दिल्ली के बीजेपी सांसद हंस राज हंस ने दिल जीत लेने वाली बात कही है. उन्होंने साबित कर दिया है कि उनमें कितनी संवेदनशीलता है. बेटियों के लिए इनके मन में कितना प्यार है. कह रहे हैं बेटियां रौनक होती हैं आंगन की. आप ये सुनकर कहीं कंफ्यूज तो नहीं हो रहे हैं. अगर हो रहे हैं तो आपको बता दें हंस राज हंस जी दिल्ली के शाहबाद डेयरी में 16 साल की साक्षी (Sakshi) की मौत के बाद उसके घर पहुंचे थे. जहां नेताओं का तांता लगना शुरु हो गया है.
आपको क्या लगा था, ये जंतर मंतर पर न्याय की मांग कर रही बेटी साक्षी(Sakshi) की बात कर रहे हैं. जी नहीं ये बात कर रहे हैं एक दूसरे समुदाय के साहिल की सनक और दरिंदगी की शिकार हुई बेटी साक्षी (Sakshi) की. साक्षी (Sakshi) हिंदु समुदाय से आती है और इसके साथ दरिंदगी करने वाला लड़का मुसलमान है. इसलिए यहां आकर बेटी के सम्मान और जान की बात करना बीजेपी के एजेंडे के हिसाब से सही बैठता है. ये और बात है कि आन बान और शान ओलंपिक मेडल्स को हर की पौड़ी में प्रवाहित होने से बचाने में उनकी कोई दिलचस्पी नहीं है.
#WATCH | "…I have spoken with the Police…You will not be able to watch the complete video (of the crime) if you are a parent, you will not be able to sleep..," says BJP MP Hans Raj Hans.
"Shame on any party that is doing politics after such a tragedy…There were so many… https://t.co/lCQFvCuU7G pic.twitter.com/Y66ikujyQZ
— ANI (@ANI) May 30, 2023
बीजेपी सांसद ने याद दिलाया पीएम का प्रण
बीजेपी सांसद हंस राज हंस ने सवाल पूछती महिलाओं को बताया कि हमारे प्रधानमंत्री मोदी जी ने पद संभलाने के बाद जो सबसे पहला काम किया वो बेटी बचाओ का था . हम सब बेटियों को इंसाफ दिलाने के लिए काम करेंगे.
जाहिर है जब मामला दो समुदाय का होता है तो हमारी सत्ता में बैठे लोगों की भावनाएं उफान मारने लगती हैं. उन्हें न्याय-अन्याय , धर्म- अधर्म सब की याद आती है. उनका खून खौल जाता है. खौलना भी चाहिये. इसलिए वे पीड़ितों को न्याय दिलाने के लिए बुल्डोजर बुलाने की व्यवस्था करते हैं लेकिन जब मामला अपने ही समुदाय का हो, आरोपी कोई दबंग हो तब ना तो किसी महिला नेता जो संसद में मां होने की दुहाई देती नहीं थकती थी, न उनका खून खौलता है ना ही किसी न्याय पसंद हुक्मरान का. जब मामला सत्ता के साथी का हो तो बुल्डोजर तो बुलाया जाता है लेकिन बेटियों को कुचलने उनके प्रदर्शन के तंबू उखाड़ फेंकने के लिए.
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किसी महिला सासंद ने अब तक समर्थन में आवाज नहीं उठाई
हैरानी की बात है कि पिछले एक महीने से देश का गौरव बढ़ाने वाली बेटियां अपने सम्मान की रक्षा के लिए सड़कों पर हैं, धूप , वर्षा आंधी और सत्ता की बेरुखी सबका दिलेरी से सामना कर रही हैं. केवल इसी उम्मीद में कि एक दिन उनकी भी आवाज सत्ता के शीर्ष तक पहुंच जायेगी. एक दिन उनके पास भी कोई संदेशवाहक प्रधानमंत्री का संदेश लेकर आयेगा और उन्हें बतायेगा कि देश की बेटियों का सम्मान सबसे बड़ा है. लेकिन अब तक ऐसा नहीं हुआ है. बेटियां आमरण अनशन के लिए तैयार हैं लेकिन उनकी आवाज सत्ता के शीर्ष तक नहीं पहुंच रही है.
न्याय के लिए गुहार लगाने वाली बेटियों ने किया सरेंडर
गौरतलब है कि वर्तमान संसद में देश में अलग-अलग राजनीतिक पार्टियों में करीब 124 महिला सासंद ( 78 लोकसभा, 24 राज्यसभा) हैं. हर संसद और विधानसभा के उम्मीदवार के चुनावी एजेंडे में महिला के लिए न्याय और सम्मान सबसे पहले नंबर पर रहता है लेकिन इन महिला पहलवानों के लिए किसी महिला सांसद या पुरुष सांसद का दिल नहीं पसीज रहा है. कोई इनकी इंसाफ की लड़ाई में इनका साथ देने, आवाज उठाने सामने नहीं आ रहा है.
जंतर मंतर से मात्र कुछ फर्लांग दूर देश की महामहीम राष्ट्रपति का आवास है लेकिन वहां तक भी इन बेटियों की आवाज नहीं पहुंच रही है. आखिरकार देश की शान बेटियां जो यौन हिंसा के खिलाफ लड़ रही थी, हार कर, परेशान होकर अपने पूरे जीवन की मेहनत जिसे वो अपनी जान, अपनी आत्मा बता रही हैं उस मेडल को पवित्र गंगा को समर्पित करने का फैसला ले लेती हैं. लेकिन सत्ता की हनक देखिए, धर्म के नाम पर यहां भी उन्हें रोक दिया जा रहा है. वो गंगा जो सबकी मां है. जिसपर सभी देशवासियों का अधिकार है उन्हें वहां भी मेडल बहाने के लिए एक सभा के सामने हाथ जोड़ने पड़े.
देश सब देख रहा है !
देश देख रहा है. समझ रहा है, जान रहा है कि सत्ता के लिए बेटी नहीं एजेंडा प्रिय है. देश साक्षी बन रहा है दो साक्षियों की किस्मत का .एक वो जिसे प्रेम के नाम पर बेदर्दी से मार दिया गया और दूसरी वो जिसे मेडल लाने पर पहले सम्मान से सिर पर बैठाया और जब उसने इंसाफ मांगने सड़क पर आने का फैसला किया तो उसे ऐसा घसीटा कि वो हार के गंगा की गोद में शरण तलाशने पहुंच गई.
#WATCH | "Entire Indian govt is saving one man (WFI chief Brij Bhushan Sharan Singh). There will be a Khap meeting tomorrow," says Farmer leader Naresh Tikait who intervened and asked protesting wrestlers not to immerse their medals while seeking five days time#WrestlersProtest pic.twitter.com/3xm10VPQg7
— ANI (@ANI) May 30, 2023