लोकसभा 2024 में सभी दलों से दूरी बनाये रखने वाली BSP प्रमुख मायावती ने पहले ही ऐलान कर दिया था कि वो अकेले ही चुनाव लड़ने जा रही है , और अब ऐसे उम्मीदवारों को मैदान में उतार रही है जिससे ये तय माना जा रहा है कि ये उम्मीदवार सांप्रदायिक ताकतों के खिलाफ लड़ने वाली पार्टियों के वोट काटने के लिए उतारे जा रहे हैं. ताजा उदाहरण हरिद्वार का हैं .
BSP ने मौलाना जमील अहमद काजमी को बनाया हरिद्वार प्रत्याशी
इंडिया गठबंधन से अलग राह बनाती नजर आ रही मायावती ने हरिद्वार में मुस्लिम प्रत्याशी उतार कर धर्मनिरपेक्ष मतों में साफ साफ दरार डाल दी. एक दिन पहले तक य़हां से भावना पांडेय का नाम बसपा प्रत्याशी के तौर पर नाम उछाला जा रहा था लेकिन अचनाक बीएसपी सुप्रीमों मायावती ने यूपी की मीरापुर विधानसभा से विधायक मौलाना जमील अहमद काजमी को हरिद्वार का टिकट दे दिया है. रातों रात होली के दिन उड़े इस गुलाल के बाद भावना पांडेय पार्श्व में चली गईं. उनके भाजपा के निकट जाने की चर्चायें भी आम हो गई है.
चुनावी करवट- मायावती की पिचकारी से कांग्रेस के उड़े रंग
लगभग 19 लाख मतों वाली हरिद्वार लोकसभा में मुस्लिम मत विशेष प्रभाव रखते हैं. इन मतों का बंटवारा अब कांग्रेस और बसपा के बीच तय माना जा रहा है. इधर भावना पांडेय पहाड़ी मतदाताओं में सेंध लगाते हुए भाजपा और कांग्रेस के मतों में विभाजन करती लेकिन बदले राजनीतिक समीकरण के तहत बसपा के मुस्लिम उम्मीदवार सीधे सीधे कांग्रेस प्रत्याशी वीरेंद्र रावत को नुकसान पहुंचाएंगे. इंडिया गठबन्धन से बाहर चल रही मायावती की पिचकारी ने हरिद्वार में कांग्रेस को झटका देते हुए भाजपा प्रत्याशी त्रिवेंद्र रावत की चुनावी डगर थोड़ी और आसान कर दी है.
भावना पांडेय भाजपा में शामिल होंगी
एक तरफ हरिद्वार में बसपा प्रत्याशी के तौरा पर भावना पा्डेय का नाम चर्चा में था लेकिन उनकी बीजेपी से नजदीकियो के चर्चे भी चल रहे थे. अब इन कयासों को विराम देते हुए भावना पांडेय की तरह से कहा वो जल्द ही भाजपा में शामिल होने जा रही है.