राम मंदिर निर्माण का काम पूरे जोर से चल रहा है.फिलहाल गर्भ गृह ,पांच मंडप और प्रथम तल का निर्माण कार्य चल रहा है. ये सुपरस्ट्रक्चर 21 फुट ऊंचे प्लिंथ पर बनाया जा रहा है.ग्रेनाइट स्टोन प्लिंथ बनाने का काम फरवरी 2022 में ही शुरू हो गया था जो अब पूरा हो गया है. प्लिंथ बनाने में 5 फुट लंबे,तीन फुट चौड़े और ढ़ाई फुट मोटे ग्रेनाइट स्टोन के 17000 टुकड़े इंटरलॉकिंग तरीके से लगाए गए हैं.एक ग्रेनाइट स्टोन ब्लॉक का वजन लगभग 3 टन है.इसे बनाने के लिए कई टावर क्रेन,मोबाइल क्रेन औऱ अन्य उपकरण लगाए गए हैं.कुल प्लिंथ एरिया तकरीबन 3500 वर्ग मीटर है जो एक सिंगल चट्टान की तरह दिखेगा. इसके लिए बेहतरीन क्वालिटी के ग्रेनाइट पत्थर कर्नाटक और आंध्र प्रदेश से लाए गए हैं.
भारतीय रेल बनी मददगार
पत्थरों के वजन और मात्रा की वजह से उन्हें यहां तक लाना आसान नहीं था और अगर सामान्य ट्रांसपोर्ट से लाया जाता तो बहुत वक्त लग जाता.इस काम को आसान किया भारतीय रेल और कंटेनर कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया ने. भारतीय रेल ने तो ग्रेनाइट पत्थरों को लाने के लिए ग्रीन कॉरिडोर बना दिया जिससे पत्थर समय से पहले पहुंच गए और प्लिंथ बनाने में दो महीने का समय बच गया.
बेहतरीन नक्काशी हो रही है
मंदिर के सुपर स्ट्रक्चर का निर्माण राजस्थान के कार्विंग की हुई सैंड स्टोन से हो रहा है. ये सैंड स्टोन भरतपुर के बांसी पहाड़पुर से लाए गए हैं. पत्थरों को तराशने के लिए राजस्थान के माइंस और मंदिर के निर्माण स्थल पर 1200 से ज्यादा कारीगरों को लगाया गया. इनकी निगरानी के लिए एक्सपर्ट के तौर पर NIRM बंगलोर,सीबी सोमपुरा ,एल एंड टी, टीसीई जैसी कंपनियों की मदद ली गई है. लगभग 4.75 लाख क्यूबिक फीट बांसी पहाड़पुर पत्थर को तराशा जा रहा है. गर्भ गृह, फर्श,रेलिंग और दरवाजों के लिए मकराना के सफेद पत्थर राजस्थान से आ रहे हैं जिन पर बेहतरीन नक्काशी का काम चल रहा है.सुपर स्ट्रक्चर के परकोटे को बांसी पहाड़पुर के तराशे गए लाल पत्थरों से बनाया जाएगा.
श्रद्धालुओं को मिलेगी खास सुविधा
राम लला के दर्शनों के लिए आने वाले श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए एक सेंटर बनाया जा रहा है जहां जूते और अपने सामान रखने की जगह होगी,एक प्रतीक्षालय भी होगा जहां एक साथ 5 हजार श्रद्धालु ठहर सकेंगे,पीने का पानी,शौचालय और अन्य सुविधाएं उपलब्ध होंगी.
कई और भी मंदिर बन रहे हैं
श्री राम जन्म भूमि के बाकी हिस्सों की प्लानिंग भी फाइनल होने वाली है जिसमें ऋषि वाल्मिकी,आचार्य वशिष्ठ,ऋषि विश्वामित्र,अगस्त्य ऋषि,निषाद,जटायु,माता सबरी आदि के मंदिर तो होंगे ही साथ ही यज्ञ मंडप,अनुष्ठान मंडप,संत निवास,म्यूजियम रिसर्च सेंटर,लाइब्रेरी आदि भी होंगे. ग्रीन एरिया और हरियाली और पर्यावरण का खास ध्यान रखा जा रहा है. दिसंबर 2023 से श्री राम लला के दर्शन श्रद्धालु कर सकेंगे.इसको ध्यान में रखते हुए तमाम तैयारियां चल रही हैं.
मंदिर बनाने में 1800 करोड़ का खर्च आएगा
11 सितंबर 2022 को श्री राम जन्म भूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट की मीटिंग हुई जहां निर्माण कार्य के प्रोग्रेस रिपोर्ट पर चर्चा हुई. मीटिंग के दौरान बताया गया कि राम मंदिर निर्माण का काम अपने तय समय के हिसाब से चल रहा है और दिसंबर 2023 से श्रद्धालु राम लला के दर्शन कर पाएंगे. अभी तक अनुमान के मुताबिक राम मंदिर और इसके परिसर के निर्माण में लगभग 1800 करोड़ की लागत आएगी.