दिल्ली : दिल्ली में सीएम आवास (Delhi CM House) निर्माण को लेकर हंगामें के बीच उपराज्यपाल के निर्देश पर तैयार हुई विजिलेंस डिपार्टमेंट की रिपोर्ट में कहा गया है कि मुख्यमंत्री आवास (Delhi CM House) के रिनोवेशन पर कुल 52.7 करोड़ रुपए से अधिक खर्च हुए
‘1997 में मकान की समय सीमा खत्म हो गई थी.’
रिपोर्ट में यह बात मानी गई है कि मुख्यमंत्री का आवास (Delhi CM House) बहुत पुराना था,क्योंकि 1942-43 में बने उस आवास की समय सीमा 1997 में ही खत्म हो गई थी, इसलिए नए आवास (Delhi CM House) का निर्माण किया गया, लेकिन यह निर्माण (Delhi CM House) बिना बिल्डिंग प्लान की मंजूरी के हुआ.
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विजिलेंस डिपार्टमेंट की रिपोर्ट
दिल्ली के उपराज्यपाल से आदेश के बाद विजिलेंस डिपार्टमेंट ने जो रिपोर्ट बनाई है उसके अनुसार, मार्च 2020 में तत्कालीन पीडब्ल्यूडी मंत्री ने एक अतिरिक्त सीएम आवास (Delhi CM House) जिसमें एक ड्राइंग रूम, दो बैठक कक्ष और 24 व्यक्तियों की क्षमता वाले एक औपचारिक भोजन कक्ष के साथ पहले से मौजूद आवास के रेनोवेशन का प्रस्ताव भेजा था, लेकिन पीडब्ल्यूडी इंजीनियरों की सिफारिश पर नया बंगला बनाया गया.
27 अप्रैल को उपरज्यापल ने दिये थे जांच के आदेश
ग़ौरतलब है कि सीएम आवास मामले में 27 अप्रैल को उपराज्यपाल ने मुख्य सचिव नरेश को इससे जुड़ी सभी फाइलों को सुरक्षित रखने, रिकॉर्ड की जांच करने और 15 दिन में रिपोर्ट देने को कहा था.विजिलेंस डिपार्टमेंट के स्पेशल सेक्रेटरी वाईवीवीजे राजशेखर ने 12 मई को एलजी को इसकी रिपोर्ट सौंपी. रिपोर्ट के अनुसार, PWD ने अनुमान लगाया था कि निर्माण पर 15-20 करोड़ रुपए खर्च होंगे. रिपोर्ट के अनुसार, निर्माण के लिए 20 अक्टूबर 2020 को 8.61 करोड़ रुपए का पहला टेंडर हुआ था, लेकिन उसमें नई बिल्डिंग बनाने का कोई जिक्र नहीं था. बाद में कई नए प्रस्ताव जोड़े गए, लेकिन बिल्डिंग कमेटी द्वारा नए बंगले के लिए कोई बिल्डिंग प्लान मंजूर नहीं किया गया.