Bihar: घोड़े की सवारी, हाथ में छड़ी और सामने सड़क पर कान पकड़ कर उठक बैठक करते लोग…ऐसा नजारा 80 की दशक में बॉलीवुड की फिल्मों में देखने को मिलता था. यह नजारा अंग्रेजी हुकूमत या जमींदारों के जुल्म क़ो भी याद दिलाता है. हालांकि ये ना तो किसी फ़िल्म का दृश्य है और ना उस जमाने से जुड़ा है. ये तो डिजिटल और विकसित इंडिया का नजारा है. विश्व के सबसे बड़े लोकतंत्र में घोड़े पर बैठे जनता के सेवक का है.
होली के दिन SDM घोड़े पर क्षेत्र भ्रमण पर निकले
उदाकिशुनगंज अनुमंडल के एस.डी.एम एस जेड हसन हाथ में छड़ी लिए जनता से उठक-बैठक करा रहे थे. दरअसल, पूरा मामला होली के दिन सोमवार को एसडीएम अपने घोड़े पर क्षेत्र भ्रमण पर निकले थे. साथ में पुलिस भी थी.होली को लेकर शांति समितियों की हुई बैठकों में हुड़दंगियों पर सख्त कार्रवाई की बात तो कही जाती रही लेकिन ऐसा हुआ या नहीं यह तो पुलिस और प्रशासन ही जाने.अलबत्ता होली के दिन जो कुछ हुआ उसे हर किसी ने देखा .एसडीएम जिधर भी गए उधर बाइक पर ट्रिपल लोड चल रहे युवकों, बुजुर्गों और अधेड़ों को बीच सड़क पर कान पकड़ कर उठक-बैठक कराते रहे.
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बीच सड़क पर कान पकड़ लोगों से कराई उठक-बैठक
बाइक से होली खेलने आ-जा रहे कई लोगों से भी उठक बैठक कराई गई. इसमें से कई लोग तो बेचारे अपने रिश्तेदारों के साथ भी थे. ऐसे में बीच सड़क पर कान पकड़ कर उठक बैठक करने से उन्हें सारे आम लज्जित होना पड़ा. उधर लोगों का कहना था की होली के मौके पर सख्ती होनी ही चाहिए, लेकिन अब होली के समय में बच्चे और युवा थोड़ी बहुत मस्ती करते ही हैं.
प्रशासन की इस कार्रवाई से लोगों में नाराजगी
इस तरह से बीच सड़क पर लोगों से कान पड़कर उठक बैठक करा कर उनकी मर्यादा से खेलने का अधिकार किसी को नहीं है. अगर किसी ने कानून तोड़ा था तो उसका चालान काटा जाना चाहिए था लेकिन यह मानवाधिकार का हनन है कि एक अधिकारी घोड़े पर बैठकर लोगों से बीच सड़क पर उठक बैठक कर रहा है.