Sunday, February 23, 2025

United Opposition:पटना में विपक्षी दलों की महाबैठक,18 दलों के नेताओं का 12 जून को लगेगा जमावड़ा

पटना: देश भर के विपक्षी दलों (United Opposition) को एक मंच पर लाने की बिहार सीएम नीतीश कुमार (Nitish Kumar) की मुहिम अब साकार होती नजर आ रही है. 2024 के चुनावों में कैसे संयुक्त रूप से सत्तारूढ़ बीजेपी के खिलाफ खड़े हों, इसपर रणनीति बनाने के लिए देश भर से 18 दलों के नेता  (United Opposition) अगले महीने की 12 तारीख को पटना पहुंच रहे हैं. इस बैठक की अध्यक्षता नीतीश कुमार करेंगे.

देशभर के नई नेताओं से मिले हैं नीतीश कुमार

मोदी सरकार के खिलाफ तमाम समान विचारधार वाली पार्टियों को एक मंच पर लाने की कोशिश हो रही है. बिहार सीएम नीतीश कुमार पिछले करीब एक साल से कोशिशें कर रहे हैं. पिछले एक साल में  नीतीश कुमार ने दिल्ली आकर कांग्रेस, आम आदमी पार्टी से मुलाकात की. इसके अलावा लेफ्ट, समाजवादी पार्टी समेत उन तमाम नेताओं से व्यक्तिगत तौर पर मुलाकात की है ,जो सत्तारुढ़ दल के खिलाफ एक जुट होकर लड़ना चाहते हैं.

UNITED OPPOSITION  के लिए नेताओं से लगातार मिल रहे हैं नीतीश कुमार

आपको बता दें कि पिछले हफ्ते नीतीश कुमार दिल्ली आये और उन्होंने कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे, राहुल गांधी , आम आदमी पार्टी नेता अरविंद केजरीवाल से मुलाकात की .इससे पहले नीतीश कुमार मुंबई गये और उद्धव ठाकरे से मुलाकात की . हाल ही नीतीश कुमार ने उड़ीसा सीएम नवीन पटनाइक से भी मुलाकात की थी. नीतीश कुमार लगातार क्षेत्रीय दलों के नेताओं से मुलाकात कर रहे हैं.पिछले हफ्ते जब दिल्ली में नीतीश कुमार ने कांग्रेस नेता मल्लिकार्जुन खरगे और राहुल गांघी से मुलाकात की थी तभी सभी विपक्षी दलों के एक साथ बैठक (United Opposition) की रूप रेखा बनी थी.

12 जून को होने वाली बैठक की अध्यक्षता करेंगे नीतीश कुमार

12 जून को पटना में 18 दलों के नेता जुटेंगे और 2024 के लिए क्या रणनीति होगी इस पर विचार करेंगे.जानकारी के मुताबिक इस बैठक में पश्चिम बंगाल की सीएम ममता बैनर्जी, दिल्ली सीएम अरविंद केजरीवाल, झारखंड  सीएम हेमंत सोरेन, एनसीपी अध्यक्ष शरद पवार और सपा प्रमुख अखिलेश यादव, शिवसेना (उद्धव गुट) से प्रतिनिधि और लेफ्ट के कुछ नेता शामिल होंगे.बैठक की अध्यक्षता नीतीश कुमार करेंगे

नवीन पटनाइक और मायावती ने दूरी बनाई

इसके अलावा नीतीश कुमार ने उडीसा सीएम नवीन पटनाइक और बीएसपी प्रमुख मायावती को इस मंच पर लाने के कोशिश की. लेकिन इन दोनों ने विपक्षी नेताओं ने गुट में शामिल होने से दूरी बना ली है. लंबे समय से शांत बीएसपी प्रमुख ने नई संसद भवन के उद्धाटन  के मौक पर पीएम मोदी के पक्ष मे अपना समर्थन भी दिया है .

 2024 के लिए विपक्ष का स्टैंड

विपक्ष के ज्यादातर दल इस बात पर सहमत हैं कि 2024 में सभी क्षेत्रीय दल अपने अपने क्षेत्र में मजबूती से लड़ें. साथ ही सत्तारुढ़ दल के खिलाफ एक मजबूत दावेदारी पेश करें. कांग्रेस को बीजेपी के मुकाबले में 200 सीटों पर सीधे उतरने देंगे. पश्चिम बंगाल सीएम ममता और तेलंगना सीएम केसीआर इस फार्मूले पर राजी हैं. फिलहाल कांग्रेस ने इस व्यवस्था पर अपने पत्ते नहीं खोले हैं.

किस राज्य  में कितनी लोकसभा सीटें

लोकसभा चुनाव में क्षेत्रिय दलों की मजबूती से सत्ता का समीकऱण बदल सकता है. 2024 में जो क्षेत्रीय दलों की ताकत विपक्ष को मजबूत कर सकता है. आपको बता दें कि बिहार में लोकसभा की 40 सीटें हैं, पश्चिम बंगाल में 42, तेलंगाना में 17 , महाराष्ट्र में 48 है, पंजाब की 13 , दिल्ली की 7  और झारखंड में 14 लोकसभा सीटें हैं.कुल मिलाकर विपक्ष मे क्षेत्रीय दल अगर मजबूत हुए तो 164 सीटों पर मजबूत दावेदारी बन सकती है.

संयुक्त विपक्ष को लेकर  नीतीश कुमार का प्लान

नीतीश कुमार संयुक्त विपक्ष की बात करते हुए ये कहते रहे हैं कि उन्हें बीजेपी को सत्ता से बेदखल करन के लिए केवल 100 सीटों पर बीजेपी को हराना होगा. इस लिए जरूरी है कि उन सीटों पर जहां क्षेत्रीय दलों की सरकार है, वहां महागठबंधन बने और एक संयुक्त विपक्ष से केवल एक ही उम्मीदवार खड़ा हो.

UNITED OPPOSITION  का नेतृत्व कौन करेगा?

विपक्षी एकजुटता की जब से बात शुरु हुई है लगातार यही सवाल उठता रहा है कि अगर संयुक्त विपक्ष बना तो इसका लीडर कौन होगा.  लगातार  ये बात सामने आती रही है कि संयुक्त विपक्ष में लीडरशिप को लेकर एक मत नहीं है. नीतीश कुमार से लेकर ममता बनर्जी और केसीआर तक दावेदार माने जा रहे हैं लेकिन इन दिनों हुए राजनीतिक घटनाक्रम  में कांग्रेस की स्थिति मजबूत होने के बाद  हालात बदले हैं. इसलिए अभी  तस्वीर साफ नहीं है कि संयुक्त विपक्ष का नेता कौन होगा. इसपर सस्पेंस बना हुआ है. किसी पार्टी ने अपने पत्ते नहीं खोले हैं. नीतीश कुमार कई बार खुद कह चुके हैं कि वो प्रधानमंत्री पद के दावेदार नहीं हैं.  ऐसे में पटना में होने वाली  बैठक  से नीतीश कुमार की स्थिति मजबूत होती नजर आ रही है. देखना होगा कि 12 जून की बैठक के बाद विपक्षी एकता की ये मुहिम कैसे आगे बढ़ती है.

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