संवाददाता अजय धारी सिंह, मधुबनी : कलुआही प्रखंड के पंचायत हरिपुर दक्षिणी के गांव बक्शी टोल में माता मनसा मंदिर में प्रतिमा की प्राण प्रतिष्ठा पुरी पीठाधीश्वर जगदगुरु शंकराचार्य निश्चलानंद सरस्वती Shankaracharya Nischalananda Saraswati महाराज ने 24 मई को किया था.लोगों की आस्था है कि यहां मां के दर्शन मात्र से भक्तों पर कृपा बरसती है. यहां बिहार, बंगाल, झारखंड कई राज्य और नेपाल, भूटान समेत कई राष्ट्र के श्रद्धालु आते हैं.
Shankaracharya Nischalananda Saraswati को ग्रामीण समझते थे पागल
इस स्थान की एक अपनी अलग महिमा है. स्वामी शंकराचार्य निश्चलानंद सरस्वती का बचपन गांव हरिपूर बक्शीटोल में बीता है. ग्रामीणों ने बताया कि पुरी पीठाधीश्वर जगदगुरु शंकराचार्य का जन्म स्थान कलुआही के गांव बख्शी टोल में ही है.उनके बचपन का नाम नीलांबर झा था. ग्रामीणों ने बताया शंकराचार्य ने बचपन की पढ़ाई पांचवी तक कलुआही प्राथमिक विद्यालय में की एवं आगे की पढ़ाई लोहा हाई स्कूल में हुई. बचपन में उनको रात में सोने के समय बराबर स्वप्न आता था कि मंदिर की मूर्ति को चोरी करके कोई ले जा रहा है. जब यह बात गांव के कुछ लोगों को बताते थे तो गांव के लोग उनको पागल समझते थे.इसी कारण 14 वर्ष की उम्र में ही उन्होंने घर छोड़ दिया था.जो आज पुरी पीठाधीश्वर जगदगुरु शंकराचार्य निश्चलानंद सरस्वती के रूप में देश में विराजमान हैं.
नीलांबर झा था पहले नाम
ग्रामीणों ने बताया कि पूरी पीठाधीश्वर जगदगुरु शंकराचार्य निश्चलानंद सरस्वती महाराज तीन भाई हैं. जिसमें वे सबसे छोटे थे. उनके बड़े भाई का नाम देव झा और दूसरे भाई का नाम डीएन झा हैं, दोनों आयुर्वेदिक चिकित्सक थे.तीनों भाई में सबसे छोटा नीलांबर झा थे, जो आज वर्तमान में पुरी पीठाधीश्वर जगदगुरु शंकराचार्य निश्चलानंद सरस्वती के नाम से विश्व में जाने जा रहे हैं.मंदिर के पुजारी ने कहा कि यह ऐतिहासिक स्थल मधुबनी जिला मुख्यालय से करीब 16 किलोमीटर उत्तर दरभंगा जयनगर मुख्य सड़क N.H.105 से पूरब पर अवस्थित है. उड़िया शैली से बनी भव्यता दिव्यता के साथ ही मंदिर में विराजती मां मनसा देवी का एहसास कराता है. माता मनसा मंदिर में प्रतिदिन हजारों की संख्या में बिहार, बंगाल, झारखंड, उड़ीसा, उत्तर प्रदेश, दिल्ली, पंजाब, हरियाणा, राजस्थान, मध्यप्रदेश, महाराष्ट्र समेत कई राज्य और नेपाल, भूटान समेत कई राष्ट्र के श्रद्धालु भक्तगण पूजा अर्चना कर माता मनसा देवी का आशीर्वाद प्राप्त कर रहे हैं.साथ ही ऐसा अनुमान लगाया जा रहा है की बनाए जाने के बाद पहले नव वर्ष पर यहां माता मनसा देवी के दर्शन को भाड़ी भीड़ उमड़ेगी.