Saturday, July 27, 2024

सीएम योगी आदित्यनाथ ने पीएम श्रम शक्ति योजना की समीक्षा बैठक की

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने लोकभवन में मंत्रिपरिषद के सदस्यों की उपस्थिति में पीएम गतिशक्ति नेशनल मास्टर प्लान की प्रदेश में प्रगति और भावी कार्ययोजना की समीक्षा की। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी के दूरदर्शी इनोवेटिव विचारों से पूरित पीएम गतिशक्ति नेशनल मास्टर प्लान का शुभारम्भ भारत सरकार द्वारा किया गया है.यह योजना ईज़ ऑफ डूइंग बिजनेस और ईज़ ऑफ लिविंग के प्रयासों की श्रृंखला में अत्यन्त उपयोगी है.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के विचारों से प्रेरित होकर शुरु किये गये पीएम गति शक्ति नेशनल मास्टर प्लान की प्रगति कि निगरानी के लिए सीएम योगी
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने पीएम श्रम शक्ति योजना की समीक्षा के लिए लोकभवन में महत्वपूर्ण बैठक की,जिसमें मंत्रिमंडल के लगभग सभी सदस्य मौजूद रहे.
बैठक के बाद सीएम योगी ने इस योजना से संबधित कई निर्देश दिये

*प्रदेश में पीएम गतिशक्ति के सम्बन्ध में शासन स्तर पर तीन अलग-अलग समितियां गठित की जाएं

*मुख्य सचिव की अध्यक्षता में सचिव स्तरीय अधिकारियों का अधिकार प्राप्त समूह, लॉजिस्टिक्स दक्षता की जांच के लिए योजना के कार्यान्वयन की समीक्षा करेगा

*अवस्थापना एवं औद्योगिक विकास आयुक्त की अध्यक्षता में गठित नेटवर्क प्लानिंग ग्रुप के पास वर्ष 2020-21 से वर्ष 2024-25 की राज्य स्तरीय कार्य योजना का उत्तरदायित्व होगा

*इन्वेस्ट यूपी के मुख्य कार्यपालक अधिकारी की अध्यक्षता में टेक्निकल सपोर्ट यूनिट गठित की जाए

*गति शक्ति पोर्टल पर अब तक नहर, औद्योगिक पार्क, नदियां, जल संसाधन, खनन, पर्यटन, आर्थिक परिक्षेत्र, बाढ़ मानचित्र, वन आदि 17 विषयों (लेयर्स) को एकीकृत किया जा चुका है.मंत्रीगण विभागीय परियोजनाओं की समीक्षा करते समय पी0एम0 गति शक्ति नेशनल मास्टर प्लान के क्रियान्वयन की अद्यतन स्थिति की जानकारी जरूर प्राप्त करें

*पूंजीगत निवेश के लिए राज्यों को विशेष सहायता योजना 2022-23 के तहत केन्द्र सरकार ने पीएम गतिशक्ति से सम्बन्धित व्यय के लिए 5,000 करोड़ रु0 निर्धारित किया गया है. उत्तर प्रदेश सरकार ने इस योजना के तहत 900 करोड़ रु0 का प्राविधान किया,सम्बन्धित प्रस्ताव तत्काल केन्द्र को प्रेषित करें.
*50 करोड़ रु0 से ऊपर की चालू एवं भविष्य की परियोजनाओं को पोर्टल पर उपलब्ध कराया जाए

