योग गुरु Baba Ramdev ने 21 नवंबर को सुप्रीम कोर्ट की लगाई फटकार के जवाब में प्रेस कॉन्फ्रेंस कर कोर्ट को ही चुनौती दे डाली है. मंगलवार को बाबा रामदेव की कंपनी पतंजलि को भ्रामक प्रचार करने और एलोपैथिक दवाइयों के खिलाफ प्रचार करने पर सुप्रीम कोर्ट ने फटकार लगाई थी. अब बाबा ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर कहा कि हमारे पास ज्ञान – विज्ञान की दौलत है, लेकिन भीड़ के आधार पर सच या झूठ का फैसला नहीं हो सकता है. बाबा रामदेव ने बोला है कि मेडिकल माफिया झूठा प्रचार करते है, पतंजलि कभी झूठा प्रचार नहीं करता है. जो झूठ फैलाया जा रहा है, उसका पर्दाफाश होना चाहिए. बीमारियों के नाम पर लोगों को डराया जाता है.
सुप्रीम कोर्ट के सामने पेश होने की जताई इच्छा
बाबा रामदेव ने प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान कहा कि मैं कभी कोर्ट के सामने पेश नहीं हुआ, लेकिन खुद सुप्रीम कोर्ट के सामने पेश होना चाहता हूं. में अनुमति करूंगा की मुझे पूरी रिसर्च के साथ पेश होने की अनुमति दी जाएं. हमें यह मौका दिया जाए कि हम अपने मरीज और रिसर्च को प्रस्तुत कर सके. साथ ही जो 1940 में जो ड्रग एंड मैजिक रेमेडी एक्ट है उसकी खामियों को उजागर करने का भी मौका दिया जाए. उन्होंने कहा कि लोगों से बोला जा रहा है कि एक बार बीमार पड़ गए तो जीवन भर दवाई खानी पड़ेगी. हम दावा करते है कि दवाई छोड़ दो, आप अपनी नेचुरल ज़िन्दगी जी सकते हो.
हमारे पास है सैकड़ों साइंटिस्ट-बाबा रामदेव
बाबा रामदेव ने बोला की हमारे पास सैकड़ों साइंटिस्ट है, हमने सैकड़ों रिसर्च प्रोटोकॉल फोलो करके रिसर्च पेपर इंटरनेशनल जर्नल में प्रकाशित किए है, उसके बाद हम यह दावा कर रहे है. उन्होंने बोला की सच और झूठ का दावा पूरे देश के सामने होना चाहिए. ऐलोपैथी वालो के पास ज्यादा लोग है, उनके पास लाखों करोड़ों का साम्राज्य है. तो ऐसे में झूठ और सच का पता नहीं लगेगा. उनके पास हॉस्पिटल ज्यादा है, डॉक्टर्स ज्यादा है तो उनकी आवाज ज्यादा सुनी जाती है, इसलिए हम कम पैसे वालों की बात नहीं सुनी जाएगी. स्वामी रामदेव कभी डरे और हारे नहीं है. हम यह लड़ाई अंतिम फैसले तक लड़ेंगे और सुप्रीम कोर्ट को हमेशा सम्मान देंगे.
सुप्रीम कोर्ट ने आईएमए की शिकायत पर क्या कहा था
सुप्रीम कोर्ट ने योग गुरु बाबा रामदेव की कंपनी पतंजलि आयुर्वेद Patanjali Ayurveda को 21 नवम्बर (मंगलवार) को कड़ी फटकार लगाई. पतंजलि के भ्रामक विज्ञापनों और एलोपैथिक दवाइयों के खिलाफ प्रचार को लेकर कोर्ट ने कंपनी को आड़े हाथों लिया. उच्चतम न्यायालय ने योग गुरु रामदेव की कंपनी पतंजलि आयुर्वेद को कई रोगों के संबंध में अपनी दवाओं के बारे में विज्ञापनों में ”झूठे” और ”भ्रामक” दावे करने के प्रति आगाह भी किया. न्यायालय ने कहा कि यदि यह गलत दावा किया जाता है कि किसी विशेष बीमारी को ठीक किया जा सकता है तो पीठ प्रत्येक उत्पाद पर 1 करोड़ रुपये का जुर्माना लगाने पर भी विचार कर सकती है. इस मामले की अगली सुनवाई अब 5 फ़रवरी को होगी.