इलाहाबाद विश्वविद्यालय में फीस बढ़ोतरी के खिलाफ विरोध प्रदर्शन कर रहे छात्रों में से एक छात्रा ने आत्मदाह करने का प्रयास किया.ये छात्र कॉलेज प्रशासन द्वारा चार गुणा फीस बढ़ोतरी के खिलाफ कैंपस में अमरण अनशन पर बैठे हैं. विरोध प्रदर्शन के दौरान वाइसचांसलर के दफ्तर के बाहर एक छात्र ने खुद के ऊपर तेल छिड़क कर आत्मदाह करने की कोशिश की.
पुलिस ने कराया मामला शांत
पुलिस के मुताबिक कुछ और छात्रों ने भी ऐसा करने का प्रयास किया.मौके पर पहुंची पुलिस के हस्तक्षेप के बाद मामला शांत हुआ.SP सिटी संतोष कुमार मीणा के मुताबिक मामले को शांत करा दिया गया है और पुलिस तथ्यों पर आधारित जांच कर रही है. दोनों पक्षों में आपसी संवाद से मामले को सुलझाने के प्रयास किए जा रहे हैं.
प्रदर्शन के दौरान कुछ छात्रों की पुलिस के साथ झड़प भी हुई.छात्रों को शांत कराने के लिए पुलिस ने वाटर कैनन का इस्तेमाल किया.
क्या है पूरा मामला
दरअसल इलाहाबाद युनिवर्सिटी के छात्र विवि प्रशासन की तरफ से बढ़ाई गई फीस को वापस लेने की मांग कर रहे हैं.प्रशासन ने नये सत्र में मौजूदा सत्र से 4 गुणा ज्यादा फीस बढाई है.
इस मामले पर पूछ जाने पर विश्वविद्यालय प्रशासन की तरफ से वाइस चांसलर संगीता श्रीवास्तव ने तर्क दिया कि पिछले 100 सालों से विवि में फीस नहीं बढ़ाई गई थी. इसलिए फीस बढ़ाना आवश्यक था. मेरी मां ने इसी विवि से पढ़ाई की उनकी फीस 12 रुपये थी, मैंने भी 12 रुपये की फीस में इसी विश्वविद्यालय में पढ़ाई की, अब मेरे बच्चे भी यहीं से पढते तो वो भी 12 रुपये फीस ही देते.महंगाई इतनी ज्यादा है कि हर चीज हो नही पा रही है. सरकार ने भी हमसे इंटरनल रिसोर्स जेनरेट करने के लिए कहा है. सरकार की तरफ से कहा गया है कि कुछ खर्च हम खुद वहन करें और कुछ सरकार से मिलेगी. ऐसे में फीस बढ़ाने के अलावा कोई चारा नहीं था.
विश्वविद्यालय पर साढे सात करोड़ का बिजली बिल बकाया है
वाइस चांसलर संगीता श्रीवास्तव के मुताबिक इलाहाबाद विश्वविद्यालय में 20 हॉस्टल हैं और यहां 35 हजार से ज्यादा छात्र पढ़ाई करते हैं. कोविड के दौरान छात्रों ने जम कर बिजली का इस्तेमाल किया और जब प्रशासन की तरफ से बिल भरने को कहा गया तो धरना प्रदर्शन करने लगे. विश्वविद्यालय पर साढे सात करोड़ का बिजली बिल बकाया है.किसी भी समय यहां की बिजली काटी जा सकती है.
वाइस चांसलर संगाता श्रीवास्तव ने कहा कि 12 रुपये की फीस में विश्वविद्यालय में छात्रो को सारी सुविधायें नहीं मिल सकती है.इस लिए विश्वविद्लाय प्रशासन को ठीक तरह से चलाने के लिए फीस बढ़ाना जरूरी था.