सुप्रीम कोर्ट से बीसीसीआई के संविधान में संशोधन की अनुमति मिलने के साथ ही ये सवाल उठने लगे हैं कि आने वाले समय में क्या जय शाह बन सकते हैं बीसीसीआई के अध्यक्ष ?
भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (BCCI) ने सुप्रीम कोर्ट में मौजूदा संविधान के संशोधन के लिए याचिका डाली थी. जिसे मंजूर करते हुए शीर्ष अदालत ने BCCI को बड़ी राहत देते हुए संविधान में संशोधन करने की अनुमति दे दी है.इस संशोधन का सीधा फायदा वर्तमान BCCI चेयरमैन सौरव गांगुली और सचिव जय शाह (गृहमंत्री अमित शाह के बेटे) को मिलेगा.ये दोनों अगले तीन साल तक अपने पद पर बने रह सकते हैं.
बीसीसीआई के संविधान के अनुसार एक पद पर लगातार तीन साल बने रहने के बाद ब्रेक पर जाना अनिवार्य था. बीसीसीआई की तरफ से इस नियम में ढील देने की अनुमति मांगी गई थी. जिसे मानते हुए सुप्रीम कोर्ट ने संविधान में संशोधन करने की अनुमति दे दी. सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ और जस्टिस हिमा कोहली की अदालत ने अपने आदेश में कहा है कि संशोधन के बाद एक पदाधिकारी 12 साल तक पद पर बने रह सकते हैं.इस में राज्यों में 6 साल औऱ BCCI में 6 साल तक पदाधिकारी रह सकते हैं.इसके बाद तीन साल के अनिवार्य ब्रेक पर जाना होगा. अदालत ने ये साफ किया कि ब्रेक का मकसद अवांछित अधिकार नहीं बनने देना है .
अदालत के इस फैसले के बाद अब ये साफ है कि बीसीसीआई अध्यक्ष सौरव गांगुली और सचिव जय शाह अगले तीन साल तक अपने पद पर बने रह सकते हैं.
इस बीच सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक सौरव गांगुली की जगह जय शाह अध्यक्ष पद के लिए दावेदारी कर सकते हैं. BCCI में जल्द ही चुनाव कराये जाने की भी संभावना है.राज्य और बीसीसीआई के ज्यादातर अधिकारी सौरव गांगुली के मुकाबले जय शाह को अध्यक्ष बनाने के पक्ष में बताये जा रहे हैं.जल्द ही बीसीसीआई बोर्ड में एजीएम बुलाया जायेगा, एजीएम के बाद ही कुछ साफ परिदृश्य सामने आ सकता है.