जबलपुर : आदेश के बावजूद नर्सिंग कॉलेज फर्जीवाड़ा मामले में लापरवाही बरतना आईएनसी चेयरमैन को भारी पड़ गया. दरअसल, भारतीय नर्सिंग काउंसिल ने कोर्ट के आदेश के बावजूद सीबीआई जांच में अनसूटेबल पाए गए नर्सिंग कॉलेज की मान्यता संबंधित ओरिजनल फाइल प्रस्तुत नहीं किए. इसे हाईकोर्ट की अवमानना मानते हुए आईएनसी के चेयरमैन को नोटिस जारी किया गया है.
INC चेयरमैन को अवमानना नोटिस
कोर्ट में यह भी सामने आया है कि आईएनसी के सचिव भी आदेश के बावजूद सुनवाई के दौरान व्यक्तिगत रूप से उपस्थित नहीं हुए. हाईकोर्ट जस्टिस अतुल श्रीधरन व जस्टिस डी के पालीवाल की युगलपीठ ने हाईकोर्ट के आदेश का पालन नहीं किए जाने को गंभीरता से लेते हुए आईएनसी के चेयरमैन के साथ सचिव को भी अवमानना नोटिस जारी किए हैं.
क्या है नर्सिंग कॉलेजों का पूरा मामला?
गौरतलब है कि मध्य प्रदेश में नियम विरुद्ध तरीके से नर्सिंग कॉलेज संचालित किए जाने को लेकर लॉ स्टूडेंट एसोसिएशन के विशाल बघेल की ओर याचिका दायर की गई थीृ. इसके बाद हाईकोर्ट ने प्रदेश के नर्सिंग कॉलेज की सीबीआई जांच के निर्देश दिए थे. सीबीआई जांच में लगभग तीन सौ से अधिक अनसूटेबल कॉलेजों की मान्यता संबंधित ओरिजनल फाइल कोर्ट में पेश करने के निर्देश आईएनसी व एमपीएनआरसी को दिए गए थे.
आईएनसी के सचिव ने भी आदेश नहीं माना
याचिका की सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ता की ओर से युगलपीठ को बताया गया कि आईएनसी को कई अवसर प्रदान किए जाने के बावजूद भी अनसूटेबल कॉलेजों की ओरिजनल फाइल प्रस्तुत नहीं की गई. हाईकोर्ट ने पिछली सुनवाई के दौरान आईएनसी के सचिव को भी तलब किया था. व्यक्तिगत उपस्थिति के आदेश के बावजूद भी वह उपस्थित नहीं हुए.
16 जुलाई को होगी अगली सुनवाई
युगलपीठ ने आदेश का पालन नहीं किए जाने को गंभीरता से लेते हुए आईएनसी के चेयरमैन तथा सचिव को अवमानना नोटिस जारी किए. युगलपीठ ने अपने आदेश में सीबीआई को निर्देशित किया है कि जांच की सॉफ्ट कॉपी याचिकाकर्ता को प्रदान की जाए.
इसके अलावा एमपी नर्सिंग काउंसिल सत्र 2025-26 के नर्सिंग कॉलेज की मान्यता संबंधित आवेदन व फैक्टली का डाटा याचिकाकर्ता को प्रदान करें. याचिका पर अगली सुनवाई 16 जुलाई को निर्धारित की गई है. याचिकाकर्ता की ओर से अधिवक्ता आलोक बागरेचा ने पैरवी की.