उन्नाव : उत्तर प्रदेश के सीएम योगी आदित्यनाथ ने आज उन्नाव में एक कार्यक्रम के दौरान कहा कि वन डिस्ट्रिक्ट-वन प्रोडक्ट और विश्वकर्मा श्रम सम्मान योजना ने उत्तर प्रदेश के एक्सपोर्ट को मात्र 4 वर्ष के अंदर ही लगभग ढाई सौ गुना बढ़ाने में मदद की है. सीएम योगी ने कहा कि डबल इंजन की सरकार बोलने में कम, करने में ज्यादा विश्वास करती है. यही कारण है कि भदोही को निर्यात उत्कृष्टता का अवार्ड भी प्राप्त हुआ है.
उन्नाव में 804 करोड़ की योजना का काम पूरा हुआ- CM YOGI
सीएम योगी ने उन्नाव में 804 करोड़ की योजना का काम पूरा हो जाने पर कहा कि हमारे जन प्रतिनिधियों की कड़ी मेहनत के कारण आज 804 करोड़ रुपये की विकास परियोजनाओं का उद्घाटन पूरा हुआ. इन योजनाओं को पूरा करने में उन्नाव के लोगों का बड़ा सहयोग है.
#WATCH | Unnao, Uttar Pradesh: UP CM Yogi Adityanath says, "Due to the hard work of our public representatives, today the inauguration of development projects worth Rs 804 crores was completed… I congratulate all the people of Unnao on this program…" pic.twitter.com/lSrCbCg6al
— ANI UP/Uttarakhand (@ANINewsUP) October 9, 2023
ODOP से प्रदेश के व्यापार को मिल रही है मदद
उत्तर प्रदेश में इन दिनों व्यापार को बढ़ावा देने के लिए सरकार कई तरह की योजनाएं चला कर छोटे से लेकर मझोले व्यापारियों और उद्दयमियों को प्रोत्साहित कर रही है. इसका एक नमूना हमें हाल ही में ग्रेटर नोयडा के यूपी इंटरनेशनल ट्रेड शो में देखने के लिए मिला.
ODOP यूपी सरकार की महत्वकांक्षी योजना
वन डिट्रिक्ट वन प्रोडक्ट (ODOP) उत्तर प्रदेश सरकार की एक महत्वकाक्षी योजना है जिसके तहत काफी अच्छे परिणाम देखने के लिए मिल रहे हैं.
यूपी सरकार की इस योजना के तहत एक जिले में एक उत्पाद को बढ़ावा देने के लिए सरकार कारीगरों और उद्दमियों के हर तरह की सरकारी सहायता उपलब्ध करती है. उत्पादों के प्रोडक्शन से लेकर उसे बाजार तक उपलब्ध कराने में मदद करती है.
आपको बता दें कि उत्तर प्रदेश के 80 जिलों में लगभग सभी जिलों की एक खास पहचान है.
उत्तर प्रदेश के 80 जिलो के उत्पाद
आगरा का चमड़ा उद्योग, फिरोज़ाबाद का चूड़ी उद्योग , मथुरा का बाथरूम फिटिंग , मैनपुरी की तारकशी, अलीगढ़ के ताले और हार्डवेयर, हाथरस की असिंग प्रसंस्करण, एटा की बेल और घंटी, काशगंज की जरी और जरदोज़ी, इलाहाबाद का फल प्रसंस्करण (अमरूद) , प्रतापगढ़ का फल प्रसंस्करण (करौंदा), कौशाम्बी का फल प्रसंस्करण (केले), आज़मगढ़ का ब्लैक पात्री, बाली की बिंदी, मउ की पावरलूम. बरेली का जरीवर्क, बदायू का जरी वर्क, पीलीभीत की बांसुरी, शाहजहांपुर का जरीवर्क, संतकबीर नगर का पीतल पॉट, चित्रकूट के लकड़ी के खिलौने, बांदा का सागर पत्थरशिल्प, महोबा का गोरा पत्थर शिल्प, हमीरपुर के जूते, गोंडा के खाद्य प्रसंस्करण (दाल), बहराइच के गेहूं के डंठल, बलरामपुर का खाद्य प्रसंस्करण (दाल), फैजाबाद का जाली उत्पाद, बराबंकी का स्कार्फ, अम्बेडकर नगर का पावरलूम, अमेठी का बिस्कुट, सुल्तानपुर बीम का फर्नीचर, गोरखपुर का टेराकोटा, कुशीनगर की कलाकृति, झांसी के खिलौने, जालौन के हस्तनिर्मित पत्र , ललितपुर के भगवान कृष्ण की मूर्ति, कानपुर का चमड़ा उत्पाद, इटावा का खाद्य प्रसंस्करण (आलू के उत्पादों), ओरैय्या का देसी घी, फरुखाबाद की ब्लॉक प्रिंटिंग, कन्नौज का इत्र और चिकन अननाब का जरी , रायबरेली का वुडक्राफ्ट, सीतापुर की दरी, लखीमपुर खीरी की जनजातीय शिल्प, हरदोई का डेयरी उत्पाद, मेरठ के खेल सामान, बागपत के हैंडलूम, गाजियाबाद के इंजीनियरिंग सामान, बुलंदशहर की पटारी (खुर्जा), गौतमबुद्ध नगर के रेडीमेड उत्पाद, हापुड़ का फर्नीचर, मुरादाबाद का मेटलक्राफ्ट , रामपुर का पेजकाम , बिजनौर की लकड़ी पर नक्काशी, अमरोहा का संगीत वाद्ययंत्र, संभल का हॉर्न और हड्डी, मिर्जापुर की दरी और कालीन, सोनभद्र का कालीन, भदोही की दरी और कालीन, सहारनपुर के वुडकार्विंग, मुजफ्फरनगर का जगेरी उत्पाद, शामली का हब और धुरी, वाराणसी का रेशम उत्पाद, गाजीपुर से दीवार पर लटकाने वाली वस्तुएं , ज़ौनपुर का प्रेशर कुकर, चंदौली का जेगेरी प्रोडक्ट्स शामिल है .