भोपाल। वरिष्ठ मंडल वाणिज्य प्रबंधक सौरभ कटारिया के मार्गदर्शन में मंडल वाणिज्य प्रबंधक पंकज दुबे द्वारा पेंट्रीकार, स्टेशन स्वच्छता और टिकट जांच व्यवस्थाओं का व्यापक निरीक्षण किया गया। इस दौरान इन व्यवस्थाओं की गहन समीक्षा की गई और सुधारात्मक दिशा-निर्देश जारी किए गए। दुबे ने विशेष रूप से ट्रेन संख्या 12137 पंजाब मेल की पेंट्रीकार का निरीक्षण किया। निरीक्षण के दौरान पैंट्री प्रबंधक की उपस्थिति में यात्रियों से संवाद किया गया। यात्रियों ने मिश्रित प्रतिक्रिया देते हुए खाद्य सामग्री की गुणवत्ता में सुधार और ओवरचार्जिंग संबंधी शिकायतें साझा कीं। यात्रियों की शिकायतों को गंभीरता से लेते हुए पेंट्री प्रबंधक को बुलाकर ओवरचार्जिंग रोकने तथा सेवाओं में सुधार लाने के निर्देश दिए गए।
निरीक्षण के दौरान निम्न अनियमितताएँ पाई गईं:
• जनता खाना उपलब्ध नहीं था।
• खाद्य सामग्री के पैकेटों पर मूल्य अंकित नहीं थे।
• पेंट्रीकार में स्वच्छता का अभाव था।
• स्टाफ द्वारा निर्धारित यूनिफॉर्म और परिचय पत्र धारण नहीं किए गए थे।
इन सभी अनियमितताओं को तत्काल दूर करने हेतु पेंट्री प्रबंधक एवं स्टाफ को कड़ी समझाइश दी गई
इसी क्रम में गंजबासोदा रेलवे स्टेशन का निरीक्षण भी किया गया। निरीक्षण के दौरान प्लेटफॉर्म की सफाई व्यवस्था असंतोषजनक पाई गई तथा प्लेटफॉर्म शेड में वर्षा के दौरान जल रिसाव की समस्या देखी गई। सफाई ठेकेदार को तत्काल सुधारात्मक कार्रवाई करने के लिए सख्त निर्देश दिए गए। टिकट जांच व्यवस्था की समीक्षा के दौरान श्री दुबे ने ट्रेन संख्या 12137 पंजाब मेल (भोपाल से गंजबासोदा खंड) एवं वापसी में ट्रेन संख्या 18238 छत्तीसगढ़ एक्सप्रेस में टिकट जांच स्टाफ को बिना टिकट यात्रियों पर कार्रवाई के निर्देश दिए। गंजबासोदा स्टेशन पर भोपाल-बिलासपुर एक्सप्रेस, भोपाल-बीना मेमू, ग्वालियर-भोपाल इंटरसिटी सहित अन्य यात्री गाड़ियों का निरीक्षण किया गया। इस दौरान कुल 83 मामलों में बिना टिकट यात्रा, अनियमित टिकट एवं बिना बुकिंग का सामान ले जाने पर कुल ₹36,420 का जुर्माना वसूला गया। निरीक्षण दल में मुख्य टिकट निरीक्षक अरुण कुमार श्रीवास्तव, खानपान निरीक्षक श्री हेमराज मीणा, मुख्य वाणिज्य निरीक्षक मानवेंद्र सिंह तथा मंडल वाणिज्य निरीक्षक (विदिशा) वी.एम. राव शामिल रहे। वरिष्ठ मंडल वाणिज्य प्रबंधक सौरभ कटारिया ने बताया कि इस प्रकार के नियमित निरीक्षण यात्रियों को गुणवत्तापूर्ण सेवाएँ प्रदान करने और अनुशासन सुनिश्चित करने हेतु आवश्यक हैं। भविष्य में भी इस प्रकार की कार्यवाहियाँ जारी रहेंगी।