रायपुर में इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय ने धान की एक एडवांस वेरायटी तैयार की है. इस एडवांस वेरायटी के बारे में इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय के आनुवंशिकी और संयंत्र प्रजनन विभाग के प्रधान वैज्ञानिक डॉ. दीपक शर्मा बताते हैं कि “हमारे यहां पारंपरिक धान की एक किस्म सफरी सतरा है,इसकी ऊंचाई ज्यादा होने से ये पक कर गिर जाते हैं . इसको देखते हुए इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय ने भाभा एटॉमिक रिसर्च संस्थान पर म्यूटेशन ब्रीडिंग रेडिएशन से सफरी सतरा के बीज को एक प्रजनक विधि के द्वारा विक्रम टीसीआर बनाया है. ये सुधार सफरी सतरा में हुआ है. विक्रम टीसीआर में अब सफरी सतरा से बेहतर गुण हैं.
वैज्ञानिक डॉ. दीपक शर्मा ने बताया कि सफरी सतरा से उपज केवल 30-35 क्विंटल प्रति हेक्टर होती थी, वहीं अब विक्रम टीसीआर से उपज डबल हो गई है. अगर छीक तरीके से मेनजेमेंट किया जाये को इस अब विक्रम टीसीआर से 60 क्विंटल प्रति हेक्टर की उपज प्राप्त कर सकते हैं.