मुंबई (Mumbai)
श्रद्धा हत्या मामले में दिल्ली पुलिस लगातार जांच कर रही है.रविवार को मुंबई पहुंची दिल्ली पुलिस की टीम पूछताछ के लिए पालघर पहुंची. दिल्ली पुलिस ने श्रद्धा हत्या मामले में अब तक 11 लोगों का बयान दर्ज किया है. पुलिस ने जिन 11 लोगों से पूछताछ की है वो हैं…
– श्रद्धा का दोस्त लक्ष्मण नाडर
– श्रद्धा का दोस्त राहुल राय
– श्रद्धा का दोस्त गॉडविन
– श्रद्धा की दोस्त शिवानी म्हात्रे
– श्रद्धा की सहेली शिवानी का पति
– श्रद्धा के मैनेजर करण बाहरी
– श्रद्धा-आफताब के फ्लैट ओनर जयश्री पाटकर
– यूनिक पार्क के सचिव,जहां आफताब का परिवार रहता था – अब्दुल्ला खान
– यूनिक पार्क के अध्यक्ष रामदास केवट
– पैकर्स एंड मूवर्स के मालिक गोविंद यादव जिन्होंने वसई से आफताब का सामान छतरपुर भेजा था
इसके अलावा श्रद्धा का इलाज करने वाली डॉक्टर पूनम ने कई महत्वपूर्ण जानकारी दी है, जो इस हत्या के मामले को आगे बढ़ाने के लिए काफी अहम हो सकती है.
श्रद्धा जब आई थी तो उसके गले पर काले स्याह निशान थे
डॉ. पूनम ने बताया एक बार जब श्रद्धा उनके पास आई थी तो उसने लड़कों की तरह बाल रखती थी तो उसके माथे पर गाल पर गर्दन पर काले स्याह निशान थे यही नहीं गले पर ऐसे निशान थे कि जैसे उसका गला दबाया गया हो.जब उसने श्रद्धा से पूछा तो श्रध्दा ने बताया की आफ़ताब ने उसे बुरी तरह पीटा और उसका गला दबाकर मारना चाहा इसलिए वो भाग आयी अगर नहीं भागती तो वो उसकी जान ही ले लेता.
नॉनवेज ना खाने पर करता था पिटाई
उस दिन की मारपीट की वजह उससे ज्यादा हैरान करने वाली थी आफ़ताब ने उसकी इसलिए पिटाई की थी कि उसने नॉन वेज खाने से मना कर दिया था.इस बात पर आफ़ताब को गुस्सा आ गया,आफ़ताब जबरन उसे नॉनवेज खाने के लिए मजबूर करता था,नहीं खाती तो पीटता था.कभी आफ़ताब बाहर से आया उसे किसी बात पर गुस्सा है तो उसके लिए भी आफ़ताब श्रध्दा को पीट देता,कहीं आने जाने किसी से बात करने या घर के किसी भी विषय पर अक्सर बात बात पर पिटाई कर देता था.
श्रद्धा की हालत के लिए आफताब के मां बाप भी जिम्मेदार
श्रद्धा का कहना था कि मारपीट को लेकर उसने कई बार आफताब के माता पिता से भी शिकायत की थी लेकिन वो अक्सर उसे भूल जाने के लिए कहते थे. जब भी आफ़ताब के मां बाप श्रद्धा के पास आते उसे बेटे की गलती भूल जाने उसे माफ करने की रिक्वेस्ट करते और कहते थे कि वो जल्द सुधर जाएगा. इस तरह की इमोशनल बात करते तो फिर वो पिघल जाती थी. अगर उस वक़्त श्रद्धा आफताब के मां बाप की बातों में नहीं आती तो आज श्रद्धा जिंदा होती.
श्रद्धा उस समय भी आफताब के मां बाप के पास गई थी. जब नॉनवेज खाने को लेकर उसने श्रद्धा को पीटा था. वो बेहद डरी सहमी थी, बोल भी नही पा रही थी . डॉ पूनम ने उसे रात अपने घर मे ही गुजारने की बात भी कही,लेकिन श्रद्धा ने ही बताया की वो आज खुद घर नहीं आएगा वो अपने माँ बाप के पास जायेगा.
डॉक्टर पूनम ने कहा कि बार बार उसकी काउंसलिंग और एक बार पुलिस कम्पलेन के बावजूद श्रद्धा अगर उसका साथ छोड़ देती तो आज ज़िंदा होती. श्रद्धा पूनम को बताती थी कि आफ़ताब से उसे डर लगता है. वो उसकी जान भी ले सकता है.
पूनम पालघर जिले के नालासोपारा इलाके में ही रहती है,एवर शाइन इलाके में श्रद्धा और आफ़ताब रहने के लिए आये थे .उस दौरान 3 बार श्रद्धा पूनम के पास मदद मांगने के लिए आई थी.
एक बार तो पूनम ने श्रद्धा को साथ लेकर तुलिंज पुलिस स्टेशन भी पहुची और NC दर्ज करायी. अगले दिन इस मामले की गंभीरता को देखते हुए FIR दर्ज करने की तैयारी थी. श्रद्धा भी तैयार हो गयी थी लेकिन पूनम बताती है कि जब भी आफ़ताब श्रद्धा की पिटाई करता तो वो खुद उस रात घर नहीं आता बल्कि अपने मां बाप के पास चला जाता.मां बाप फिर श्रद्धा को कन्विंस करने में लग जाते थे और श्रद्धा आफ़ताब के मां बाप की बातों का शिकार हो जाती.