राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग (CAQM) का नया आदेश अगले तीन दिनों में जारी हो सकता है. इससे पहले इस सप्ताह दिल्ली सरकार, पेट्रोल पंप डीलर एसोसिएशन और अन्य संबंधित विभागों के साथ एक महत्वपूर्ण बैठक प्रस्तावित है, जिसके बाद किसी बड़े फैसले की उम्मीद की जा रही है.
फिलहाल, दिल्ली में CAQM का पुराना आदेश ही प्रभावी है और नए निर्देश पर अब तक औपचारिक चर्चा नहीं हुई है, हालांकि, दिल्ली सरकार द्वारा इस संबंध में भेजा गया पत्र आयोग को प्राप्त हो चुका है. सूत्रों के अनुसार, पेट्रोल डीलर एसोसिएशन पहले भी नए आदेशों के मसौदे का विरोध कर चुका है. ऐसे में आगामी बैठकों में इस मुद्दे पर टकराव की स्थिति बन सकती है.
इस बीच, यह भी स्पष्ट हुआ है कि CAQM के पास गाड़ियों को जब्त करने का अधिकार नहीं है, इसलिए आयोग इस तरह की कोई सख्त कार्रवाई नहीं कर सकता. इसी आधार पर दिल्ली सरकार ने भी फिलहाल गाड़ियों की जब्ती की कार्रवाई पर रोक लगा दी है.
दिल्ली की रेखा गुप्ता सरकार का यू-टर्न
दिल्ली की रेखा गुप्ता सरकार ने ओल्ड व्हीकल पॉलिसी के तहत 10 साल पुरानी डीजल और 15 साल पुरानी पेट्रोल की गाड़ियों पर बैन लगाया था लेकिन तीन दिन बाद ही दिल्ली सरकार बैकफुट पर आ गई. उन्हें अपना फैसला वापस लेना पड़ा. दिल्ली सरकार ने CAQM को पत्र लिखकर कहा कि दिल्ली में सिर्फ प्रदूषण फैलाने वाली गाड़ियां ही जब्त होंगी. पुराने वाहनों के खिलाफ फिलहाल एक्शन नहीं होगा.
LG ने भी लिखा दिल्ली सरकार को पत्र
दिल्ली में पुरानी गाड़ियों पर बैन लगाने के फैसले को लेकर दिल्ली के उपराज्यपाल वीके सक्सेना ने भी दिल्ली सरकार को चिट्ठी लिखी थी. उन्होंने कहा कि अभी दिल्ली इस तरह के प्रतिबंध के लिए तैयार नहीं है. वीके सक्सेना ने इस आदेश पर फिलहाल रोक लगाने की मांग की.
LG ने कहा कि दिल्ली में अभी ऐसी सुविधाएं नहीं हैं जिससे लाखों गाड़ियों को हटाना या स्क्रैप करना संभव हो. उन्होंने कहा कि आम आदमी, खासकर मिडिल क्लास, अपनी सारी बचत लगाकर व्हीकल खरीदता है. ऐसे में अचानक उसकी गाड़ी को अवैध घोषित करना गलत है.
CAQM कल इस संबंध में बैठक करेगा- सिरसा
दिल्ली के पर्यावरण मंत्री मनजिंदर सिंह सिरसा ने कहा कि हमने वाहनों की आयु समाप्त होने के मुद्दे पर CAQM को पत्र लिखा है. CAQM कल इस संबंध में बैठक करेगा. हमें उम्मीद है कि हमारे अनुरोध पर विचार किया जाएगा. AAP शासन में लगभग 80 हजार वाहन उठाए गए, NGT और अदालत को इसकी जांच करनी चाहिए क्योंकि दिल्ली में इतना बड़ा स्क्रैप यार्ड/तंत्र नहीं है.