चंडीगढ़ Haryana political crisis : हरियाणा में नायब सिंह सरकार से तीन निर्दलीय विधायकों के समर्थन वापस लेने से उपजे हालात के बीच आज कांग्रेस का एक प्रतिनिधि मंडल राज्यपाल बंडारु दत्तात्रेय से मिलने राजभवन पहुंचा . कांग्रेस के प्रतिनिधिमंडल को मिलने के लिए दोपहर 3 बजे का समय दिया गया था लेकिन जब समय पर कांग्रेस के लोग पहुंचे तो राज्यपाल से मुलाकात नहीं हो पाई. राज्यपाल किसी कार्य से राजभवन से निकल चुके था. प्रतिनिधि मंडल ने कहा कि उन्होने ये कहते हुए अपना ज्ञापन सेक्रेट्री सीमा अग्रवाल को सौंप दिया है कि ये सरकार अब अल्पमत में है. कांग्रेस की तरफ से आफताब अहमद और बीबी बत्रा राजभवन पहुंचे थे .
Haryana political crisis : कांग्रेस की प्रेस कांफ्रेंस
राजभवन से निकलने के बाद कांग्रेस नेताओं ने कहा कि हम वर्तमान स्थिति में सरकार नहीं बनाना चाहते हैं , बल्कि चाहते हैं कि नई सरकार बनने से पहले राज्य में राष्ट्रपति शासन लगे. फिर चुनाव हो और नई सरकार बने. कांग्रेस का कहना है कि वो केवल तीन महीने के लिए सरकार नहीं बनाने चाहते है बल्कि ये चाहते है कि नये सिरे से जनादेश लिया जाये और नई सरकार बने.
विधायकों की खराद फरोख्त से बचा जाये- कांग्रेस
कांग्रेस ने अपने प्रेस कांफ्रेंस में कहा कि हम नहीं चाहते कि विधायकों की खरीद फरोख्त हो, इसलिए नए सिरे से चुनाव होने चाहिये. कांग्रेस नेता बी बत्रा ने कहा “सभी जानते हैं कि सरकार अल्पमत में आ गई है. JJP और और INLD ने भी राज्यपाल को पत्र दिया है.
विधानसभा में वर्तमान स्थिति
90 सदस्यों वाली हरियाणा विधानसभा में वर्तमान में 88 सदस्य हैं. दो सदस्यों मनोहर लाल खट्टर और रानियां से विधायक निर्दलीय विधायक रणजीत चौटाला ने इस्तीफा दिया है, और लोकसभा का चुनाव लड़ रहे हैं. अब कुल 88 विधायकों में BJP के 40 एमएलए , कांग्रेस के 30 एमएलए, जननायक जनता पार्टी (JJP) के 10 एमएलए, निर्दलीय 6 एमएलए, इंडियन नेशनल लोकदल (INLD) और हरियाणा लोकहित पार्टी (HLP) के 1-1 विधायक हैं. BJP के पास अपने 40 विधायकों के अलावा दो निर्दलीय और हरियाणा लोकहित पार्टी ( HLP) के एक एमएलए का समर्थन है. यानी सत्ताधारी बीजेपी के पास कुल 43 विधायकों का समर्थन हासिल है. वहीं बहुमत के लिए जरूरी आंकड़ा 45 है. इसलिए वर्तमान में हरियाणा विधान सभा में सत्ताधारी बीजेपी के पास जरुरी बहुमत के लिए जरुरी 45 विधायकों क जगह केवल 43 विधायक हैं. यही कारण है कि कांग्रेस ने BJP पर हमला बोल दिया है और राज्य में राष्ट्रपति शासन लागू करने की मांग कर रहे हैं.