न्यूयार्क। अमेरिका में हाल ही में यूनाइटेड एयरलाइंस के एक बोइंग 787-8 ड्रीमलाइनर विमान के साथ उड़ान के दौरान बड़ी घटना हुई है। 25 जुलाई को, विमान के बाएं इंजन में खराबी आ गई, जब वह 5000 फीट की ऊंचाई पर था। इसके बाद पायलटों ने तुरंत मेडे कॉल (आपातकालीन संदेश) भेजा।
पायलटों ने एयर ट्रैफिक कंट्रोलर (एटीसी) के साथ मिलकर स्थिति को संभाला। विमान करीब 2 घंटे 38 मिनट तक हवा में रहा, विमान ने वॉशिंगटन के उत्तर-पश्चिम में ईंधन खाली करने के लिए चक्कर लगाए, ताकि सुरक्षित लैंडिंग के लिए वजन कम हो सके। ईंधन खाली करने के बाद, पायलटों ने इंस्ट्रूमेंट लैंडिंग सिस्टम (आईएलएस) की मदद से रनवे 19 सेंटर पर लैंडिंग की।
लैंडिंग के बाद, खराब इंजन के कारण विमान खुद रनवे से हट नहीं सका और विमान को टो करके हटाना पड़ा। यह विमान सोमवार तक वॉशिंगटन डलेस एयरपोर्ट पर ही खड़ा रहा। इस घटना में किसी को चोट नहीं आई, जो एक बड़ी राहत की बात है। यूनाइटेड एयरलाइंस और हवाई अधिकारियों ने इस तकनीकी खराबी की जांच शुरू कर दी है।
यह घटना इसलिए और भी महत्वपूर्ण हो जाती है क्योंकि इसी मॉडल का एक विमान बोइंग 787-8 ड्रीमलाइनर 12 जून को अहमदाबाद में एअर इंडिया का क्रैश हुआ था। वह विमान टेकऑफ के दो मिनट बाद ही क्रैश हो गया था, जिसमें 270 लोगों की जान चली गई थी।
बता दें कि बोइंग दुनिया की दूसरी सबसे बड़ी कॉमर्शियल एयरक्राफ्ट मैन्युफैक्चरर कंपनी है, जबकि फ्रांस की एयरबस कंपनी बीते महीने ही सबसे बड़ी कॉमर्शियल एयरक्राफ्ट मैन्युफैक्चरर बनी है। इन घटनाओं से बोइंग के विमानों की सुरक्षा और विश्वसनीयता पर सवाल उठ रहे हैं, खासकर ड्रीमलाइनर मॉडल पर असर दिख सकता है। यह देखना होगा कि यूनाइटेड एयरलाइंस के विमान में हुई इस तकनीकी खराबी की जांच में क्या सामने आता है और इसका भविष्य में विमान सुरक्षा प्रोटोकॉल पर क्या प्रभाव पड़ता है।
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