Thursday, October 10, 2024

अर्थव्यवस्था: मूडीज़ ने घटाई रेटिंग, सरकारी आकड़ों में बंपर हो रहा विकास

रेटिंग एजेंसी मूडीज ने भारत का साल 2022-23 के लिए आर्थिक विकास दर के अनुमान को घटा दिया है. मूडीज इवेस्टर्स सर्विस के मुताबिक 2022 में भारत का जीडीपी 7.2 फीसदी रहने का अनुमान है. आपको बता दें साल 2021 में जीडीपी 8.3 फीसदी. इससे पहले मूडीज ने 2022 में 8.8 फीसदी जीडीपी रहने का अनुमान जताया था. मूडीज ने कहा कि 2023 में जीडीपी में और भी गिरावट आ सकती है और ये 5.3 फीसदी रह सकता है.
सरकार के आकड़ों में बंपर हो रहा विकास
इससे उलट बुधवार को ही सांख्सिकी मंत्रालय ने 2022-23 की पहली तिमाही के आकड़े पेश किए थे. आकड़ों के मुताबिक पहली तिमाही की जीडीपी 13.5 फीसदी रही है. जो दर्शाता है कि भारतीय अर्थव्यवस्था तेज गति से न सिर्फ पटरी पर लौट रही है बल्कि विकास भी कर रही है. लेकिन रेटिंग एजेंसियों से लेकर अर्थशास्त्रियों का मानना है कि महंगे कर्ज और वैश्विक आर्थिक संकट का खामियाजा भारत को उठाना पड़ सकता है जिसके चलते आर्थिक विकास की रफ्तार सुस्त पड़ सकती है.
महंगे ब्याज दरों के साथ कम बारिश बढ़ा सकती है मुश्किल- मूडीज़
दरअसल खुदरा महंगाई दर जब अप्रैल महीने में 7.79 फीसदी पहुंची तो आरबीआई ने रेपो रेट में 1.40 फीसदी की बढ़ोतरी कर उसे 4 फीसदी से बढ़ाकर 5.40 फीसदी कर दिया. जिसका नतीजा ये हुआ कि देश के कर्ज लगातार महंगा होता जा रहा है.
इसी को आधार मानकर मूडीज ने कहा है कि महंगे ब्याज दरों के साथ देश के कई क्षेत्रों में हुई कम बारिश से परेशानी बड़ सकती है. उसपर वैश्विक ग्रोथ रेट में गिरावट को भी जोड़ दे तो भारत की विकास की गाड़ी की रफ्तार धीमी पड़ सकती है.
मूडीज ने माना कि महंगाई से निपटना मौजूदा समय में आरबीआई के सामने सबसे बड़ी चुनौती है. आरबीआई को देश के आर्थिक विकास और महंगाई के बीच सामंजस्य स्थापित करना पड़ रहा है. जुलाई 2022 में खुदरा महंगाई दर 6.71 फीसदी पर आ गई थी लेकिन ये अभी भी ये आरबीआई के टोलरेंस लेवल 6 फीसदी से ज्यादा है. वैसे मूडीज का मानना है कि ग्लोबल कमोडिटी कीमतों में गिरावट का भारत के आर्थिक विकास पर सकारात्मक असर भी पड़ा सकता है.

Html code here! Replace this with any non empty raw html code and that's it.

Latest news

Related news