Bahraich clash: बहराइच में दुर्गा जुलूस के दौरान मारे गए 22 वर्षीय राम गोपाल मिश्रा के अंतिम संस्कार में बड़ी भीड़ शामिल हुई. जिसमें से कुछ लोग लाठी लेकर भी पहुंचे थे. मिश्रा के परिवार और समर्थकों ने न्याय की मांग की है. इसबीच तनाव के बढ़ने के साथ ही कई दुकानों में आग लगा दी गई. मिश्रा की मौत महाराजगंज में रेहुआ मंसूर गांव के पास सांप्रदायिक हिंसा में हुई थी. पथराव और गोलीबारी में करीब छह लोग घायल होने के बाद उनका अंतिम संस्कार भारी पुलिस सुरक्षा के बीच किया गया. एहतियात के तौर पर बहराइच जिले में इंटरनेट सेवाओं को निलंबित कर दिया है.
3 लोग गिरफ्तार, 24 अज्ञात लोगों के खिलाफ मामला दर्ज
पुलिस ने अबतक इस मामले में तीन लोगों को गिरफ्तार किया है और छह पहचाने गए और 24 अज्ञात लोगों के खिलाफ हत्या और अन्य आरोपों के तहत मामला दर्ज किया है. करीब 30 लोगों को हिरासत में लिया गया है, जबकि मुख्य आरोपी सलमान को पकड़ने के लिए छापेमारी कर रही है.
Bahraich clash: विपक्ष ने हिंसा को बताया सरकारी नाकामी
उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने एक्स पर पोस्ट किया, “उत्तर प्रदेश में शांति भंग करने का कोई भी प्रयास विफल होगा. दंगाइयों का समर्थन करने वाले फिर से सक्रिय हो रहे हैं, इसलिए हमें सतर्क और सतर्क रहना चाहिए.”
समाजवादी पार्टी के प्रमुख अखिलेश यादव ने शांति की अपील की और बहराइच हिंसा को “दुखद” बताया. उन्होंने आरोप लगाया कि, “चुनाव का आना और साम्प्रदायिक माहौल का बिगड़ जाना, ये इत्तफ़ाक़ नहीं है. जनता सब समझ रही है. हार के डर से हिंसा का सहारा लेना किसकी पुरानी रणनीति है, सब जानते हैं. ये उप चुनाव की दस्तक है. दिखावटी क़ानून-व्यवस्था की जगह अगर सरकार सच में पुख़्ता इंतज़ाम करे तो सब सही हो जाएगा लेकिन ऐसा होगा तब ही जब ये सरकार चाहेगी.”
वरिष्ठ कांग्रेस नेता प्रियंका गांधी वाड्रा ने कहा कि “बहराइच, उत्तर प्रदेश में हो रही हिंसा और प्रशासन के निष्क्रिय होने की खबरें अत्यंत दुखद और दुर्भाग्यपूर्ण हैं. मैं प्रदेश के मुख्यमंत्री जी एवं राज्य प्रशासन से अपील करती हूं कि त्वरित एक्शन लेते हुए, जनता को विश्वास में लें और हिंसा रोकें। दोषियों पर सख्त से सख्त कार्रवाई हो. जनता से मेरी करबद्ध अपील है कि कृपया कानून अपने हाथ में न लें और शांति बनाए रखें.”
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