Quad Summit PM Modi : प्रधानमंत्री मोदी इस समय क्वाड समिट में हिस्सा लेने केलिए तीन दिन के अमेरिका दौरे पर हैं. अमेरिका पहुंचकर पीएम मोदी ने पहले राष्ट्रपति जो बाइडेन से मुलाकात की,फिर क्वाड समिट में हिस्सा लेने पहुंचे. इस समिट में एक बार फिर से भारत के नेता की वैश्विक हनक साफ दिखी. बैठक में शामिल देशों के नेताओं ने माना कि भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से क्षेत्रीय नेतृत्व के संदर्भ में काफी कुछ सीखने के लिए मिलता है. क्वाड में शामिल देश अमेरिका, जापान और ऑस्ट्रेलिया ने हिंद महासागर क्षेत्र में भारत की मजबूत भूमिका के लिए पीएम मोदी की तारीफ की. इस दौरान तीनों देशों ने माना कि चीन से मुकाबला करने में भारत ही इन देशों की अगुवाई करेगा.
Quad Summit के दौरान क्वाड देशों ने की पीएम मोदी के नेतृत्व की प्रशंसा
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक समिट के दौरान अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने भारत की प्रशंसा करते हुए कहा कि हिंद महासागर क्षेत्र में भारत के अनुभव और नेतृत्व से अमेरिका को भी बहुत कुछ सीखना है. वहीं ऑस्ट्रेलिया के प्रधानमंत्री अल्बनीज ने हिंद महासागर के क्षेत्र में पीएम मोदी के नेतृत्व को एक बड़ी ताकत के रूप में भारत की भूमिका पर जोर डाला. क्वाड देशों के वक्तव्यो से हिंद प्रशांत क्षेत्र में भारत के कुशल कूटनीतिक ताकत का अंदाजा मिलता है. मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक जापान के प्रधानमंत्री फूमियो किशिदा ने ‘वॉयस ऑफ ग्लोबल साउथ समिट’ के आयोजन के लिए आगे बढ़ने के प्रयास की सराहना की और इस प्रयास में जापान के समर्थन की बात कही
चीन की बढ़ती आक्रामकता को सबसे बड़ा खतरा
क्वाड समिट की दौरान अमेरिका सहित इसके सभी सदस्य देशों जापान और अस्ट्रेलिया ने दक्षिणी चीन सागर और एशिया में चीन की बढ़ती आक्रामकता को सबसे बड़ा खतरा माना.
क्वाड शिखर सम्मेलन में भारत का वैश्विक रुख
विदेश सचिव विक्रम मिसरी के अनुसार के मुताबिक प्रधान मंत्री मोदी ने वैश्विक शांति, सुरक्षा और विकास के लिए भारत के दृष्टिकोण को प्रभावी ढंग से प्रस्तुत किया.वहीं ऑस्ट्रेलिया के प्रधानमंत्री एंथनी अल्बानी, जापान के प्रधानमंत्री फुमियो किशिदा और अमेरिकी राष्ट्रपति जो बिडेन के साथ द्विपक्षीय बैठकों के दौरान पीएम मोदी ने वैश्विक चुनौतियों का मुकाबला करने के लिए लोकतांत्रिक मूल्यों, सुशासन और तकनीकी प्रगति का लाभ उठाने में भारत के प्रयासों पर जोर दिया.
विदेश सचिव मिसरी ने कहा कि भारत के प्रधानमंत्री मोदी ने सभी कार्यक्रमों में वैश्विक विकास, शांति और सुरक्षा के लिए भारत के विचारों और प्रतिबद्धताओं को आगे बढ़ाने के अपने विचार साझा किये.पीएम मोदी ने वैश्विक संघर्षों को कम करने के भारत के प्रयासों और विघटनकारी उद्देश्यों के लिए इसका दुरुपयोग करने की बजाय सकारात्मक परिणामों के लिए प्रौद्योगिकी का उपयोग करने को लेकर अपना दृष्टिकोण रखा.
