दिल्ली आबकारी नीति घोटाला में गिरफ्तार दिल्ली सीएम अरविंद केजरीवाल Delh CM Arvind Kejriwal की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट में आज सोमवार को सुनवाई हुई, जिसमें कोर्ट ने प्रवर्तन निदेशायल को नोटिस जारी किया है और 24 अप्रैल तक जवाब देने के लिए कहा है. सुप्रीम कोर्ट में अब इस मामले की सुनवाई 29 मई को होगी.
Supreme Court asks ED to file its response on or before April 24. Supreme Court posts the plea of Kejriwal on the week commencing from April 29.
Senior advocate Abhishek Manu Singhvi appearing for Kejriwal tells the Supreme Court that the arrest was made to disable him from… https://t.co/ngPlXoH0zb
— ANI (@ANI) April 15, 2024
Delh CM Arvind Kejriwal को सुप्रीम कोर्ट से राहत नहीं
सोमवार को दिल्ली सीएम अरविंद केजरीवाल की तरफ से लगाई गई याचिका में मांग की गई कि लोकसभा चुनाव 2024 के लिए उन्हें प्रचार अभियान में शामिल होना है. अपनी पार्टी के लिए उम्मदीवार तय करने में सलाह मशवरे की जरुरत होगी, इसलिए अरविंद केजारीवाल को राहत दी जाये लेकिन अरविंद केजरीवाल के वकील अभिषेक मनु सिंहवी को सुप्रीम कोर्ट ने ये कहते हुए रोक दिया कि आपको जो भी कहना है, वो आप 29 अप्रैल को कहें . सिंहवी ने कोर्ट मे दलील दी कि अरविंद केजरीवाल को चुनाव प्रचार से रोकने के लिए गिरफ्तार किया गया है. सुप्रीम कोर्ट ने फिलहाल दिल्ली सीएम को चुनाव प्रचार के लिए कोई राहत नहीं दी है.सुप्रीम कोर्ट ने अरविंद केजरीवाल की तऱफ से दाखिल याचिका को सुनवाई के लिए स्वीकार करते हुए प्रवर्तन निदेशालय को नोटिस जारी किया और 24 अप्रैल तक अपना जवाब देने के लिए कहा है . वहीं अरविंद केजरीवाल को ईडी के सवालों का जवाब देना के लिए 27 अप्रैल तक का समय दिया गया है.
केजरीवाल को हाईकोर्ट से ही नहीं मिली थी राहत
प्रवर्तन निदेशालय द्वारा की गई गिरफ्तारी को असंवैधानिक बताते हुए अरविंद केजरीवाल ने दिल्ली हाईकोर्ट में याचिका दाखिल की है और वहां भी जमानत के लिए अर्जी लगाई है लेकिन पिछले हफ्ते दिल्ली हाइकोर्ट ने भी सीएम केजरीवाल की अर्जी पर सुनवाई करने के बाद कोई राहत नहीं दी. दिल्ली हाईकोर्ट की जज जस्टिस स्वर्णकांता शर्मा ने अपनी टिप्पणी में कहा था कि ये केंद्र सरकार और केजरीवाल के बीच का मामला नहीं है, बल्कि अरविंद केजरीवाल और प्रवर्तन निदेशालय के बीच का मामला है.अरविंद केजरीवाल को मनी लांड्रिंग के मामले में गिऱफ्तार किया गया है. इसलिए उन्हें कोई विशेषाधिकार नहीं दिया जा सकता है.हाईकोर्ट ने कहा था कि ईडी के पास उन्हें गिऱफ्तार करने के लिए पर्याप्त सूबत हैं. जस्टिस स्वर्णकांता शर्मा ने कहा कि जांच में सीएम को पूछताछ से छूट नहीं दी जा सकती है. जज कानून के दायरे में बंधे होते हैं, राजनीति से नहीं.
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