Friday, November 22, 2024

Food Subsidy : लोकसभा चुनाव को देखते हुए मुफ्त अनाज योजना को सरकार ने अगले 5 साल तक बढ़ाया

दिल्ली:लोकसभा चुनाव 2024 से पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली NDA सरकार ने मास्टर स्ट्रोक खेल दिया है.दरअसल मोदी सरकार द्वारा कोरोना काल में गरीबों के लिए मुफ्त अनाज Food Subsidy की योजना को शुरू किया था.चुनाव को देखते हुए इस योजना को सीधे 5 साल के लिए बढ़ा दिया है.

Food Subsidy
Food Subsidy

Food Subsidy दिसम्बर में हो रही थी खत्म

इस योजना की मौजूदा अवधि दिसंबर में खत्म हो रही थी लेकिन अब यह योजना 1 जनवरी 2024 से सीधे अगले 5 साल के लिए लागू हो जाएगी. इसका लाभ प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना का करीब 81.35 करोड़ लाभार्थियों को मिलेगा. सरकार के इस फैसले पर केंद्रीय कैबिनेट ने 29 नवम्बर को मंजूरी की मुहर लगा दी है.

योजना में होगा 11.80 लाख करोड़ का खर्च

केंद्र सरकार को प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना के तहत अगले 5 साल तक 81 करोड़ लोगों को हर महीने मुफ्त अनाज देने के लिए मोटा खर्च करना पड़ेगा. सरकारी आकलन के हिसाब से इस योजना से करीब 11.80 लाख करोड़ रुपये की फूड सब्सिडी का बोझ सरकार के कंधों पर आएगा. सरकार का कहना है कि टारगेट पॉपुलेशन को मुफ्त खाद्यान्न उपलब्ध कराने के लिए वह इस सब्सिडी का बोझ उठाने के लिए तैयार है.सब्सिडी को मंजूरी देने के बाद सरकार की तरफ से जारी बयान में इसे ऐतिहासिक फैसला बताया गया है. कैबिनेट रिलीज में कहा गया, इस ऐतिहासिक फैसले ने PMGKAY को दुनिया की सबसे बड़ी सोशल वेलफेयर स्कीम बना दिया है.

राशन कार्ड धारकों को बड़ी बचत

परिवार के लिए 35 किलोग्राम चावल का खर्च 1371 रुपये और 35 किलोग्राम गेहूं का खर्च 946 रुपये बैठता है. अब यह राशन इन परिवारों को पूरी तरह मुफ्त में मिलेगा, जबकि यह खर्च भारत सरकार द्वारा उठाया जाएगा. इससे राशन कार्ड धारकों को बहुत बड़ी मासिक बचत होगी.केंद्र सरकार ने गरीबों को मुफ्त राशन देने के योजना 30 जून, 2020 को शुरू की गई थी.जिसकी डेडलाइन को कई बार बढ़ाया जा चुका है.इस बार 31 दिसंबर, 2023 को इसकी डेडलाइन पूरी हो रही थी, पीएम नरेंद्र मोदी ने छत्तीसगढ़ के दुर्ग में 4 नवंबर को आयोजित एक रैली में इस योजना को सीधे 5 साल के लिए बढ़ाने की घोषणा की थी.

पीएम ने 5 साल तक लगाई मुहर

पीएम मोदी ने कहा था कि 80 करोड़ परिवारों का पेट भरने वाली इस योजना को वे अगले 5 साल के लिए बढ़ाने जा रहे हैं. अब पीएम मोदी की घोषणा को केंद्र सरकार ने अमली जामा पहना दिया है.जिसका लक्ष्य अगले 5 साल में 11.80 लाख करोड़ रुपये के खर्च से 81.35 करोड़ लोगों को खाने और पोषण की सुरक्षा मुहैया कराना है.

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