पीएम मोदी जो बिडेन की द्विपक्षीय बैठक
प्रधानमंत्री मोदी और अमेरिकी राष्ट्रपति जो बिडेन ने भारत-अमेरिका के बीच व्यापक वैश्विक रणनीतिक साझेदारी पर चर्चा की,जिसका पिछले कुछ सालों में काफी विस्तार हुआ है. दोनों नेताओं के बीच हुइ चर्चा में रक्षा, स्वच्छ ऊर्जा, अंतरिक्ष और प्रौद्योगिकी, विशेष रूप से महत्वपूर्ण और उभरती प्रौद्योगिकियों में एक दूसरे का सहयोग करना शामिल था. पीएम मोदी ने राष्ट्रपति जो बिडेन के समर्थन के लिए उनकी प्रशंसा करते हुए कहा कि “पिछले चार सालों में भारत-अमेरिका साझेदारी को और मजबूत करने में बाइडेन प्रशासन की अग्रणी भूमिका रही है .
जापान पीएम फमियो किशिदा के साथ द्विपक्षीय वार्ता
पीएम मोदी ने जापान के प्रधानमंत्री फूमियो किशिदा के साथ बातचीत करते हुए दोनों देशों के बीच विशेष रणनीतिक और वैश्विक साझेदारी की 10वीं वर्षगांठ के लिए कार्यक्रम के लिए खास चर्चा हुई. 2025 में 10वीं वर्षगांठ मनायी जाएगी. मोदी ने भी द्विपक्षीय संबंधों में पीएम किशिदा के योगदान के साथ-साथ दोनों देशों के बीच किए गए आर्थिक और रक्षा सहयोग समझौतों की सराहना की.
अस्ट्रेलिया के साथ द्विपक्षीय बैठक
ऑस्ट्रेलियाई प्रधानमंत्री अल्बानी के साथ पीएम मोदी की चर्चा भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच व्यापक रणनीतिक साझेदारी के इर्द-गिर्द रही. इस बैठक में विशेष रूप से आर्थिक सहयोग और व्यापार समझौते (ECTA) के तहत हुई प्रगति पर बात हुई. दोनों देशों ने रक्षा, सुरक्षा, अंतरिक्ष और महत्वपूर्ण खनिजों में गहन सहयोग की भी संभावना तलाशी.
इंडो-पैसिफिक में भारत की भूमिका और क्वाड की पहल
क्वाड शिखर सम्मेलन में इंडो-पैसिफिक क्षेत्र में मोदी ने समुद्री सुरक्षा में सहयोग के महत्व पर जोर दिया और प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में दुर्भावनापूर्ण तकनीक के उपयोग को रोकने की आवश्यकता पर जोर दिया.
क्वाड पोर्ट्स ऑफ द फ्यूचर पार्टनरशिप
इस बैठक के दौरान क्वाड पोर्ट्स ऑफ द फ्यूचर पार्टनरशिप को लेकर बात हुई. इस बैछक के दौरान हुए कई सकारात्कम कदम में ये भी महत्वपूर्ण कदम है, जिसके अंतर्गत लंबे समय तक चलने वाले और टिकाऊ बंदरगाह के बुनियादी ढांचे के विकास क लिए डिज़ाइन तैयार करने पर बात हुई.
इस बीच इस बैठक को लेकर चीन में भी सहमागहमी है . चीन के सरकारी मुखपत्र ग्लोबल टाइम्स ने लिखा है कि अमेरिका, चीन के साथ अपनी प्रतिस्पर्धा को बढ़ाने के लिए क्वाड के रूप में एक छोटा समूह बना रहा है,लेकिन इन चारों देशों के राष्ट्रीय हित अलग-अलग हैं. इन देशों के साथ चीन के भी महत्वपूर्ण और पुराने संबंध हैं इसलिए इस समूह का भविष्य अंधकारमय और अनिश्चितताओं से भरा हुआ है.