भारत में आज से 5G लॉन्च हो गया है. यानी इंटरनेट की दुनिया अब और भी हाई स्पीड से चलेगी . देश के कई सेक्टर्स को इससे काफी मदद मिलने की उम्मीद है. आपके घर से लेकर स्कूल हॉस्पिटल तक सब 5 G की स्पीड से दौड़ेंगे . देश में 5G शुरु होने से बाद क्या क्या बदलाव होंगे .. आइये हम आपको बताते हैं
लंबे इंतजार के बाद आखिरकार भारत में 5G सर्विसेस लॉन्च हो गई है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इंडियन मोबाइल कांग्रेस 2022 की शुरुआत करते हुए देश में 5G सर्विस भी लॉन्च की है. इसके साथ ही देश के कई शहरों में 5G की सर्विस मिलने लगेगी. लॉन्चिंग के साथ भारत भी उन देशों की लिस्ट में शामिल हो गया कि जहां लेटेस्ट जेनरेशन की टेलीकॉम सर्विसेस मिलेगी.
5G स्पेक्ट्रम नीलामी जुलाई में हुई थी और उसके बाद से ही लोगों को 5G सर्विसेस का इंतजार था. फिलहाल भारत में अभी 5G सर्विसेस का पैन इंडिया एक्सपैंशन होने में वक्त लगेगा. जियो और एयरटेल दोनों ही टेलीकॉम कंपनियां 5G सर्विसेस ऑफर करेंगी.
इस लिस्ट में वोडाफोन आइडिया भी शामिल है, लेकिन कंपनी ने 5G लॉन्चिंग पर ज्यादा जानकारी नहीं दी है. 5 G की सर्विस पहले चरण में में 13 शहरों में शुरुआत होगी. इसमें दिल्ली, अहमदाबाद, बेंगलुरु, चंडीगढ़, चेन्नई, गांधीनगर, गुरुग्राम, हैदराबाद, जामनगर, कोलकाता, लखनऊ, मुंबई और पुणे शामिल हैं. कंपनी अगले साल के अंत तक सर्विस का विस्तार बाकी के दूसरे राज्यों में भी शुरू होगा.
पहला सवाल – 5 G आने से क्या क्या नया होगा ?
ऐसा नहीं है कि 5G नेटवर्क पर सिर्फ तेज स्पीड इंटरनेट मिलेगा.ये इस सर्विस का मात्र एक हिस्सा है .बल्कि 5G नेटवर्क पर आपको हाई स्पीड डेटा के अलावा, बेहतर टेलीकॉम सर्विसेस और कॉल कनेक्टिविटी मिलेगी. यानी नए नेटवर्क पर हाई स्पीड डेटा के अलावा बेहतर कॉल और कनेक्टिविटी मिलेगी. कुल मिलाकर इस नेटवर्क पर आपको टेलीकॉम एक्सपीरियंस बेहतर होगा. जिसमें आपके घरेलू काम से लेकर ऑफिशियल काम तक बड़े ही आसानी और तेज़ी से होंगे .
बंपर -2 सवाल ये कि किन किन लोगों को मिलेगी 5 G स्पीड
5G यूज करने के लिए आपको नए सिम कार्ड की जरूर फिलहाल नहीं होगी. आप अपने पुराने सिम पर ही नई सर्विस यूज कर सकेंगे. हालांकि, इसके लिए आपके फोन में 5G सपोर्ट होना जरूरी है. 5G सपोर्ट ही नहीं इसमें उन बैंड्स का भी होना जरूरी है, जिस पर सर्विस उपलब्ध होगी. फिलहाल भारत में लॉन्च हुए बहुत से मोबाइल 5G स्पेक्ट्रम नीलामी से पहले के हैं. ऐसे में आपको चेक कर लेना चाहिए कि आपके फोन में कौन-कौन से बैंड्स मिलते हैं और आपका ऑपरेटर किन बैंड्स पर सर्विस प्रोवाइड करेगा.
3 G और 4 G से कितना तेज़ और बेहतर होगा 5 G
वायरलेस तकनीक की हर जेनरेशन ने यूजर्स को कुछ न कुछ अलग और बेहतर दिया है. 5जी टेक्नोलॉजी में काफी कुछ बदलने वाला है. ये तकनीक उपभोक्ताओं को काफी कुछ नया देने जा रही है. 5जी नेटवर्क से सेल्फ ड्राइविंग कारों की कनेक्टविटी में काफी सुधार होगा. सर्वर और फोन के बीच कनेक्शन और बेहतर होगी. कई देशों में 5जी सर्विस पहले से ही काम कर रही है. 5जी टेक्नोलॉजी के जरिये 1 से 2 Gbps की स्पीड मिलने की उम्मीद है. 5 G में आपको 4 G से एक या दो नहीं बल्कि 10 गुना तेज़ स्पीड मिलेगी अभी तक इंटेरटनेट कि स्पीड को MBPS यानी कि मेगाबाइट पैर सेकंड के हिसाब से आँका जाता था। लेकिन अब आपको 1 सेकंड में गीगाबाइट कि स्पीड मिलेगी . यानी बड़े से बड़ा सॉफ्टवेर, फिल्म , या कुछ और बस चुटकी बजाते ही डाउनलोड होगा . वीडियो देखते समय बुफ्फेरिंग कि बात तो भूल ही जाइये .
