प्रदेश पंचायत सचिव संघ के आह्वान पर जीपीएम जिले के 166 पंचायत सचिव संघ के बैनर तले अनिश्चितकालीन हड़ताल पर चले गए हैं। पंचायत सचिवों की मुख्य मांग शासकीय करण है और यह मांग मोदी की गारंटी में होने के बाद भी आज तक अमल नहीं होने व बजट में भी किसी प्रकार की कोई घोषणा नहीं होने के कारण दुखी होकर हड़ताल में चले गए। पंचायत सचिवों के हड़ताल के चलते अब ग्राम पंचायतों के कामकाज भी प्रभावित हो रहे हैं। हड़ताली सचिव अब आर-पार की लड़ाई के मूड में हैं।
प्रदेश पंचायत सचिव संघ के आह्वान पर गौरेला पेंड्रा मरवाही जिले के 166 पंचायत सचिव अपने मांगों को लेकर अनिश्चितकालीन हड़ताल पर चले गए हैं। पंचायत सचिवों के अनिश्चितकालीन हड़ताल पर चले जाने से ग्राम स्तर के काफी कामकाज पूरी तरह से ठप हो गए हैं। पंचायत सचिवों के द्वारा शासन से शासकीय कारण की मांग मुख्य है, जो मोदी की गारंटी में थी, लेकिन प्रदेश में भाजपा सरकार बनने के बाद भी उसमें अमल नहीं हुआ।
यहां तक कि पिछले दिनों प्रदेश सरकार के बजट में भी सचिवों को लेकर कोई भी घोषणा नहीं की गई, जिसके बाद इनकी नाराजगी काफी बढ़ गई और प्रदेश पंचायत संघ के बैनर तले ये हड़ताली पंचायत सचिव अनिश्चित कालीन हड़ताल कर रहे हैं। पंचायत सचिवों का कहना है कि पंचायत सचिव संघ मोदी की गारंटी को पूरा नहीं होने के चलते पिछले दिनों विधानसभा घेराव के बाद अब जनपद मुख्यालय में अनिश्चितकालीन हड़ताल कर रहे हैं और एक अप्रैल को मंत्रालय घेराव किए जाने की बात कही है। हालांकि अब तक पंचायत सचिव संघ के लोगों से शासन प्रशासन के द्वारा बातचीत भी नहीं की गई है, जिसके चलते सचिव काफी नाराज हैं और आर-पार की लड़ाई के मूड में है।