Saturday, July 5, 2025

मध्य प्रदेश में प्रभारी मंत्रियों से पावरफुल डीईओ! ऐसे रुके 34 हजार शिक्षकों के ट्रांसफर

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भोपाल: मध्य प्रदेश में भले ही प्रभारी मंत्री अपने जिलों में धाक जमाए रखते हैं लेकिन जिला शिक्षा अधिकारियों के सामने प्रभारी मंत्रियों की भी नहीं चलती है. दरअसल शिक्षकों के ट्रांसफर में प्रभारी मंत्री से भी पावरफुल डीईओ यानि जिला शिक्षा अधिकारी हो गए. डीईओ को जिसका ट्रांसफर करना था किया बाकि प्रभारी मंत्री के अनुमोदन वाली लिस्ट में बहुत सारे नाम रोक दिए. जिससे स्कूल शिक्षा विभाग और प्रभारी मंत्रियों के बीच खींचतान की स्थिति बन गई है.

मुख्यमंत्री के हस्तक्षेप के बाद ही होगा ट्रांसफर

बता दें कि प्रदेश के रायसेन, धार, सिवनी, आगर-मालवा और छतरपुर समेत 5 जिलों में प्रभारी मंत्रियों के अनुमोदन के बाद भी करीब 1500 से अधिक शिक्षकों का ट्रांसफर नहीं हो पाया. इन शिक्षकों ने स्वैच्छिक तबादले के लिए आवेदन किया था और प्रभारी मंत्री से अनुमोदन कराया था. लेकिन अब स्वैच्छिक तबादला प्रक्रिया 20 जून से बंद हो गई है. ऐसे में अब मुख्यमंत्री के हस्तक्षेप के बाद इनका ट्रांसफर हो पाएगा.

डीईओ ने बताया ट्रांसफर नहीं होने का कारण

रायसेन में प्रभारी मंत्री नारायण सिंह पंवार की ओर से डीईओ को अनुमोदित सूची भेजी गई थी. लेकिन इसमें से 236 शिक्षकों के तबादले नहीं किए गए. जब रायसेन के जिला शिक्षा अधिकारी डीडी रजक ने बताया कि "प्रभारी मंत्री द्वारा अनुमोदित लिस्ट में से कुछ नाम हटाए गए हैं, क्योंकि वो सभी नाम मंत्री का निजी स्टाफ फोन पर ट्रांसफर कराना चाहता था. इसलिए प्रभारी मंत्री से अनुमोदित सूची में ट्रांसफर रोका गया."

20 प्रतिशत शिक्षकों के भी नहीं किए गए ट्रांसफर

बता दें कि मध्य प्रदेश में 42 हजार से अधिक शिक्षकों ने स्वैच्छिक तबादले के लिए प्रभारी मंत्री से अनुमोदन कराया था. रायसेन, धार, सिवनी, आगर-मालवा और छतरपुर में करीब 1500 शिक्षकों के तबादले वहां के प्रभारी मंत्री के अनुमोदन के बाद भी नहीं किए गए. अब तक 42 हजार में से करीब 8 हजार शिक्षकों के तबादले ही किए गए. इसमें सभी गंभीर बीमारी से पीड़ित, तलाकशुदा या किसी अन्य कारण वाले शिक्षक शामिल हैं.

सीएम और शिक्षामंत्री से की गई शिकायत

इस मामले में रायसेन के प्रभारी मंत्री नारायण सिंह पंवार ने बताया कि "अब ट्रांसफर की अवधि समाप्त हो गई है. ट्रांसफर को लेकर जिला शिक्षा अधिकारी की शिकायत शिक्षा मंत्री राव उदय प्रताप सिंह और मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव से की है." इसमें उन्होंने लिखा है कि शिक्षा विभाग में ट्रांसफर प्रक्रिया केवल 20 जून तक होनी थी. लेकिन अब समय सीमा खत्म होने के बाद अब सीएम की अनुमति के बाद ही ट्रांसफर हो सकेगा. इसके लिए प्रस्ताव को कैबिनेट में लाना होगा.

भोपाल में 50 में से 29 शिक्षकों की सूची रोकी

राजधानी भोपाल के प्रभारी मंत्री चैतन्य कश्यप हैं, इन्होंने भी भोपाल जिले में 50 शिक्षकों के स्वैच्छिक ट्रांसफर का अनुमोदन किया था. लेकिन जिला शिक्षा अधिकारी एनके अहिरवार ने इस लिस्ट में से केवल 21 शिक्षकों का तबादला ही किया गया है. अहिरवार ने बताया कि जो शिक्षक अपात्र थे, उनका नाम सूची में से हटा दिया गया. हालांकि स्कूल शिक्षा विभाग जल्द ही नए शिक्षकों की नियुक्तियां करने जा रहा है.

 

 

अगले साल तक करना पड़ेगा इंतजार

स्कूल शिक्षा विभाग के सचिव डा. संजय गोयल ने बताया कि "यदि समय पर शिक्षकों के द्वारा आवेदन किया गया है, तो पात्र शिक्षकों के तबादले किए गए हैं. जहां शिक्षकों के तबादले में कोई कमियां थी, तभी रोका गया है. इस बार 20 जून तक स्वैच्छिक तबादले होने थे. लेकिन तय सीमा समाप्त होने के बाद भी जो शिक्षक रह गए हैं, अब उनको अगले साल तक का इंतजार करना पड़ेगा. हालांकि सरकार यदि इस प्रस्ताव को कैबिनेट में पास कर दे, तो ट्रांसफर संभव हो सकता है."

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