Wednesday, January 15, 2025

बिहार के बाहुबलियों की लाज बचाने आई उनकी पत्नियां, मोकामा उपचुनाव में ललन सिंह और अनंत सिंह की प्रतिष्ठा दांव पर

अभिषेक झा,ब्यूरो चीफ,पटना

मोकामा विधानसभा उप चुनाव अब एक तरह से युद्ध में तब्दील हो गया है, जहां नामी बाहुबलियों की इज्जत बचाने के लिए युद्ध के मैदान में उनकी बीवी उतर गई हैं.

दरअसल मोकामा विधानसभा के उप चुनाव में दो बाहुबलियों की बीवी आमने-सामने हैं. कुछ ऐसी चुनावी स्थिति बन गई है कि महागठबंधन की जेडीयू उम्मीदवार नीलम देवी की टक्कर बीजेपी की सोनम देवी से है. नीलम देवी मोकामा से चार बार विधायक रहे अनंत सिंह की पत्नी हैं तो दूसरी तरफ सोनम देवी बाहुबली ललन सिंह की पत्नी हैं.मुख्य मुकाबला इन्हीं दोनों प्रत्याशियों के बीच है.

महागठबंधन और भाजपा की ओर से जो उम्मीदवार खड़े हुए हैं उनकी अपनी कोई पहचान नहीं है…दरअसल उनकी पहचान फिलहाल तो अपराध की दुनिया के बादशाह रहे उनके पति से है. यहां दिलचस्प यह है कि प्रत्याशी बन कर चुनाव में उतरी तो हैं बाहुबलियों की पत्नियां लेकिन परोक्ष रूप से हार और जीत उनके पतियों की ही होनी है.

वैसे पतियों की बाहुबली छवि के बल पर चुनाव लड़ने वाली बीवियों का यह कोई अकेला उदाहरण नहीं है.बिहार में तो इसका एक लंबा इतिहास है.

बाहुबली आनंद मोहन ने भी अपनी जगह लवली आनंद को चुनाव में उतारा था. लवली आनंद सांसद बनीं, बाद में विधायक भी बनीं. मुन्ना शुक्ला ने भी अपनी जगह पर अपनी पत्नी अनु शुक्ला को चुनावी मैदान में उतारा था. अनु शुक्ला विधायक भी बनीं. राजबल्लभ यादव ने अपनी पत्नी विभा देवी को चुनावी मैदान में उतारा था. वो सांसद तो नहीं बनीं, पर विधायक बन गईं. सुनील पांडे ने अपनी पत्नी गीता पांडे को तरारी विधान सभा से चुनावी मैदान से उतारा था लेकिन वो विधायक नहीं बन सकीं. बिंदी यादव ने अपनी पत्नी मनोरमा सिंह को विधान पार्षद बनवाया था. अखिलेश सिंह ने अपनी पत्नी अरुणा देवी को विधायक बनवाया था. राजेंद्र यादव ने अपनी पत्नी कुंती देवी को विधायक बनवाया था. शहाबुद्दीन की पत्नी हीना साहाब को चुनाव मैदान में उतारा गया पर जीत हासिल नहीं हुई. अरुण यादव ने अपनी पत्नी किरण देवी को चुनावी मैदान में उतारा और विधायक बनाया. रामा सिंह ने अपनी पत्नी वीना देवी को विधायक बनवाया. सुरजभान सिंह ने अपनी पत्नी वीना देवी को सांसद बनाया. बूटन सिंह ने अपनी पत्नी लेसी सिंह को विधायक बनाया और बाद में मंत्री भी बनीं. अवधेश मंडल ने अपनी पत्नी बीमा सिंह को विधायक बनाया और ये फिर मंत्री भी बनीं. पप्पू यादव ने रंजीता रंजन को सांसद बनवाया. हाल ही में भुअर ओझा ने अपनी पत्नी मुन्नी देवी को विधायक बनवाया.

कहने का मतलब ये है कि ये लिस्ट बहुत लंबी है. ऐसे कई बाहुबली हैं जो अपनी पत्नी को चुनाव मैदान में उतारकर सफल होते रहे हैं. अब यह ट्रेंड बन गया है कि खुद चुनाव नहीं लड़ सकते तो पत्नी को चुनावी मैदान में उतार देते हैं. ऐसा ही प्रयोग मोकामा में होने जा रहा है.

मोकामा विधान सभा का उप चुनाव भी दो बाहुबलियों की बीवीयां आमने सामने हैं. मुख्य मुकाबला अनंत सिंह की बीवी नीलम देवी और बाहुबली ललन सिंह की पत्नी सोनम देवी के बीच है.

अगर ललन सिंह की बात करें तो मोकामा विधानसभा से कई बार अनंत सिंह से टकरा कर हार भी चुके हैं. यह बात नीलम देवी के पक्ष में जाती है. ललन सिंह की पत्नी सोनम देवी के पक्ष में एक बात यह है कि वो इस बार भाजपा की उम्मीदवार हैं और उन्हें सबका साथ सबका विकास का साथ है.

महागठबंधन की उम्मीदवार के साथ नीतीश कुमार की पार्टी जदयू का जुड़ जाना प्लस प्वाइंट दे रहा है. मोकामा सीट गठबंधन में जदयू को मिलते रहने की वजह से भाजपा चुनावी ताकत को खुद के लिए कभी आजमा नहीं पाई है. इस बार भाजपा के हिस्से मोकामा विधानसभा का उप चुनाव आया है. अब महागठबंधन और एनडीए के बीच बाजी किसके हाथ लगती है, यह तो रिजल्ट आने पर पता चल जाएगा लेकिन इतना जरूर है कि भाजपा ने चुनाव को बेहद रोचक बना दिया है.

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