अब सबसे जरुरी सवाल 5 G – 4 G के मुकाबले कितना महंगा होगा ?
भारत के 13 महानगरों में इसकी टेस्टिंग शुरू होगी. पूरे देश में 5G सर्विस शुरू होगी. ऐसा कहा जा रहा है कि 4G की तुलना में 5G का 1GB इंटरनेट सस्ता होगा मगर इसके मंथली रिचार्ज प्लान 40% तक महंगे हो सकते हैं.
बात अगर दूसरी 5 G देशों की करें तो 5G इंटरनेट सर्विस के मामले में 61 से ज़्यादा देश भारत से आगे हैं. साऊथ कोरिया, अमेरिका, स्विट्ज़रलैंड, सिंगापोर, ऑस्ट्रेलिया, UK, जापान, UAE, चाइना, रूस जैसे देशों में कई साल पहले ही 5G सर्विस शुरू हो चुकी है. विश्व में सबसे पहले 5G इंटरनेट सर्विस साऊथ कोरिया में साल 2018 में ही शुरू हुआ था 2019 में स्विट्ज़रलैंड, UK और अमेरिका में भी 5G शुरू हो चुका था, भारत इस मामले में 62 देशों से 3-4 साल पीछे है.
एक ज़माने में 1GB इंटरनेट से पूरा महीना बीत जाता था, 4G आने के बाद दिन का 5GB भी कम पड़ता है. तो जाहिर है कि 5G आने के बाद इंटरनेट की खपत और भी ज़्यादा बढ़ जाएगी. ऐसे में 5G इंटरनेट 4G इंटरनेट के रेट के हिसाब से सस्ता हो सकता है. लेकिन इसका मंथली रिचार्ज प्लान 4G के मंथली प्लान से 40% महंगा हो सकता है. क्योंकि उसमे आपको इंटरनेट का पक भी ज्यादा मिलेगा और उसकी स्पीड भी ज्यादा होगी .
अब सवाल ये उठता है कि 5जी लॉन्च के बाद क्या 3जी और 4जी फोन वॉयस कॉल क्या ये सब बंद हो जायेंगे ?
वॉयस और डेटा के लिए सभी मौजूदा फोन ठीक से काम करते रहेंगे. है अगर भविष्य में कोई ऑपरेटर अपने 2जी या 3जी नेटवर्क को बंद करने का फैसला करेगा, तभी सेवाएं बंद होंगी. 4जी नेटवर्क भी चालू रहेगा. फिलहाल दिग्गज कंपनियों की इसे बंद करने की कोई योजना नहीं है.
लेकिन वक्त के साथ अगर आपको सिर्फ चलना नहीं है दौड़ना भी है तो 5 G फ़ोन और सिम जरुरी होगी क्योंकि आगे चलकर जब स्टैंडअलोन 5G (SA) भारत में होगा, तो आपको बेहतर अनुभव के लिए 5G सिम की आवश्यकता होगी. दरअसल स्टैंडअलोन 5G नॉन-स्टैंडअलोन 5G से यह कैसे अलग है. क्योंकि भारत को शुरुआती फेज में नॉन-स्टैंडअलोन 5G ही मिलेगा। चलिए जानते हैं इस बारे में.
स्टैंडअलोन 5G और नॉन-स्टैंडअलोन 5G क्वालकॉम स्नैपड्रैगन X50 मॉडम या उससे ऊपर के वर्जन में आने वाले कई फोन इन दोनों नेटवर्क का सपोर्ट करते हैं. यानी के ये ड्यूल-मोड 5G कंपेटिबल फोन होते हैं. नॉन-स्टैंडअलोन एक्सेस 5G नेटवर्क मौजूदा 4G नेटवर्क इंफ्रास्ट्रक्चर में कुछ बदलाव करता है. इसका परिणाम ये होता है कि बेहतर स्पीड और बैंडविथ बढ़ती है लेकिन लो लेटेंसी में कम सुधार देखने को मिलेगा. वहीं, स्टैंडअलोन एक्सेस 5G, एकदम स्क्रैच से शुरू किया जाएगा.
स्टैंडअलोन में रेडियो एक्सेस तकनीक दी गई है वहीं, नॉन-स्टैंडअलोन में रेडियो एक्सेस तकनीकों की दो जनरेशन शामिल है. जिसमें 4G LTE और 5G मौजूद है. स्टैंडअलोन 5G के लिए LTE EPC पर निर्भरता की जरूरत नहीं है. यह 5G रेडियो को क्लाउड-नेटिव 5G कोर नेटवर्क के साथ कनेक्ट करता है. बात NSA की हो तो यह 5G रेडियो नेटवर्क के कंट्रोल सिग्नलिंग को 4G कोर से कनेक्ट करता है. यानी फ़िलहाल 4 G फ़ोन पर भी आप 5 नेटवर्क को इस्तेमाल कर सकेंगे स्पीड उतनी नहीं होगी लेकिन काम चल जायेगा. वहीं SA मौजूदा 4G कोर का इस्तेमाल नहीं करता है और यह सीधे ही 5G सर्विस के इंडीपेंडेंट ऑपरेशन की अनुमति देता है.
तो हम आशा करते हैं आपको इस वीडियो के जरिये अपने सभी सवालों के जवाब मिल गए होंगे. वीडियो कैसी लगी और अगर कोई सवाल भी आपके ज़हन में है. तो कमेंट कर जरूर बताएं .