सुप्रीम कोर्ट की अंतरिक जांच कमिटी की रिपोर्ट को लेकर खबर आई कि  जस्टिस वर्मा के खिलाफ लगे आरोपों को सही पाया गया था. इसके बाद ही उनके खिलाफ महाभियोग की तैयारी शुरू हो गई थी, हालांकि जस्टिस यशवंत वर्मा ने इस मामले में खुद को निर्दोष बताते हुए स्वयं इस्तीफा देने से इंकार कर दिया था. जस्टिस वर्मा ने इस पूरे कांड को अपने खिलाफ एक साजिश करार दिया है.

Html code here! Replace this with any non empty raw html code and that's it.

Latest news

Related news