Friday, July 11, 2025

मशरूम कंपनी में छापा: बंधुआ मजदूरी, मारपीट और अमानवीय परिस्थितियों का खुलासा

- Advertisement -

रायपुर, छत्तीसगढ़: खरोरा क्षेत्र स्थित एक मशरूम निर्माण कंपनी में मजदूरों से जबरन श्रम करवाने और उन्हें बंधक बनाकर रखने का चौंकाने वाला मामला सामने आया है। पुलिस और जिला प्रशासन की संयुक्त कार्रवाई में 97 मजदूरों को मुक्त कराया गया है, जिनमें 47 नाबालिग और कई महिलाएं, जिनमें गर्भवती महिलाएं भी शामिल थीं, मौजूद थीं। मजदूरों को रायपुर के इंडोर स्टेडियम में अस्थायी रूप से शिफ्ट किया गया है।

मजदूरों ने बताई आपबीती

छुड़ाए गए मजदूरों ने आरोप लगाया कि उन्हें रात 2 बजे से जबरन काम कराया जाता था, दोपहर में भोजन मिलता था और फिर रात में ही दोबारा खाना दिया जाता था। जब उन्होंने मेहनताना मांगा, तो बेलचे और चाकू से मारपीट की गई। मजदूरों के मोबाइल भी उनसे छीन लिए गए थे, ताकि वे किसी से संपर्क न कर सकें।

मजदूरों की शिकायत पर हुई कार्रवाई

जौनपुर (उत्तर प्रदेश) से लाए गए मजदूरों में से दो, रवि और गोलू, अपने परिवार के साथ 2 जुलाई को किसी तरह भागकर 20 किलोमीटर पैदल चलकर रायपुर पहुंचे और एसपी कार्यालय में शिकायत की। इसके बाद पुलिस और प्रशासन ने खरोरा स्थित उमाश्री राइस मिल परिसर में संचालित ‘मोजो मशरूम कंपनी’ पर छापा मारा।

संचालकों के खिलाफ देर तक नहीं हुई कार्रवाई

कंपनी के कथित संचालक विपिन तिवारी, विकास तिवारी और नितेश तिवारी पर मजदूरों से शोषण, बंधन और मारपीट के आरोप हैं। हालांकि, देर रात तक उनके खिलाफ किसी प्रकार की प्राथमिकी दर्ज नहीं की गई थी। इस लापरवाही पर सवाल खड़े हो रहे हैं।

बाल संरक्षण आयोग ने की पूछताछ

सीडब्ल्यूसी (बाल कल्याण समिति) की टीम ने नाबालिगों से अलग से पूछताछ की। कई मजदूरों ने मारपीट, दुर्व्यवहार और जबरन मजदूरी की शिकायतें दर्ज कराई हैं। पूछताछ और मेडिकल जांच की प्रक्रिया पूरी की जा रही है।

श्रमिकों का मूल स्थान

ज्यादातर मजदूर मध्यप्रदेश, बिहार और उत्तर प्रदेश के रहने वाले हैं। उन्हें घरेलू काम दिलाने के बहाने रायपुर लाया गया था और फिर जबरन मशरूम फैक्ट्री में मजदूरी कराई गई।

Html code here! Replace this with any non empty raw html code and that's it.

Latest news

Related news