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि पीएमगति शक्ति के माध्यम से विभिन्न मंत्रालयों एवं विभागों की सभी वर्तमान तथा भावी कार्यवाहियों को एक केन्द्रीयकृत पोर्टल में सम्मिलित किया जाएगा.क्रॉस-सेक्टोरल इण्टरेक्शन के माध्यम से परियोजनाओं की प्राथमिकता तय होगी.मास्टर प्लान बनाने में सहायता मिलेगी साथ ही परियोजनाओं की रीयल टाइम मॉनीटरिंग भी सम्भव हो सकेगी.
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि पीएम गतिशक्ति के सफल क्रियान्वयन से ज़मीनी स्तर पर काम में तेज़ी लाने, लागत में कमी करने में मदद मिलेगी.यह रोज़गार सृजन पर ध्यान देने के साथ-साथ आगामी चार वर्षों में बुनियादी अवसंरचना परियोजनाओं की एकीकृत योजना और कार्यान्वयन भी सुनिश्चित करेगी. पीएम गतिशक्ति के माध्यम से मौजूदा और प्रस्तावित कनेक्टिविटी परियोजनाओं की मैपिंग में मदद मिलेगी।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि पीएम गतिशक्ति-एनएमपी के कार्यान्वयन हेतु प्रदेश में अवस्थापना एवं औद्योगिक विकास विभाग और इन्वेस्ट यूपी नोडल संस्थाएं हैं. उन्होंने निर्देशित किया कि प्रदेश में पीएम गतिशक्ति के सम्बन्ध में शासन स्तर पर तीन अलग-अलग समितियां गठित की जाएं.मुख्यसचिव की अध्यक्षता में सचिव स्तरीय अधिकारियों का एक अधिकार प्राप्त समूह, लॉजिस्टिक्स दक्षता की जांच के लिए योजना के कार्यान्वयन की समीक्षा करेगा.साथ ही,योजना में संशोधन हेतु निर्धारित फ्रेमवर्क एवं मानकों को अपनाने,उद्देश्यों को प्राप्त करने तथा पीएम गतिशक्ति एनएमपी के मार्गदर्शक सिद्धान्तों के लिए उचित दिशा-निर्देश जारी करने के सम्बन्ध में आवश्यक कार्यवाही करेगा।
अवस्थापना एवं औद्योगिक विकास आयुक्त की अध्यक्षता में गठित नेटवर्क प्लानिंग ग्रुप के पास वर्ष 2020-21 से वर्ष 2024-25 के लिए राज्य स्तरीय कार्य योजना का उत्तरदायित्व होगा.यह समिति प्रस्तावों का परीक्षण तथा एकीकृत योजना एकीकरण सुनिश्चित करेगी,साथ ही मास्टर प्लान के अन्तर्गत समस्त गतिविधियों व कार्यवाही का अनुश्रवण भी करेगी.
इन्वेस्ट यूपी के मुख्य कार्यपालक अधिकारी की अध्यक्षता में एक टेक्निकल सपोर्ट यूनिट गठित की जाए। यह इकाई आर्थिक विकास विशेषज्ञ, पीएमयू-लॉजिस्टिक्स एवं सप्लाई चेन विशेषज्ञ आदि द्वारा तकनीकी एवं परियोजना प्रबन्धन सेवा प्रदान करेगी। इस इकाई के लिए अलग-अलग विभागों से ऊर्जावान, योग्य और दक्ष अधिकारियों का प्रतिनियुक्ति पर चयन किया जाए।
मुख्यमंत्री योगी ने गति शक्ति पोर्टल पर अब तक नहर, औद्योगिक पार्क, नदियां, जल संसाधन, खनन, पर्यटन, आर्थिक परिक्षेत्र, बाढ़ मानचित्र, वन आदि 17 विषयों (लेयर्स) को एकीकृत कर दिये जाने पर संतोष जताया. सीएम ने कहा कि पोर्टल को और उपयोगी बनाने के लिए पोर्टल पर भूमि अभिलेख, ड्रेनेज, बिजली ट्रांसमिशन, सड़क, सीवर लाइन, जलापूर्ति, बिजली के पोल, ट्रैफिक लाइट पोल, बस टर्मिनल और सरकारी भवनों का विवरण भी अपडेट किया जाए. इसी प्रकार किसान बाजार, डेयरी, आईटी एण्ड इलेक्ट्रॉनिक, आबकारी, खाद्य सुरक्षा, सिटी मास्टर प्लान, स्कूल-कॉलेज, मण्डी अवस्थापना आदि विषयों को भी पोर्टल पर स्थान दिया जाए। यह कार्य आगामी 3 माह में पूर्ण कर लिया जाए।
मुख्यमंत्री योगीन ने बैठक में इस बात कि ओर भी ध्यान दिलाया कि प्रायः एक विभाग की परियोजना की जानकारी, उसकी वर्तमान स्थिति और उनकी भावी कार्ययोजना की जानकारी दूसरे विभागों के पास नहीं होती है. समन्वय एवं सूचना साझाकरण की कमी के कारण मैक्रो नियोजन और माइक्रो कार्यान्वयन के बीच एक व्यापक अन्तर होता है.विभाग प्रायः अलगाव की स्थिति में कार्य करते हैं. ऐसे में एक योजना दूसरी योजना के क्रियान्वयन पर गलत प्रभाव भी डाल सकती है. पीएम गति शक्ति इस समस्या का स्थायी समाधान है. पोर्टल के माध्यम से हर विभाग/मंत्रालय दूसरे की योजना/परियोजना से अपडेट रहेगा और उसी के अनुसार अपने कार्यों को आकार दे सकेगा।
मुख्यमंत्री योगी ने कहा कि गति शक्ति पोर्टल पर सभी सम्बन्धित विभाग अपनी परियोजनाओं की अपडेट जानकारी उपलब्ध कराएं. विभागों के बीच परस्पर समन्वय होना चाहिए.डेटा प्रामाणिक और सत्यापित होना चाहिए.मंत्रीगण विभागीय परियोजनाओं की समीक्षा करते समय पीएम गतिशक्ति नेशनल मास्टर प्लान के क्रियान्वयन की वर्तमान स्थिति की जानकारी जरूर प्राप्त करें. प्रधानमंत्री जी के मार्गदर्शन में केन्द्र सरकार द्वारा पूंजीगत निवेश के लिए राज्यों को विशेष सहायता योजना 2022-23 के तहत पीएम गतिशक्ति से सम्बन्धित व्यय के लिए 5,000 करोड़ रुपये रखे गए हैं.राज्य सरकार द्वारा इस योजना के तहत 900 करोड़ रुपये का प्राविधान किया है.उन्होंने सम्बन्धित प्रस्ताव केन्द्र सरकार को तत्काल प्रेषित करने के निर्देश दिए.
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि पीएम गति शक्ति के सुगम क्रियान्वयन के लिए तकनीकी दक्षता जरूरी है.भारत सरकार के सहयोग से राज्य के अधिकारियों को क्षमता विकास का प्रशिक्षण दिया गया है.यह प्रशिक्षित अधिकारी अब अपने सहकर्मियों तथा अधीनस्थ कार्मिकों को प्रशिक्षित करें। प्रशिक्षण का यह क्रम निरन्तर जारी रखा जाए.50 करोड़ रुपये से ऊपर की चालू एवं भविष्य की परियोजनाओं को पोर्टल पर उपलब्ध कराया जाए.सभी विभाग भावी परियोजनाओं के नियोजन के लिए अनिवार्य रूप से गति शक्ति पोर्टल का ही प्रयोग करें। पोर्टल आधारित ऐप विकसित कराकर उसे विभागीय कार्यप्रणाली में अंगीकृत किया जाना चाहिए।

Latest news

Related news