विश्व प्रसिद्ध देव दीपावली व गंगा महाआरती महोत्सव इस वर्ष 7 नवम्बर 2022 को उत्साह के साथ मनायी जायेगी. उस दिन कार्तिक पूर्णिमा के पावन दिवस का श्री गणेश अपरान्ह 3.54 बजे से हो रहा है, जो अगले दिन 8 नवम्बर, मंगलवार को अपरान्ह 3:53 बजे तक है उस दिन वैकुण्ठ चतुर्दशी का पर्व है, उसी दिन ज्ञानवापी स्थित मंदिर में महारानी अहिल्याबाई होल्कर ने वर्ष 1734 में बाबा विश्वनाथ की स्थापना की थी. उस दिन सोमवार का दिन भी है. अगले दिन 8 नवम्बर, मंगलवार को चन्द्रग्रहण है, उस काल में भोग आरती आदि सम्भव नहीं है इसलिए 7 नवम्बर को देव दीपावली व गंगा आरती महोत्सव मनाना शास्त्रोक्त है.
कार्तिक पूर्णिमा को देव दीपावली मनाने के लिए पहले से ही 7 किलोमीटर से लम्बी व 84 घाटों की धुलाई, सफाई का काम शुरु हो जाता है. असंख्य दीपों की धुलाई कर व उसे सुखाकर उसमें बत्ती व सरसों का तेल डालकर घाटों पर तरह-तरह से सजाया जाता है जो सायं एक साथ संध्या बेला में प्रज्वलित किया जाता है और उसी दिन शुभ मुहूर्त में माँ गंगा की महाआरती होती है जिसका दर्शन पाने के लिए इन्सान तो क्या सभी देवी-देवता भी धरती पर अवतरित हो जाते हैं. ऐसी मनोहारी छवि को निहारने के लिए उस दिन पच्चीसों लाख लोग गंगा तट पर उमड़ पड़ते हैं. इसलिए देव दीपावली व चन्द्रग्रहण अच्छे से सम्पन्न हो जाए, प्रभु ने इसका प्रावधान किया है.