Sunday, February 23, 2025

Mattala Rajapaksa International Airport: श्रीलंका ने किया खेल..चीन से पैसा लेकर जो एयरपोर्ट बनाया उसका नियंत्रण भारत के पास ..

नई दिल्ली : Mattala Rajapaksa International Airport श्रीलंका ने मटाला राजपक्षे अंतराष्ट्रीय एयरपोर्ट के मैनेजमेंट की जिम्मेदारी भारत और रूस की एक कंपनी को दी है. श्रीलंकन सरकार का ये फैसला चीन के लिए एक बड़ा झटका माना जा रहा है.श्रीलंका के हेम्बनटोटा में स्थित ये मटाला राजपक्षे अंतराष्ट्रीय एयरपोर्ट अपने निर्माण के समय से ही चर्चा में रहा है.

Mattala Rajapaksa International Airport का चीन से नाता 

दरअसल ये एयरपोर्ट शुरु से ही विवादों में रह है. पहले स्थान के चयन को लेकर, क्योंकि पर्यावरणविदों का मानना है कि इस एयरपोर्ट के कारण पर्यावराण को काफी नुकसान पहुंचा है. वहीं  श्रीलंका ने ये एयरपोर्ट चीन से उच्च ब्याजदर पर पैसे लेकर बनाया था. इस एयरपोर्ट को बनाने के लिए श्रीलंका ने चीन के एक्जिम बैंक से 20.9 करोड़ अमेरिकी डॉलर कर्ज के रुप में लिया था. इस एयरपोर्ट का नाम श्रालंका ने पूर्व राष्ट्रपति महिद्रा राजपक्षे के नाम पर मटाला इंटरनेशलन एयरपोर्ट रखा गया . इस एयरपोर्ट की बदकिस्मती ये रही कि जब से एयरपोर्ट ऑपरेशनल हुआ, यहां पर्यटकों की आवाजाही बेहद कम रही . कम उड़ान के कारण इस एयरपोर्ट को दुनिया का सबसे सुनसान एयरपोर्ट करार दिया गया.श्रीलंका में राष्ट्रपति महिंद्रा राजपक्षे के शासनकाल में कई विशाल आधारभूत संरचनाएं बनी.ये एयरपोर्ट भी उनमें से एक है.

श्रीलंकन सरकार ने एयरपोर्ट मैनेजमेंट लीज के लिए दिया था प्रपोजल

श्रीलंकन सरकार के प्रवक्ता औऱ मंत्री बंदुला गुणावर्धने के मुताबिक मंत्रिमंडल ने 9 जनवरी को ही संभावित पक्षकारों से कोटेशन मांगने के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी थी. इसके बाद सरकार के पास इस संबंध  में 5 प्रस्ताव आये. इनमें से श्रीलंकन कैबिनेट के द्वारा नियुक्त सलाहकार समिति ने भारत की कंपनी शौर्य एयरोनॉटिक्स (प्रा) लिमिटेड और रूस की कंपनी एयरपोर्ट्स ऑफ रीजन्स मैनेजमेंट को 30 सालों के लिए मटाला राजपक्षे अंतराष्ट्रीय एयरपोर्ट के मैनेजमेंट के प्रबंधन का करार देने का निर्णय किया. श्रीलंकन सरकार के प्रवक्ता बंदुला गुणावर्धने ने कहा कि सरकार के मंत्रिमंडल ने नागरिक विमानन और हवाई अड्डा सेवामंत्री की तरफ से आये प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है.

मटाला राजपक्षे अंतराष्ट्रीय एयरपोर्ट मे चीन की रुचि

पहले से कर्ज में डूबे श्रीलंका को चीन के बैंक ने हाइ इंटरेस्ट रेट पर कमर्सियल लोन दिया. श्रीलंका के इस एयरपोर्ट को पूरा करने में कुल मिलकर 20.9 करोड़ अमेरिकी डॉलर खर्च हुए. इसमें से 19 करोड़ डॉलर चीन के बैंक ने श्रीलंका को दिया. इस एयरोपोर्ट के लिए श्रीलंका को दिये कर्ज के बाद से दुनिया भर में ये आशंकाएं थी कि चीन ने श्रीलंका को अपने कर्ज के जाल में फंसाने के लिए इतना बड़ा निवेश किया. चीन इस एयरपोर्ट के जरिये भारत पर और करीब से नजर रख सकता था. पहले से ही आर्थिक तंगी से जूझ रहे श्रीलंका के लिए चीन के बैंक का कमर्शियल लोन का इंटरेस्ट और मूल पैसा वापस करना बेहद कठिन हो गया . ऐसे में 2016 से ही श्रीलंका सरकार इस एयरपोर्ट के प्रबंधन के लिए वाणिज्यिक साझेदार ढ़ूंढ रहा था. अब जब श्रीलंका ने इस एयरपोर्ट का मैनेजमेंट भारतीय और रुसी कंपनी को दे दिया तब देखना दिलचस्प होगा कि इस पर चीन की क्या प्रतिक्रिया आती है. भारत और रुस की कंपनी इस जगह पर पर्यटकों को लाने के लिए क्या खास उराय करती है, इस पर सबकी नजर है.

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