रेलवे सफर के दौरान कई वाक्या ऐसे हो जाते हैं कि ट्रेन (Train)को प्लेटफॉर्म पर कई समय के लिए इंतजार करना पड़ जाता है. ऐसा ही श्रमजीवी एक्सप्रेस(shramjivi express) के साथ भी हुआ।रेल को स्टेशन पर लगभग 36 मिनट तक स्टेशन पर रोक कर रखा गया.अब क्यों रोका चलो वो बताते हैं.
क्या है मामला?
दरअसल 12392 डाउन श्रमजीवी एक्सप्रेस में पटना के घुसवारी की रहने वाली बुधिया देवी पति के साथ सफर कर रही थी. यह दोनों लोग लखनऊ(lakhnow) से ट्रेन में साधारण टिकट पर सवार हुए थे.जब ट्रेन पंडित दीनदयाल (pandit deen dayal)जंक्शन से चली तो, महिला को प्रसव पीड़ा होने लगी.. हालांकि वे दोनों पति पत्नी डिलीवरी के लिए ही लखनऊ से अपने शहर लौट रहे थे. दिलदारनगर आते-आते बुधिया की हालत खराब होने लगी. जैसे ही ट्रेन वहां रुकी यात्रियों ने इसकी सूचना रेल अधिकारियों को दी. उन लोगों ने इसकी सूचना बक्सर स्टेशन को दी.
रेल कर्मियों को दी जानकारी
खबर के बाद वहां चिकित्सा दल को स्टेशन पर तैनात किया गया. ट्रेन 5:24 में पहुंची. तुरंत रेल कर्मियों ने लेडिस को एसी बी वन में सिफ्ट किया. महिला यात्रियों के सहयोग से बुधनी ने दो जुड़वा बच्चों को जन्म दिया.डिलीवरी के बाद महिला का स्वास्थ्य ठीक है.पत्नी को स्वस्थ देख उनके पति रामराज चौहान भी खुश हैं. बच्चियों के जन्म के बाद ट्रेन की पूरी बोगी उनकी किलकारी से गूंज उठी.
नई मिसाल हुई कायम
रेल कर्मियों ने इस मामले के बाद राहत की सांस ली. इस दौरान बक्सर स्टेशन पर श्रमजीवी 36 मिनट तो खड़ी रही इसके साथ ही इसके पीछे डाउन लाइन पर 12141 लोकमान्य टर्मिनल(lok manye terminal) 10 मिनट और चौसा स्टेशन पर 09413 डाउन अहमदाबाद समस्तीपुर ट्रेने भी खड़ी रही.मौके पर मिले आरपीएफ इंस्पेक्टर ने बताया कि ट्रेन छह बजे बक्सर से पटना के लिए रवाना हो गई.इस ख़बर के बाद इंसानियत के साथ रेलवे की सेवा के अच्छे उदाहरण सामने आए हैं.