Air Pollution: दिल्ली, नोएडा, गुरुग्राम और राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र के अन्य आसपास के इलाकों के कई हिस्सों में मध्यरात्रि को हल्की बारिश हुई, जिससे दिल्ली-एनसीआर में जहरीली हवा से हो रहे Air Pollution से लोगों की भारी राहत मिली है . Air Pollution से त्रस्त क्षेत्रिय मौसम पूर्वानुमान केंद्र ने दिल्ली और एनसीआर के कई स्थानों और आसपास के इलाकों में हल्की तेज या रुक-रुक कर होने वाली बारिश की भविष्यवाणी की है.इसमें यह भी कहा गया है कि उत्तर प्रदेश में भी कई इलाकों में हल्की बारिश होने की उम्मीद है.
दिल्ली में आज Air Pollution का स्तर
केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के अनुसार दिल्ली के आनंद विहार में औसत AQI 462 गंभीर दर्ज किया गया था.जो सुबह सुधरकर ‘मध्यम’ श्रेणी में पहुंच गया. पूरी दिल्ली के कई वायु निगरानी स्टेशनों ने पिछली रात के 400+ के मुकाबले ‘अच्छी’ श्रेणी में 100 से कम AQI दर्ज किया गया.वहीं, मेजर ध्यानचंद नेशनल स्टेडियम 9. नई दिल्ली अमेरिकी दूतावास में 93, पंजाबी बाग 91 दर्ज किया गया है.
कनॉट प्लेस में वायु गुणवत्ता में भी सुधार हुआ और यह ‘अच्छी’ श्रेणी में 85 दर्ज किया गया. अचानक हुई बारिश दिल्ली सरकार की 20-21 नवंबर को क्लाउड सीडिंग के माध्यम से कृत्रिम बारिश की योजना को लोगू करने से पहले ही हो गई है , जिसे शहर में गंभीर वायु प्रदूषण को कम करने के लिए लागू किया जाना था.
क्या है क्लाउड सीडिंग,कैसे होती है कृत्रिम वर्षा ?
मौसम विज्ञान विभाग (IMD) के महानिदेशक मृत्युंजय महापात्र के मुताबिक कृत्रिम बारिश कराने की कोशिश तभी की जा सकती है , जबआसमान में बादल हों या नमी हो. ‘क्लाउड सीडिंग’ के लिए संघनन को बढ़ाने के लिए कैमिकल को हवा में छोड़ा जाता है , जिसके बाद कैमिकल रियेक्शन से नमी पानी में बदल जाता है और बारिश होती है. ‘क्लाउड सीडिंग’ के लिए आम तौर पर सिल्वर आयोडाइड ( Silver Iodide), पोटैशियम आयोडाइड (potassium iodide) और शुष्क बर्फ (solid carbon dioxide) का प्रयोग किया जाता है. दुनिया के कई हिस्सों में इसी तकनीक के जरिये कृत्रिम बारिश कराई जाती है. ऐसा खास कर के उन इलाकों मे किया जाता है जहां अत्यधिक सूखा या पानी की कमी रहती है .