Lok Sabha Election 2024: 2024 के लोकसभा चुनाव बड़ी तेज़ी से नज़दीक आ रहे हैं. जिसके चलते तमाम राजनीतिक पार्टियां कमर कसकर तैयारियों में जुट गयी है. इस बीच एक बड़ी खबर सामने आई है कि हैदराबाद के भाईजान कहे जाने वाले सांसद असदुद्दीन ओवैसी की पार्टी AIMIM ने बड़ा एलान किया है. ओवैसी इस बार लोकसभा चुनाव में यूपी से भी ताल ठोकने को तैयार बैठे हैं. इस खबर से सिर्फ बीजेपी ही नहीं बल्कि अखिलेश यादव की भी रातों की नींद उड़ गई है. ओवैसी के लोकसभा चुनाव मैदान में उतरने से किसे होगा फायदा और किसे हो सकता है नुकसान, आइये इस खबर में आपको बताते हैं.
AIMIM के मैदान में आने से बढ़ सकती है सपा की मुश्किलें
ओवैसी की पार्टी आल इंडिया मजलिस ए इत्तेहादुल मुसलमीन (एआईएमआईएम) ने उत्तर प्रदेश में सात सीटों पर प्रत्याशी उतारने का फैसला किया है. यह सभी सीटें मुस्लिम बाहुल्य वाली हैं. ओवैसी की पार्टी ने इसके लिए एक अलग रणनीति बनाई है. माना जा रहा है कि ओवैसी के इस कदम से इंडिया गठबंधन खासकर समाजवादी पार्टी की मुश्किलें बढ़ सकती हैं क्योंकि इस फैसले से जो वोटबैंक अबतक सपा या कांग्रेस का था, उस पर अब AIMIM का कब्ज़ा हो सकता है.
ओवैसी करेंगे गठबंधन की राह मुश्किल ?
AIMIM के प्रवक्ता आसिम वकार ने साफ कहा कि एआईएमआईएम अखिलेश यादव की संभावित सीट आजमगढ़ पर प्रत्याशी उतारने के साथ ही शिवपाल यादव की बदायूं सीट पर भी उम्मीदवार उतारेगी. इसी तरह सपा के राष्ट्रीय महासचिव प्रोफेसर रामगोपाल यादव के बेटे की सीट फिरोजाबाद पर भी उम्मीदवार उतारेगी. इसके अलावा संभल, मुरादाबाद, अमरोहा और मेरठ जैसी सीटों पर प्रत्याशी उतारे जाएंगे. इतना ही नहीं इन सीट्स पर मुस्लिम कार्ड खेलते हुए ओवैसी की पार्टी ने इंडिया गठबंधन पर सौतेला व्यवहार करने का आरोप भी लगाया है.
ओवैसी खुद यूपी से लड़ सकते हैं लोकसभा चुनाव
इससे पहले AIMIM उत्तर प्रदेश अध्यक्ष शौकत अली ने 20 लोकसभा सीटों पर चुनाव लड़ने का प्रस्ताव भेजा था. अब सात सीटें फाइनल मानी जा रही हैं. कहा तो यह भी जा रहा है कि ओवैसी खुद यूपी से लोकसभा चुनाव लड़ सकते हैं. मीडिया रिपोर्ट में एआईएमआईएम के प्रवक्ता मोहम्मद फरहान साहेब ने कहा कि अभी यह फैसला नहीं हुआ है कि ओवैसी कौन सी सीट से चुनाव लड़ेंगे. कहा कि समाजवादी पार्टी ने उनकी सीटों की मांग नहीं मानी तो ओवैसी यूपी से भी चुनाव लड़ सकते हैं.
उनकी पार्टी ने सपा से नगीना, आजमगढ़, संभल, मुरादाबाद और आंवला लोकसभा सीट मांगी है. प्रवक्ता ने कहा कि अगर सपा ने डिमांड नहीं मानी तो न सिर्फ ओवैसी यूपी से चुनाव लड़ेंगे बल्कि 25 और सीटों पर हमारे प्रत्याशी उतरेंगे.
हालाँकि चुनाव की ये राह ओवैसी के लिए भी आसान नहीं होगी. एआईएमआईएम यूपी में 2022 का विधानसभा चुनाव पहले भी लड़ चुकी है. पार्टी ने 95 सीटों पर उम्मीदवार उतारे थे. असदुद्दीन ओवैसी ने दर्जनों रैलियां की थी. फिर भी पार्टी को एक भी सीट हासिल नहीं हो पाई थी लेकिन दूसरी पार्टियों के वोट काटने में कामयाब रही थी.
अखिलेश-राहुल वोटों का बंटवारा रोकने के लिए छोटे दलों को एक करना चाहते हैं
अब देखना ये होगा कि सपा सुप्रीमो अखिलेश की बात मानते हैं या चुनावी मैदान में अब साइकिल और पतंग की तकरार के बीच कमल खिलता है. वैसे अखिलेश यादव और राहुल गांधी वोटों का बंटवारा रोकने के लिए छोटे दलों को एक करना चाहते हैं. सपा ने 80 में से 63 सीटों को अपने पास रखा है. इसमें से आधी सीटों पर प्रत्याशी उतार भी दिया है. ऐसे में ओवैसी की मांगों को स्वीकार करना मुश्किल है.