नई दिल्ली। आईजीआई थाना पुलिस ने विदेश यात्रा के नाम पर एक शख्स से ठगी के आरोपित को गिरफ्तार किया है। आरोपित का नाम कुलदीप सिंह है। कुलदीप के खिलाफ थाना में नौ जून को प्राथमिकी हुई थी। जिसके अनुसार कुलदीप ने शिकायतकर्ता से ऑस्ट्रेलिया यात्रा कराने के बहाने ठगी की थी।
आईजीआई जिला पुलिस की अतिरिक्त आयुक्त उषा रंगनानी ने बताया कि मुंबई के चेंबूर निवासी खेमचंद बोरवाल ने पुलिस को बताया कि उनकी मुलाकात फेसबुक पर एक व्यक्ति से हुई, जिसने विदेशी वीजा दिलाने में मदद का दावा किया। पिछले दो वर्षों से पेशेवर जीवन में कठिनाइयों का सामना कर रहे खेमचंद ने ऑस्ट्रेलिया का वीजा प्राप्त करने के लिए मदद मांगी।
आरोपित ने आश्वासन दिया कि कोई अग्रिम भुगतान, यहां तक कि वीजा शुल्क भी नहीं देना होगा और उसकी टीम ऑस्ट्रेलिया भेजने की पूरी प्रक्रिया संभालेगी। इस आश्वासन पर, खेमचंद ने अपने पासपोर्ट की तस्वीर साझा की। बाद में, आरोपित ने उन्हें एक ऑस्ट्रेलियाई वीजा भेजा और छह जून को 2200 अमेरिकी डॉलर नकद के साथ दिल्ली आने को कहा। निर्देशों का पालन करते हुए, खेमचंद ने पैसे की व्यवस्था की और टर्मिनल 3 के गेट नंबर 5 पर पहुंचे, जहां उनकी मुलाकात आरोपित कुलदीप से हुई।
आरोपित ने नकदी ले ली और शिकायतकर्ता को बोर्डिंग पास और रसीद लाने के लिए इंतजार करने को कहा। लेकिन, आरोपित वापस नहीं लौटा। लगभग एक घंटे इंतजार करने के बाद, शिकायतकर्ता को ठगी का अहसास हुआ। एयरपोर्ट अधिकारियों से पूछताछ करने पर पता चला कि वीजा और फ्लाइट टिकट दोनों नकली थे।
मामले को सुलझाने के लिए टीम गठित की गई, जिसमें सब इंस्पेक्टर उमेश यादव व अन्य पुलिसकर्मी शामिल थे। जांच के दौरान एयरपोर्ट डे के सभी सीसीटीवी कैमरों, यानी टर्मिनल के बाहर और अंदर के क्षेत्रों, का बारीकी से विश्लेषण किया गया। कई कैमरों की जांच के बाद भी आरोपित की कोई ठोस जानकारी नहीं मिली। बाद में सूत्रों के आधार पर, आरोपित कुलदीप सिंह को चेन्नई से गिरफ्तार किया गया।
पूछताछ के दौरान आरोपित कुलदीप सिंह ने अपने अपराध में शामिल होने की बात कबूल की। उसने बताया कि वह 12वीं तक पढ़ा है और कुछ साल मुंबई में रहा, जहां वह कुछ एजेंटों के संपर्क में आया जो विदेश में नौकरी और यात्रा के नाम पर लोगों को ठगते थे। मुंबई से पंजाब लौटने के बाद, उसने स्वतंत्र रूप से फर्जी ट्रैवल एजेंट के रूप में काम शुरू किया। उसने फ्लाइ टू अब्रोड नाम से एक फेसबुक पेज बनाया, जहां उसने विभिन्न देशों के लिए सस्ते वीजा की पेशकश के विज्ञापन पोस्ट किए।
शिकायतकर्ता खेमचंद बोरवाल इस फेसबुक पेज के माध्यम से कुलदीप के संपर्क में आए और ऑस्ट्रेलिया यात्रा की व्यवस्था के लिए बात की। आरोपित ने आश्वासन दिया कि वीजा और फ्लाइट टिकट सहित सभी व्यवस्थाएं की जाएंगी और आठ लाख रुपये का भुगतान गंतव्य पर पहुंचने के बाद करना होगा।
कुलदीप और उसके साथियों ने नकली यात्रा दस्तावेज तैयार किए और शिकायतकर्ता को छह जून 2025 को 2200 अमेरिकी डॉलर नकद के साथ आईजीआई हवाई अड्डा आने को कहा। एयरपोर्ट पर, कुलदीप ने शिकायतकर्ता को नकली वीजा और टिकट सौंपे। उसने पूछा कि क्या शिकायतकर्ता के पास विदेशी मुद्रा के लिए घोषणा पत्र है। जब शिकायतकर्ता ने कहा कि उनके पास नहीं है, तो कुलदीप ने यह कहते हुए नकदी ले ली कि वह आवश्यक घोषणा पत्र की व्यवस्था करेगा, क्योंकि इसकी अनुपस्थिति में आव्रजन के दौरान समस्या हो सकती है। इसके बाद, वह पैसे लेकर हवाई अड्डे से फरार हो गया।
आरोपित ने यह भी पुलिस को बताया कि ठगी की राशि प्राप्त करने के बाद, वह बैंकाक और मलेशिया गया, जहां उसने पूरी राशि मौज-मस्ती और मनोरंजन पर खर्च कर दी, और बाद में भारत लौट आया।