गया (रिपोर्टऱ-प्रिंस राज) खुले बरबेल में गिरने से एक के बाद एक लगातार हादसे हो रहे हैं. सुप्रीम कोर्ट के निर्देश के बावजूद ना तो प्रशासन और ना ही ग्रामीण इन हदासों को लेकर गंभीर हैं. नतीजा ये हैं कि आज एक और बच्ची बोरबेल हादसे Borewell Death की भेंट चढ़ गई. किसी और की गलती की सजा एक 2 साल की मासूम को भुगतनी पड़ी और उसकी जान चली गई.
Borewell Death की शिकार बनी 2 साल की मासूम
मामला गया जिले के मसौंधा गांव का है, जहां खेलने के क्रम में एक 2 साल की बच्ची आकांक्षा 105 फीट गहरे बोरवेल में गिर पड़ी. जबतक आस पड़ोस और पुलिस को मामले के बारे में जानकारी मिलती काफी देर हो गई. आनन फानन में एंबुलेंस और मेडिकल की टीमें आई. जेसीबी मंगाई गई, फिर बोरबेल को खोदा गया . लेकिन तब तक काफी देर हो चुकी थी. ग्रामीणों ने जेसीबी से बोरबेल खोदा और अंदर से 2 साल की बच्ची का शव निकाला गया.
काम खत्म होने का बाद भी नहीं ढका गया खुला हिस्सा
गांव वालों के मुताबिक हदसा एक ग्रामीण राजेंद्र यादव के घर में बोरबेल खुदने के क्रम में हुआ. बोलबेल की खुदाई की गई लेकिन काम पूरा होने के बाद बोरबेल के खुले हिस्से को ढंका नहीं गया और 2 साल की मासूम हादसे का शिकार हो गई. बच्ची के रोने की आवाज आने के बाद परिजनों को इसकी जानकारी मिली. जिसके बाद स्थानीय ग्रामीणों की भीड़ लग गई. स्थानीय स्तर पर ग्रामीणों ने जेसीबी मशीन से बच्ची को निकालने की कोशिश की. लगभग 3 घंटे तक बचाव के लिए जेसीबी से कड़ी मशक्कत की गई लेकिन नतीजा सिफर निकला . मासूम बच्ची आकांक्षा की मौत हो गई थी. मृतक बच्ची आकांक्षा के पिता अरविंद यादव ने बताया की आज रविवार को दोपहर 1 बजे बोरवेल में बच्ची जा गिरी. इसके बाद जेसीबी से खोदने का प्रयास किया गया. करीब 3 घंटे तक कड़ी मशक्कत के बाद बच्ची का शव निकाला गया.
समय पर आक्सीजन मिल गया होता तो….
शेरघाटी एसडीएम अनुग्रह नारायण सिंह ने बताया की सूचना के बाद प्रशासन और स्थानीय जनप्रतिनिधि मौके पर पहुंच कर रेस्क्यू का प्रयास किया गया लेकिन मौत हो गई थी.वहीं अमकोला पंचायत के मुखिया प्रतिनिधि संजय यादव ने बताया की काफी खराब सड़क होने की वजह से टीम को आने में भी देर हुई और ऑक्सीजन की कमी से दम घुटने से मौत हो गई .अगर समय से ऑक्सीजन उपलब्ध हो जाता तो आंकाक्षा की जान बचाई जा सकती थी.
खुले बोरबेल को लेकर सुप्रीम कोर्ट के सख्त निर्देश
आपको बता दें कि हर साल बोरबेल में गिरने के कारण करीब 50 से 60 लोगों की मौत होती है. इनमें ज्यादातर बच्चे होते हैं , जो इन बोरबेल के आस पास ही रहने वाले होते हैं. लोगों की लापरवाही का आलम .ये है कि सुप्रीम कोर्ट के निर्देश के बावजूद आज तक लोगों ने इस पर गंभारता से अमल नहीं किया है. सुप्रीम कोर्ट ने 2010 में ही बोलबेल से होने वाली दुर्घटनाओं को देखते हुए निर्देश दिया था कि अगर बोरबेल के मामले में लापरवाही की जाती है, तो मालिक के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाये. अगर को कहीं इस तरहकी लापरवही सामने आती है तो इसे सुप्रीम कोर्ट के आदेश की अवहेलना माना जाये और मालिक के खिलाफ धारा 188 के तहत मुकदमा दर्ज किया जाये. सुप्रीम कोर्ट के सख्त निर्देश के बावजूद लोगों का लापरवाह रवैया जारी है . एनसीआरबी की रिपोर्ट के मुताबिक पिछले चार साल में देश भर में बोरबेल मे गिरकर करीब 281 लोगों की मौत हो चुकी है.