Monday, February 24, 2025

जब बाहुबली अतीक अहमद के सामने बेबस हो गया था गांधी परिवार, प्रधानमंत्री को देना पड़ा था दखल…

इन दिनों फिर एक बार यूपी पुलिस और एसटीएफ की हिटलिस्ट में शामिल और उमेश पाल हत्याकांड में नामजद आरोपी बाहुबली अतीक अहमद को कौन नहीं जानता. जो लोग यूपी से वास्ता रखते हैं उन्होंने भी कभी न कभी तो अतीक अहमद का रसूख जरूर देखा होगा या फिर उसके बारे में जानते होंगे लेकिन जो नहीं जानते उन्हें बता दें कि एक वक्त ऐसा था जब अतीक अहमद के आगे देश के प्रधानमंत्री और उनके पूरे प्रशासन को घुटने टेकने पड़े थे. क्या हुआ यकीन नहीं हुआ तो आइये आज आपको बताते हैं कि एक समय में अतीक अहमद का कितना खौफ और रसूख था.

अतीक अहमद के खौफ का अंदाजा आप इसी बात से लगा सकते हैं कि एक बार उसने काफी वक्त तक देश की सत्ता पर काबिज़ रहने वाले गांधी परिवार के करीबी रिश्तेदार की प्रॉपर्टी ही हड़प ली थी. लेकिन किसी की हिम्मत नहीं थी कि अतीक अहमद के खिलाफ कोई एक्शन लिया जा सके. तब पीएमओ की दखलंदाजी के बाद उसे पीछे हटना पड़ा था. एक वक्त था जब कहा जाता था कि अतीक अहमद की नजर जिस प्रॉपर्टी पर पड़ जाए, वह उसकी हो जाती थी. इसका सबूत उसने साल 2007 में दिया था. जी हाँ 2007 में यूपी विधानसभा चुनाव से पहले कांग्रेस पार्टी की पूर्व अध्यक्ष सोनिया गांधी की करीबी रिश्तेदार की प्रॉपर्टी पर अतीक ने कब्जा कर लिया था.

दरअसल, सिविल लाइन्स इलाके के एमजी रोड पर मौजूद पैलेस थिएटर गांधी परिवार के रिश्तेदार का है. पैलेस थिएटर के पास की बेशकीमती जमीन भी गांधी परिवार के रिश्तेदार के हिस्से में थी. अतीक ने 2007 में इस प्रॉपर्टी के बगल की एक जमीन खरीदी. बाद में उसने अपने गुर्गों की मदद से गांधी परिवार के रिश्तेदार की प्रॉपर्टी पर भी कब्ज़ा कर उसमें ताला जड़ दिया. अतीक अहमद उस वक्त सपा का सांसद था और यूपी में मुलायम सिंह यादव की सरकार थी.

अतीक अहमद का रुतबा सपा सरकार में क्या था वो इसी बात से समझा जा सकता है कि उस वक्त सोनिया गांधी के पीड़ित रिश्तेदार की कहीं भी सुनवाई नहीं हुई. ऐसे में आखिरकार उस रिश्तेदार ने सोनिया गांधी से मदद मांगी. सोनिया गांधी के कहने पर तत्कालीन प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के दफ्तर ने यूपी सरकार के अफसरों को कड़ी फटकार लगाई थी. सोनिया गांधी ने अतीक की करतूत की चर्चा प्रयागराज से जुड़े कांग्रेस पार्टी की एक महिला नेता से भी की थी. आखिरकार सोनिया गांधी और मनमोहन सिंह के दफ्तर के सख्त रुख के बाद अतीक ने प्रॉपर्टी से कब्जा छोड़कर चाबी वापस की थी.
तो देखा आपने ऐसा था अतीक अहमद का रुतबा. एक समय में पूरे उत्तर प्रदेश में उसका सिक्का चला करता था लेकिन योगी राज में वही सिक्का न केवल खोटा साबित हो गया है बल्कि अतीक अहमद के रसूख और उसके पोलिटिकल करियर पर एक तरह से रोक लग गई है. अब तो हालत ये है कि अतीक के साथ उसके पूरे परिवार और उसके तमाम गुर्गों के खिलाफ यूपी पुलिस और CM योगी का बुलडोज़र एक्शन मोड में है. जो कभी दूसरों की संपत्ति पर कब्ज़ा किया करता था आज उसी की ज़मीन पर सरकार अपना शिकंजा कस रही है .

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