PFI के समर्थन में आये BSP सांसद, केंद्र के फैसले को बताया शर्मनाक !

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पॉपुलर फ्रंट ऑफ़ इंडिया को भारत के नक़्शे से निकाल फेंकने के लिए केंद्र सरकार और सुरक्षा एजेंसियों ने मिलकर PFI के खिलाफ अभियान चलाया हुआ है. जिसके तहत हर वो शख्स जिसके मंसूबे भारत और भारतवासियों के लिए नापाक है. उसे गिरफ्तार किया जारह है . इस अभियान में पहली सफलता तब मिली जब 27 सितम्बर को PFI के कई ठिकानों पर रेड के बाद केंद्र सरकार ने PFI पर 5 साल का बैन लगा दिया. हालाँकि अभियान अभी थमा नहीं है अभी भी कार्रवाई लगातार जारी है। ताज़ा मामला महाराष्ट्र की राजधानी मुंबई से सामने आया है. जहाँ PFI के स्टेट जनरल सेक्रेटरी अँड फायनान्स इन्चार्ज सईद अहमद सरदार अहमद खान को मुंबई के पवई इलाक़े से हिरासत में लिया गया .

पुलिस से मिली जानकारी के मुताबिक 22 सितंबर को देशभर में NIA की जो छापेमारी हुई थी. उसके खिलाफ ये लगातार ट्विटर और अन्य सोशल मीडिया माध्यम से धार्मिक भावना भड़काने की कोशिश कर रहा था. इसके अलावा लोगों में यह संदेश पहुँचा रहा था कि PFI पर सरकार ने जो प्रतिबन्ध लगाया है वो सरसर ग़लत है. इसके अलावा ऐसे ट्विट करने वाले तमाम लोगों के ट्विट को रीट्वीट कर उसे वायरल करने की कोशिश में लगा हुआ था.

सईद अहमद के ख़िलाफ़ साल 2019 में कुर्ला पुलिस स्टेशन में महाराष्ट्र पुलिस एक्ट की धारा 37(1)(इ),37(1)(एफ) और 135 के तहत मामला दर्ज किया गया था . सईद अहमद के ख़िलाफ़ पवई पुलिस ने CRPC की धारा 151(3) के तहत करवाई की है.
जहाँ एक तरफ केंद्र सरकार देश कि शांति भंग करने वालों को जेल कि काल कोठरी में दाल रही है वहीँ दूसरी तरफ कुछ राजनेता इस मामले पर भी राजनीति करने से बाज़ नहीं आरहे . मामले को संभाल ने कि जगह और बिगाड़ रहे हैं। ऐसे ही एक राजनेता का नाम है बसपा सांसद हाजी फजलुर्रहमान .
सांसद हाजी ने पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (PFI) और इसके सहयोगी संगठनों पर पांच साल का प्रतिबंध लगाए जाने पर कड़ी प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि यह फैसला लोकतंत्र के खिलाफ है . ‘उन्होंने कहा कि लोकतंत्र में हर किसी को अपनी बात कहने का हक है – सहारनपुर से बसपा के सांसद हाजी फजलुर्रहमान ने इसको दु:खद करार देते हुए कहा की हमारे हिंदुस्तान में जम्हूरियत का बोलबाला है – हर किसी को अपनी बात उठाने का हक है मुझे लगता है शायद सरकार को इस बात का एहसास होगा कि पीएफआई सियासी तौर पर उसे नुकसान दे सकती है और इसको शायद इसलिए बैन किया गया है.
सांसद हाजी फजलुर्रहमान ने कहा कि पीएफआई को बैन करने की हम निंदा करते हैं और उम्मीद करते हैं कि हर किसी को जम्हूरियत में अपनी बात कहने का मौका मिलेगा और इनको भी यह मौका मिलना चाहिए.