देश भर में होली का त्योहार मनाने की तैयारी चल रही है.चारो ओर रंगों का खुमार छाया है. वैदिक काल में माना जाता था कि वर्ष भर जो अच्छी-बुरी घटनाएं होनी थी वे तो हो चुकी,अब नई उर्जा के साथ नई शुरूआत का संकल्प लेना चाहिये. होली का त्यौहार सिर्फ रंग लगा देने या सरकारी छुट्टी तक ही सीमित नहीं है. यह त्योहार है गलतियों को भुलाकर नई शुरुआत करने का है. होली के त्योहार में हमारे समाज में ये परंपरा है कि वर्ष भर लोग चाहे कहीं भी रहे लेकिन इस त्योहार में अपने घर परिवार परिजनों के पास जरुर आते हैं. इस त्योहार में एक और परंपरा है वो है होलिका दहन का . होलिका दहन के साथ ही होली का अगाज होता है.
होलिका पूजन (HOLIKA DAHAN)से पहले जान लें जरुरी बात
होली का त्योहार पूरे धूमधाम से मनाने से पहले होलिका पूजा और होलिका दहन की परंपरा है . आइये आपको बताते है कि हैं कि होली की पूजा कैसे करें कि आपका त्योहार शुभ हो .
होलिका दहन का शुभ मुहूर्त
होलिका दहन के लिए पंडितों ने जो शुभ मुहूर्त निकाला है उसके मुताबिक 7 मार्च को शाम 6.24 मिनट से शाम 8.51 तक होलिका दहन किया जा सकता है. ये पूरी अवधि 2 घण्टे 27 मिनट की होगी. आपको बता दें कि होली 8 मार्च को मनायी जायेगी .
होलिका पूजन के लिए जरुरी सामग्री
एक थाली में रोली, कच्चा सूत, अक्षत, पुष्प, साबुत मूंग रखें. इसके साथ ही बताशे, नारियल, उंबी और बड़कुले यानि छोटे-छोटे उपलों की माला लें. इन सब साम्रगी के साथ पानी से भरा पात्र भी रखें.इन सभी चीजों के साथ होलिका की पूजा कर लें और होलिका दहन होने के पर परिक्रमा जरुर करें.
कैसे करें होलिका की पूजन
सबसे पहले होलिका पूजन के लिए पूर्व या उत्तर की ओर अपना मुख करके बैठें.अब अपने आस-पास पानी की बूंदें छिड़कें.गोबर से होलिका और प्रहलाद की प्रतिमाएं लगाएं. थाली में रोली, कच्चा सूत, चावल, फूल, साबुत हल्दी, बताशे, फल और एक कलश पानी रखें. नरसिंह भगवान का स्मरण करते हुए प्रतिमाओं पर रोली, मौली, चावल, बताशे और फूल अर्पित करें. अब सभी सामान लेकर होलिका दहन वाले स्थान पर ले जाएं.
होलिका दहन (HOLIKA DAHAN) पूजन से पहले के विधि विधान
अग्नि जलाने से पहले अपना नाम, पिता का नाम और गोत्र का नाम लेते हुए अक्षत (चावल) उठाएं और भगवान श्री गणेश का स्मरण कर होलिका पर अक्षत अर्पण करें. इसके बाद प्रह्लाद का नाम लें और फूल चढ़ाएं.भगवान नरसिंह का नाम लेते हुए पांच अनाज चढ़ाएं. अब दोनों हाथ जोड़कर अक्षत, हल्दी और फूल चढ़ाएं.
कच्चा सूत हाथ में लेकर होलिका पर लपेटते हुए परिक्रमा करें.आखिर में गुलाल डालकर चांदी या तांबे के कलश से जल चढ़ाएं.होलिका दहन के समय मौजूद सभी को रोली का तिलक लगाएं और शुभकामनाएं दें
होलिका दहन में परिक्रमा का महत्व
होलिका दहन में पूजा, परिक्रमा और प्रसाद का बहुत महत्व होता है.परिक्रमा करने से सभी दुःखों का नाश होता है और आपकी सभी इच्छाओं को पूर्ण वरदान प्राप्त होता है.
होली पर टोने टोटके से बचने के उपाय
होली पर किए गए टोने-टोटके का असर होता है.इस बात का खास ध्यान रखें कि होली वाले दिन सफेद खाद्य पदार्थों के सेवन से बचें. उतार और टोटके का प्रयोग सिर पर जल्दी होता है.होली के दिन सिर को ढंक कर रखना चाहिये